ठियोग: सरकारी और निजी बसों में 50 प्रतिशत सीटों पर ही लोगों को बैठाने की इजाजत है. ऐसे में निजी बस ऑपरेटर आर्थिक परेशानी से जूझ रहे हैं. सरकार न तो उनका कोई टैक्स माफ कर रही, न ही कोई सहायता कर रही है. सरकार से बातचीत सफल न होने के चलते आज से निजी बस ऑपरेटर हड़ताल पर चले गए हैं जिससे प्रदेश की यातायात व्यवस्था चरमरा गई है.
आने-जाने के लिए लोग सुबह से शाम तक हुए परेशान
सुबह से लोगों को घर से निकलने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. सरकारी बसों में कम सवारियां बिठाने पर आज लोगों में बड़ा रोष देखने को मिला. गांव से लेकर शहर तक ठियोग बस अड्डे में लोग तीन से चार घंटे इंतजार में रहे कि कोई बस मिल जाए तो काम के लिए ऑफिस पहुंच सकें. लोगों को निजी टैक्सियों से भारी किराया देकर घर और अपने कार्यालय जाना पड़ा.
सरकार को करना चाहिए था इंतजाम
लोगों का कहना था कि सरकार को कोई इंतजाम करना चाहिए था जिससे लोगों को कोई परेशानी न हो. निजी बसें नही चली तो सरकारी बसों की संख्या बढ़ा लेनी चाहिए थी लेकिन सरकार ने कुछ नहीं किया. वहीं, निजी बस ऑपरेटरो का कहना है कि जब तक सरकार ने उनकी मांगे नहीं मानी, तब तक निजी बस ऑपरेटर अपनी हड़ताल जारी रखेंगे.
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