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सरकार के बजट पर लोगों की प्रतिक्रियाः रोजगार और पर्यटन पर नहीं किया गया फोकस

प्रदेश सरकार के बजट में सरकार ने कई तरह की योजनाएं दी है. लेकिन इसके बावजूद भी आम लोग इस बजट से पूरी तरह से संतुष्ट नजर नहीं आ रही है.

People's reaction to the government's budget
फोटो.
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Published : Mar 6, 2021, 8:58 PM IST

शिमला: प्रदेश सरकार की ओर से आज अपना बजट पेश किया गया है. इस बजट में सरकार ने कई तरह की योजनाएं दी है. लेकिन इसके बावजूद भी आम लोग इस बजट से पूरी तरह से संतुष्ट नजर नहीं आ रही है. लोगों का कहना है कि सरकार ने अपने इस बजट में मुख्य समस्याओं की बात नहीं की. इसमें ना तो मंहगाई पर बात की ओर ना ही रोजगार पर कोई बात की गई है.

महंगाई ने किया घर का बजट संभालना मुश्किल

कोविड की वजह से लोगों पर आर्थिक बोझ बढ़ गया है. ऐसे में उम्मीद थी कि सरकार महंगाई को कम करके लोगों को राहत देगी.पेट्रोल डीजल के दामों में बढ़ोतरी के साथ ही खाद्य तेल के दामों में बढ़ोतरी हो गई है. महिलाओं को अपने घर का बजट संभालना मुश्किल हो गया है. लेकिन सरकार ने अपने बजट में इसका कोई समाधान नहीं निकाला है.

वीडियो.
बेरोजगार युवाओं की फौज तैयार

वहीं, इस समय दूसरी सबसे बड़ी समस्या प्रदेश में बेरोजगार युवाओं की फौज तैयार होना है. इन बेरोजगार युवाओं को रोजगार देने के अवसरों का सृजन करने की बात तो सरकार कर रही है लेकिन सरकार को यह तय करना चाहिए था कि वह एक लक्ष्य तय करे की कितने युवाओं को कैसे ओर कहां नौकरियां दे.

मिला-जुला बजट देखने को मिला

पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सरकार की ओर से कुछ खास प्रावधान इस बजट में नहीं किया गया है. आम लोगों का कहना है कि सरकार ने बजट में कर्मचारी वर्ग के साथ ही बागवानों को भी राहत दी है. जिससे मिला-जुला सा बजट देखने को मिला है.

युवाओं के लिए कुछ खास घोषणाएं नहीं

वहीं युवा वर्ग का कहना है कि उन्हें सरकार के इस बजट से बहुत सी अपेक्षाएं थी. लेकिन सरकार की ओर से युवाओं के लिए कुछ खास घोषणाएं अपने इस बजट में नहीं की गई. कोविड-19 के दौर में युवा बीते 1 साल से प्रतियोगी परीक्षा नहीं दे पाएं हैं. ऐसे में उनकी मांग थी की सरकार उन्हें आयु सीमा में छूट प्रदान करने की घोषणा इस बजट में करे. लेकिन सरकार में युवाओं की इस मांग को अनदेखा किया है.

प्रदेश लगातार बढ़ रहा बेरोजगारी का आंकड़ा

इसके साथ ही प्रदेश लगातार बेरोजगारी का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है. सरकार को इस बात की तरफ ध्यान देना चाहिए था कि किस तरह से बेरोजगार युवाओं को रोजगार प्रदान किया जाए और उन्हें सरकारी ओर निजी क्षेत्रों में रोजगार के अवसर प्रदान किए जाए. इसके साथ ही कोविड-19 की परिस्थितियों को देखते हुए सरकार को प्रतियोगी परीक्षाओं की फीस भी माफ करनी चाहिए थी. जिससे कि प्रदेश के छात्र बिना किसी आर्थिक बोझ के प्रतियोगी परीक्षाओं को दे सकें.

ये भी पढ़ें- EXCLUSIVE: ऐतिहासिक बजट! 'पहली बार पार किया 50 हजार करोड़ का आंकड़ा'

शिमला: प्रदेश सरकार की ओर से आज अपना बजट पेश किया गया है. इस बजट में सरकार ने कई तरह की योजनाएं दी है. लेकिन इसके बावजूद भी आम लोग इस बजट से पूरी तरह से संतुष्ट नजर नहीं आ रही है. लोगों का कहना है कि सरकार ने अपने इस बजट में मुख्य समस्याओं की बात नहीं की. इसमें ना तो मंहगाई पर बात की ओर ना ही रोजगार पर कोई बात की गई है.

महंगाई ने किया घर का बजट संभालना मुश्किल

कोविड की वजह से लोगों पर आर्थिक बोझ बढ़ गया है. ऐसे में उम्मीद थी कि सरकार महंगाई को कम करके लोगों को राहत देगी.पेट्रोल डीजल के दामों में बढ़ोतरी के साथ ही खाद्य तेल के दामों में बढ़ोतरी हो गई है. महिलाओं को अपने घर का बजट संभालना मुश्किल हो गया है. लेकिन सरकार ने अपने बजट में इसका कोई समाधान नहीं निकाला है.

वीडियो.
बेरोजगार युवाओं की फौज तैयार

वहीं, इस समय दूसरी सबसे बड़ी समस्या प्रदेश में बेरोजगार युवाओं की फौज तैयार होना है. इन बेरोजगार युवाओं को रोजगार देने के अवसरों का सृजन करने की बात तो सरकार कर रही है लेकिन सरकार को यह तय करना चाहिए था कि वह एक लक्ष्य तय करे की कितने युवाओं को कैसे ओर कहां नौकरियां दे.

मिला-जुला बजट देखने को मिला

पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सरकार की ओर से कुछ खास प्रावधान इस बजट में नहीं किया गया है. आम लोगों का कहना है कि सरकार ने बजट में कर्मचारी वर्ग के साथ ही बागवानों को भी राहत दी है. जिससे मिला-जुला सा बजट देखने को मिला है.

युवाओं के लिए कुछ खास घोषणाएं नहीं

वहीं युवा वर्ग का कहना है कि उन्हें सरकार के इस बजट से बहुत सी अपेक्षाएं थी. लेकिन सरकार की ओर से युवाओं के लिए कुछ खास घोषणाएं अपने इस बजट में नहीं की गई. कोविड-19 के दौर में युवा बीते 1 साल से प्रतियोगी परीक्षा नहीं दे पाएं हैं. ऐसे में उनकी मांग थी की सरकार उन्हें आयु सीमा में छूट प्रदान करने की घोषणा इस बजट में करे. लेकिन सरकार में युवाओं की इस मांग को अनदेखा किया है.

प्रदेश लगातार बढ़ रहा बेरोजगारी का आंकड़ा

इसके साथ ही प्रदेश लगातार बेरोजगारी का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है. सरकार को इस बात की तरफ ध्यान देना चाहिए था कि किस तरह से बेरोजगार युवाओं को रोजगार प्रदान किया जाए और उन्हें सरकारी ओर निजी क्षेत्रों में रोजगार के अवसर प्रदान किए जाए. इसके साथ ही कोविड-19 की परिस्थितियों को देखते हुए सरकार को प्रतियोगी परीक्षाओं की फीस भी माफ करनी चाहिए थी. जिससे कि प्रदेश के छात्र बिना किसी आर्थिक बोझ के प्रतियोगी परीक्षाओं को दे सकें.

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