शिमला: देशभर में साइबर ठगी के मामलों की संख्या बढ़ती जा रही है. पुलिस लोगों को बार बार जागरूक भी करती है. बैंक भी अपने ग्राहकों से किसी को ओटीपी और अन्य चीजें शेयर न करने की एडवाइज देते हैं. बावजूद लालच और अन्य कारणों से लोग साइबर ठगों के झांसे में फंस जाते हैं. साइबर ठगी के मामलों को तेजी से सुलझाया जाए इसके लिए साइबर थाने भी बनाए गए हैं.
साइबर ठगी से कैसे बचना चाहिए और इसका शिकार होने पर क्या करना चाहिए इसे लेकर ईटीवी भारत ने डीआईजी साइबर क्राइम शिमला मोहित चावला से बातचीत की. मोहित चावला ने कहा कि, 'साइबर क्राइम का अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि 2023 में जहां 100 से 150 शिकायतें फोन के माध्यम से विभाग के पास रोजाना आ रहीं थी, वहीं अब इन शिकायतों की संख्या 400 पार कर गई है. 2024 में करोड़ों की ठगी साइबर अपराध के माध्यम से हुई है. 75 फीसदी मामले फाइनेंशियल फ्रॉड के होते हैं.'
पुलिस विभाग के आंकड़ों के मुताबिक 2024 में फाइनेंशियल फ्रॉड की 6405, सोशल नेटवर्किंग फ्रॉड की 2376 शिकायतें आई हैं. 2024 में 286,561,450 रुपये की ठगी साइबर ठगों ने की है. इसमें से कुल 35,864,90 रुपए पुलिस ने होल्ड करवाए, जबकि 13,498,30 रुपए रिकवर हुए.
ये हथकंडे अपना रहे साइबर ठग
डीआईजी मोहित चावला ने कहा कि, 'आजकल डिजिटल अरेस्ट के जरिए भी लोगों से ठगी की जा रही है, जबकि डिजिटल अरेस्ट नाम की कोई चीज नहीं होती है. ठग जज, पुलिस और कस्टम अधिकारी बनकर लोगों को गैर कानून गतिविधियों में शामिल होने और रिश्तेदारी की गिरफ्तारी का डर दिखाकर डिजिटल अरेस्ट की बात करते हैं और बाद में मामला सुलझाने के नाम पर ठगी को अंजाम देते हैं. डिजिटल अरेस्ट के नाम का कॉल आने पर तुरंत पुलिस को सूचना दें.'
- साइबर ठग लोन दिलवाने, क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड और बैंक खाते के बंद होने का डर लोगों को दिखाते हैं और गोपनीय जानकारियां लेने के साथ ओटीपी भी हासिल कर लेते हैं और फ्रॉड को अंजाम देते हैं, इसलिए किसी के साथ ओटीपी शेयर न करें.
- ठग फिशिंग ईमेल या मैसेज भेजते हैं. ये मैसेज या ईमेल किसी बैंक या प्रतिष्ठित संस्था के डोमेन नेम से मिलते जुलते हैं. इनपर मैसेज करते ही लोग फ्रॉड का शिकार हो जाते हैं.
- ठग बिजली मीटर या पानी क्नेक्शन कटने के नाम पर फोन कॉल या या SMS के जरिए साइबर अपराधी आपकी व्यक्तिगत जानकारी जैसे बैंक डिटेल, पासवर्ड ले लेते हैं.
- ठग लोगों को पैसे डब्बल होने का लालच देकर ठगी को अंजाम देते हैं.
साइबर ठगी का शिकार होने पर क्या करें
डीआईडजी मोहित चावला ने बताया कि, 'यदि आपके साथ ठगी होती है तो तुरंत 1930 पर शिकायत करें. साइबर थाना में कर्मचारी फोन के माध्यम से शिकायत दर्ज करते हैं. इसके अलावा साइबर थाने में शिकायत दर्ज कर सकते हैं. साइबर अपराधियों पर करवाई करते हुए पुलिस ने 42 लोगों को गिरफ्तार किया है और 6 गैंग का पर्दा फाश किया है, जिसमें 3 विदेशी भी शामिल हैं.' साइबर ठग से अगर व्हाट्सऐप पर कोई फर्जी कॉल या मैसेज आने पर चक्षु पोर्टल पर शिकायत दर्ज करवाई जा सकती है. इसी पोर्टल पर वित्तीय धोखाधड़ी की भी शिकायत कर सकते हैं.
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