बिलासपुर: प्रदेश के बड़े स्वास्थ्य संस्थान एम्स बिसासपुर से अजीबो-गरीब मामला सामने आया है. यहां मरीजों से नकली पर्चियां पकड़ी गई हैं. इस जालसाजी का भंडाफोड़ अस्पताल में तैनात सुरक्षा कर्मियों ने किया है. अस्पताल के साथ लगते मेडिकल स्टोर का एक कर्मी इन पर्चियों को तैयार कर रहा था.
आरोप है कि एक मेडिकल स्टाेर कर्मी अपने ग्राहकों और खास लोगों को जाली पर्ची बनाकर देता था, ताकि जाली पर्ची बनवाकर लाइन में लगना पड़े और फौरन उनका नंबर डॉक्टर के पास लग जाए. बताया जा रहा है कि एम्स में फर्जी पर्ची बनाने का काम काफी दिनों से चल रहा था. एम्स बिलासपुर में कार्यरत सुरक्षा कर्मियों ने कुछ दिन पहले काऊंटर पर एक जाली पर्ची पकड़ी थी. इसके बाद सुरक्षा कर्मियों को यहां पर जाली पर्चियां बनने का शक हुआ. एम्स के सुरक्षा प्रभारी लेफ्टिनेंट कर्नल भूपेंद्र यादव को भी इस बारे में जानकारी दी गई. इसके बाद उन्होंने सभी सुरक्षा कर्मियों को सतर्क रहने के निर्देश दिए थे.
ऐसे हुआ मामले का खुलासा
फर्जी पर्ची का मामला सामने आने के बाद एम्स के सुरक्षा कर्मी पर्चियों पर नजर बनाए हुए थे. 3 फरवरी को मेडिकल स्टोर के कर्मी ने दोबारा से कुछ लोगों को फर्जी पर्ची बनाकर थमा दी, लेकिन ये पर्ची सुरक्षा कर्मियों के हाथ लग गई और इस मामले की पोल खुल गई, क्योंकि इस दिन एम्स का सर्वर खराब था और एम्स प्रशासन ने पर्ची पर हाथों से ही नंबरिंग की थी, लेकिन एक पर्ची पर हाथ से नंबरिंग न होने पर सुरक्षा कर्मी को शक हुआ. सुरक्षा कर्मियों को पूछताछ के बाद इस जालसाजी का पता चला.
आरोपी से 19 जाली पर्चियां बरामद
इसके बाद मेडिकल स्टोर के कर्मी से 19 जाली पर्चियां बरामद हुई. स्टोर कर्मी ने अपने कम्प्यूटर में एम्स की पर्ची की तरह ही एक सैंपल तैयार किया था, इससे पर्ची बनाकर मरीज को दे देता था, ताकि संबंधित मरीज उसके मेडिकल स्टोर से दवाइयां खरीदें. वहीं, थाना सदर पुलिस ने एम्स सुरक्षा प्रभारी भूपेंद्र यादव की शिकायत के आधार पर आरोपी के खिलाफ जालसाजी का मामला दर्ज कर लिया है. वहीं एएसपी बिलासपुर शिव चौधरी ने बताया कि, 'मामला दर्ज करने के बाद थाना सदर पुलिस ने आरोपी के कम्प्यूटर को जब्त कर लिया है और संबंधित पर्चियों को भी अपने कब्जे में लेकर अगली कार्रवाई शुरू कर दी है.'