शिमला: प्रदेश सरकार ने पीजी डॉक्टर्स की बैंक गारंटी को 10 लाख से कम करके 5 लाख कर दिया है. हालांकि, रेजिडेंट डॉक्टर्स ने सरकार के इस निर्णय को नकार दिया है. डॉक्टर्स सरकार से बैंक गारंटी को पूरी तरह से खत्म करने की मांग कर रहे हैं.
रेजिडेंट डॉक्टर्स के सचिव नितेश कंवर ने कहा कि कई डॉक्टर्स की वित्तीय हालत इतनी अच्छी नहीं होती कि वह 5 लाख नगद दे सकें. सरकार को बैंक गांरटी की शर्त हटानी चाहिए. आरडीए ने कहा कि अभी तक डॉक्टर्स की सैलरी भी नहीं आई है, जिससे उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
वहीं, आरडीए अध्यक्ष डॉ. जरियाल ने कहा कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होती तब तक उनकी हड़ताल जारी रहेगी. उन्होंने कहा कि अभी काले बिल्ले लगाकर काम कर रहे हैं, लेकिन आने वाले दिनों में पेन डाउन हड़ताल की जाएगी.
ये है मामला
रेजिडेंट डॉक्टर्स काफी समय पहले से रेजिडेंट डॉक्टर्स प्रदेश सरकार से बैंक गारंटी को खत्म करने की मांग कर रहे हैं. बीते कुछ महीने पहले एक पीजी डॉक्टर ने सुसाइड तक करने को कह दिया था, लेकिन बावजूद इसके सरकार कोई कदम नहीं उठा रही है. डॉक्टर्स का कहना है कि सरकार को 10 लाख की बैंक गारंटी को खत्म करना चाहिए ताकि पीजी डॉक्टर्स को परेशानियों का सामना न करना पड़े.
सरकार द्वारा रेजिडेंट डॉक्टर की मांगें पूरी न करने पर अब एचएमओए भी उनके समर्थन में उतर गई है. सोमवार को मेडिकल एसोसिएशन के सभी डॉक्टरों ने भी रेजिडेंट डाक्टर्स के साथ प्रदेशभर में काले बिल्ले लगाकर काम किया और सरकार के प्रति रोष जताया.