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प्रदेश में अब 4 नए स्थानों पर पैराग्लाइडिंग और रीवर राफ्टिंग की मिली अनुमति - Himachal latest news

प्रदेश में अब 4 नए स्थानों पर पैराग्लाइडिंग की अनुमति मिल गई है. चिन्हित किए गए नए पैराग्लाइडिंग स्थानों में कुल्लू जिला के पंधारा से गाड़सा और खड़गान से नंगाबाग, कांगड़ा जिला में तंग नरवाना से खिरकू, चम्बा जिला में दरोटा से लहारा (खजियार) और लहारा से दरोल और रेना से नैनी खड्ड जरैई शामिल है.

पैराग्लाइडिंग और रीवर राफ्टिंग की मिली अनुमति
पैराग्लाइडिंग और रीवर राफ्टिंग की मिली अनुमति
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Published : Feb 24, 2021, 10:48 PM IST

Updated : Feb 25, 2021, 7:08 AM IST

शिमलाः एडवेंचर टूरिज्म का शौक रखने वालों के लिए हिमाचल पसंदीदा जगह बनता जा रहा है. प्रदेश में अब 4 नए स्थानों पर पैराग्लाइडिंग की अनुमति मिल गई है. पर्यटक अब जिला कुल्लू, मण्डी, कांगड़ा, चम्बा और शिमला में नए स्थानों पर जाकर पैराग्लाइडिंग का आनंद उठा सकते हैं.

चिन्हित किए गए नए पैराग्लाइडिंग स्थान

चिन्हित किए गए नए पैराग्लाइडिंग स्थानों में कुल्लू जिला के पंधारा से गाड़सा और खड़गान से नंगाबाग, कांगड़ा जिला में तंग नरवाना से खिरकू, चम्बा जिला में दरोटा से लहारा (खजियार) और लहारा से दरोल और रेना से नैनी खड्ड जरैई शामिल है. इसके अलावा जिला मण्डी में पैराग्लाइडिंग के लिए अधिसूचित किए गए स्थानों में पराशर और सपेणीधार, जिला शिमला में टिक्कर, जुन्गा से चैरी/जुन्गा शामिल है.

इसके अलावा भी प्रदेश में सहासिक खेल प्रेमियों के लिए कई स्थान पहले से मौजूद हैं, जहां वे पैराग्लाइडिंग कर सकते हैं. इन स्थानों में जिला कांगड़ा में बीड़-बिलिंग और धर्मशाला के निकट चोहला इन्द्रू नाग, जिला सोलन में मौजा रिहाद से करगाणु, जिला सिरमौर में सेर-जगास शामिल है.

रीवर राफ्टिंग के लिए चिन्हित किए नए स्थान

रीवर राफ्टिंग के लिए जिला कुल्लू में शमशी से जीहरी और बबेली से पारदी, जिला शिमला में लूहरी से तत्तापानी, लाहौल-स्पीति में दारचा से जिस्पा और काजा पुल से ताबो शामिल है.

निदेशक ने दी जानकारी

निदेशक, पर्यटन एवं नागरिक उड्डयन यूनुस ने कहा कि वाटर स्पोर्ट्स के लिए ब्यास नदी में नादौन से देहरा पुल को रीवर राफ्टिंग के लिए अनुमति दे दी गई है. पैराग्लाइडिंग पायलट और पर्यटकों की सुरक्षा के लिए पर्यटन विभाग ने अटल बिहारी वाजपेयी पर्वतारोहण एवं संबद्ध खेल संस्थान, मनाली के समन्वय से पैराग्लाइडिंग पायलटों को प्रशिक्षण देने की पहल की है. इसके तहत टैंडम पैराग्लाइडिंग पायलट के लिए एसआईवी पाठ्यक्रम शामिल है, जो पैराग्लाइडिंग के लिए एक सुरक्षा प्रशिक्षण पाठ्यक्रम है.

2 वर्षों में 749 लोगों को प्रशिक्षण दिया गया

यूनुस ने बताया कि पिछले 2 वर्षों के दौरान 749 लोगों को प्रशिक्षण प्रदान किया गया है, जिस पर लगभग 2 करोड़ रुपये व्यय किए गए हैं. इनमें सामान्य पर्वतारोहण पाठ्यक्रम, पैराग्लाइडिंग पाठ्यक्रम, बुनियादी, मध्यम और आधुनिक स्कींइग पाठ्यक्रम के अलावा नए चिन्हित किए गए क्षेत्रों में स्थानीय लोगों को प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए एसआईवी कोर्स शामिल है.

ये भी पढ़ें- लॉकडाउन खत्म होने के बाद चोर फिर हुए सक्रिय, कहीं टूटे ताले तो कहीं लुटे पैसे

शिमलाः एडवेंचर टूरिज्म का शौक रखने वालों के लिए हिमाचल पसंदीदा जगह बनता जा रहा है. प्रदेश में अब 4 नए स्थानों पर पैराग्लाइडिंग की अनुमति मिल गई है. पर्यटक अब जिला कुल्लू, मण्डी, कांगड़ा, चम्बा और शिमला में नए स्थानों पर जाकर पैराग्लाइडिंग का आनंद उठा सकते हैं.

चिन्हित किए गए नए पैराग्लाइडिंग स्थान

चिन्हित किए गए नए पैराग्लाइडिंग स्थानों में कुल्लू जिला के पंधारा से गाड़सा और खड़गान से नंगाबाग, कांगड़ा जिला में तंग नरवाना से खिरकू, चम्बा जिला में दरोटा से लहारा (खजियार) और लहारा से दरोल और रेना से नैनी खड्ड जरैई शामिल है. इसके अलावा जिला मण्डी में पैराग्लाइडिंग के लिए अधिसूचित किए गए स्थानों में पराशर और सपेणीधार, जिला शिमला में टिक्कर, जुन्गा से चैरी/जुन्गा शामिल है.

इसके अलावा भी प्रदेश में सहासिक खेल प्रेमियों के लिए कई स्थान पहले से मौजूद हैं, जहां वे पैराग्लाइडिंग कर सकते हैं. इन स्थानों में जिला कांगड़ा में बीड़-बिलिंग और धर्मशाला के निकट चोहला इन्द्रू नाग, जिला सोलन में मौजा रिहाद से करगाणु, जिला सिरमौर में सेर-जगास शामिल है.

रीवर राफ्टिंग के लिए चिन्हित किए नए स्थान

रीवर राफ्टिंग के लिए जिला कुल्लू में शमशी से जीहरी और बबेली से पारदी, जिला शिमला में लूहरी से तत्तापानी, लाहौल-स्पीति में दारचा से जिस्पा और काजा पुल से ताबो शामिल है.

निदेशक ने दी जानकारी

निदेशक, पर्यटन एवं नागरिक उड्डयन यूनुस ने कहा कि वाटर स्पोर्ट्स के लिए ब्यास नदी में नादौन से देहरा पुल को रीवर राफ्टिंग के लिए अनुमति दे दी गई है. पैराग्लाइडिंग पायलट और पर्यटकों की सुरक्षा के लिए पर्यटन विभाग ने अटल बिहारी वाजपेयी पर्वतारोहण एवं संबद्ध खेल संस्थान, मनाली के समन्वय से पैराग्लाइडिंग पायलटों को प्रशिक्षण देने की पहल की है. इसके तहत टैंडम पैराग्लाइडिंग पायलट के लिए एसआईवी पाठ्यक्रम शामिल है, जो पैराग्लाइडिंग के लिए एक सुरक्षा प्रशिक्षण पाठ्यक्रम है.

2 वर्षों में 749 लोगों को प्रशिक्षण दिया गया

यूनुस ने बताया कि पिछले 2 वर्षों के दौरान 749 लोगों को प्रशिक्षण प्रदान किया गया है, जिस पर लगभग 2 करोड़ रुपये व्यय किए गए हैं. इनमें सामान्य पर्वतारोहण पाठ्यक्रम, पैराग्लाइडिंग पाठ्यक्रम, बुनियादी, मध्यम और आधुनिक स्कींइग पाठ्यक्रम के अलावा नए चिन्हित किए गए क्षेत्रों में स्थानीय लोगों को प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए एसआईवी कोर्स शामिल है.

ये भी पढ़ें- लॉकडाउन खत्म होने के बाद चोर फिर हुए सक्रिय, कहीं टूटे ताले तो कहीं लुटे पैसे

Last Updated : Feb 25, 2021, 7:08 AM IST
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