शिमला: किसान आंदोलन को समर्थन देने के लिए जहां खिलाड़ियों और कुछ एक लेखकों ने अपने अवॉर्ड लौटाने की पहल की थी उसी कड़ी में विख्यात लेखक अवतार एनगिल ने भी अपना हिमाचल कला भाषा एवं संस्कृति अकादमी की ओर से दिया गया अकादमी पुरुस्कार लौटा दिया है. इसकी जानकारी उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट के माध्यम से दी है.
विख्यात कवि अवतार एनगिल ने दिया किसानों को समर्थन
दो बार अकादमी पुरस्कार से सम्मानित हिमाचल के विख्यात कवि अवतार एनगिल ने किसान आंदोलन के समर्थन में हिमाचल कला अकादमी पुरस्कार लौटा दिया है. अवतार एनगिल इन दिनों कनाडा में रह रहे हैं. उन्होंने कहा कि हमारे किसानों और केंद्र सरकार के बीच चल रहे कृषि कानूनों को लेकर जारी गतिरोध को रोकने के लिए निर्मम प्रयासों के चलते 'मैं हिंदी कविता के लिए अपने दोनों अकादमी पुरस्कार लौटा रहा हूं.
अनेक हिन्दी लघु कथाकारों की रचनाओं के अनुवाद पंजाबी पत्र-पत्रिकाओं में
बता दें कि लेखक अवतार एनगिल को हिमाचल कला भाषा एवं संस्कृति अकादमी की ओर से हिन्दी विधा के अंतर्गत वर्ष 1997-98 के लिए कविता संग्रह, तीन डग कविता, अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया है. लेखक अवतार एनगिल की कृतियों के बात करें तो उसमें (इक सी परी (पंजाबी संग्रह,1981), सूर्य से सूर्य तक(कविता संग्रह,1983), मनखान आयेगा(कविता संग्रह,1985), अंधे कहार (कविता संग्रह,1991), तीन डग कविता (कविता संग्रह,1995), अफसरशाही बेनकाब (अनुवाद,1996) ओर सआदत हसन मंटो, ओ हेनरी, ख्वाजा अहमद अब्बास, रांगेय राघव एवं अनेक हिन्दी लघु कथाकारों की रचनाओं के अनुवाद पंजाबी पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित है.
वहीं, इनका एम.के.काव की चर्चित रचना 'Bureaucracy I.A.S. Unmasked', का अनुवाद 'पंजाबी ट्रिब्यून' में धारावाहिक रूप में एवं पुस्तकाकार में भी प्रकाशित व चर्चित हैं.