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राशन कार्ड पोर्टेबिलिटी सर्विस से नहीं मिल रहा राशन, उपभोक्ता परेशान

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Published : Feb 21, 2020, 3:43 PM IST

राशन डिपो के बार-बार चक्कर लगाने के बाद भी उपभोक्ताओं को राशन नहीं मिल रहा है. राशन कार्ड पोर्टेबिलिटी सर्विस में दूसरी जगह के उपभोक्ताओं का नंबर डालने और मशीन हैंग हो जाती है. वहीं, कभी नेट और कभी बॉयोमेट्रिक मशीन नहीं चलती. ऐसे में कई लोग अंगूठा लगने का इंतजार करते-करते निराश होकर वापस चले जाते हैं.

ration card portability service
राशन कार्ड पोर्टेबिलिटी सर्विस से नहीं मिल रहा राशन.

शिमला: एक ओर प्रदेश सरकार लोगों को सस्ता राशन देने के लिए अपनी पिठ थपथपाते नहीं थकती. वहीं, दूसरी ओर इस राशन को लेने के लिए सरकारी अनुदान में आम आदमी चक्कर लगाता थक जाता है. इसके बाद कई दिन गंवाने पर भी पूरा राशन नहीं मिल पाता है. ऐसे में सरकारी और निजी डिपुओं में मिलने वाला राशन लोगों को महंगा पड़ रहा है.

प्रदेश सरकार ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के जन्मदिन पर राशन कार्ड पोर्टेबिलिटी सर्विस शुरू की थी. इस राशन कार्ड से लोग कंही भी ले सकते हैं, लेकिन सरकार कि यह योजना कहीं सिरे चढ़ती नहीं दिख रही है. ठियोग में इस सर्विस के तहत लोगों को लाभ नहीं मिल पा रहा है.

वीडियो रिपोर्ट.

ईटीवी भारत ने इस सर्विस का जायजा लेने के लिए कई डिपुओं का दौरा किया. ईटीवी भारत संवाददाता ने कई डिपुओं में राशन लेना की कोशिश की, लेकिन डिपो मालिकों का कहना है कि इस सर्विस का लाभ देना बहुत मुश्किल है.

उन्होंने दूसरी जगह से आए उपभोक्ताओं का नंबर मशीन पर डाला और मशीन हैंग हो गई. ऐसे में लोगों को राशन कैसे मिल पाएगा. वहीं, कभी नेट और कभी बॉयोमेट्रिक मशीन नहीं चलती. इस दौरान मशीन में एक आदमी का नाम ऐड करते कई मिनट लग जाते हैं. ऐसे में कई लोग बॉयोमेट्रिक का इंतजार करते-करते निराश होकर वापिस चले जाते हैं. वहीं, कभी डिपो में दाल, कभी चीनी, चावल नही होती. इस महीने शिवरात्रि का त्यौहार होने के कारण लोगों को तेल नहीं मिल पा रहा है. इस दौरान लोगों को सबसे ज्यादा तेल की जरूरत है.

शिवरात्रि में भगवान भोले नाथ के लिए बनने वाले पकवान में ज्यादातर तेल से ही बनते हैं. लोग डिपो से तेल लेने के लिए कई बार डिपुओं के चक्कर काट चुके हैं, लेकिन तेल नहीं मिल रहा है. लोगों का कहना है डिपुओं में कभी भी पूरा राशन नहीं मिल पाता. इससे उनके कई दिन बर्बाद हो जाते हैं. उन्होंने कहा कि सरकार दावे बहुत करती है, लेकिन सच यह है कि लोग राशन लेने के लिए परेशान हो जाते हैं.

वहीं, डिपो में राशन न आने से डिपो धारक भी परेशान हैं. डिपो धरकों की माने तो गोदामों में कभी भी एक समय पर पूरा राशन नहीं आता है और जो राशन आता है वो समय पर उठा देते हैं. सारा राशन न आने से लोग भी डिपो धारकों को परेशान करते हैं और उन्हें दिनभर लोगों को जवाब देना पड़ता है.

डिपो धारकों का कहना है कि सरकार ने राशन कार्ड पोर्टेबिलेटी शुरू कर दी है, लेकिन इन मशीनों से अभी तक किसी को राशन नही दिया गया. मशीनों में दूसरी जगह का नंबर डालने पर हैंग हो जाती है. ऐसे में उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ता है और मशीन हैंग हो जाने पर किसी को भी राशन नही मिल पाता. डिपो धरको का कहना है कि सरकार की ओर से एक साथ सारा राशन देने पर सभी को फायदा होगा और लोगों का भी समय बचेगा.

पढ़ें: 15.10 ग्राम हेरोइन के साथ युवक गिरफ्तार, आरोपी के खिलाफ पहले से कई मामले दर्ज

शिमला: एक ओर प्रदेश सरकार लोगों को सस्ता राशन देने के लिए अपनी पिठ थपथपाते नहीं थकती. वहीं, दूसरी ओर इस राशन को लेने के लिए सरकारी अनुदान में आम आदमी चक्कर लगाता थक जाता है. इसके बाद कई दिन गंवाने पर भी पूरा राशन नहीं मिल पाता है. ऐसे में सरकारी और निजी डिपुओं में मिलने वाला राशन लोगों को महंगा पड़ रहा है.

प्रदेश सरकार ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के जन्मदिन पर राशन कार्ड पोर्टेबिलिटी सर्विस शुरू की थी. इस राशन कार्ड से लोग कंही भी ले सकते हैं, लेकिन सरकार कि यह योजना कहीं सिरे चढ़ती नहीं दिख रही है. ठियोग में इस सर्विस के तहत लोगों को लाभ नहीं मिल पा रहा है.

वीडियो रिपोर्ट.

ईटीवी भारत ने इस सर्विस का जायजा लेने के लिए कई डिपुओं का दौरा किया. ईटीवी भारत संवाददाता ने कई डिपुओं में राशन लेना की कोशिश की, लेकिन डिपो मालिकों का कहना है कि इस सर्विस का लाभ देना बहुत मुश्किल है.

उन्होंने दूसरी जगह से आए उपभोक्ताओं का नंबर मशीन पर डाला और मशीन हैंग हो गई. ऐसे में लोगों को राशन कैसे मिल पाएगा. वहीं, कभी नेट और कभी बॉयोमेट्रिक मशीन नहीं चलती. इस दौरान मशीन में एक आदमी का नाम ऐड करते कई मिनट लग जाते हैं. ऐसे में कई लोग बॉयोमेट्रिक का इंतजार करते-करते निराश होकर वापिस चले जाते हैं. वहीं, कभी डिपो में दाल, कभी चीनी, चावल नही होती. इस महीने शिवरात्रि का त्यौहार होने के कारण लोगों को तेल नहीं मिल पा रहा है. इस दौरान लोगों को सबसे ज्यादा तेल की जरूरत है.

शिवरात्रि में भगवान भोले नाथ के लिए बनने वाले पकवान में ज्यादातर तेल से ही बनते हैं. लोग डिपो से तेल लेने के लिए कई बार डिपुओं के चक्कर काट चुके हैं, लेकिन तेल नहीं मिल रहा है. लोगों का कहना है डिपुओं में कभी भी पूरा राशन नहीं मिल पाता. इससे उनके कई दिन बर्बाद हो जाते हैं. उन्होंने कहा कि सरकार दावे बहुत करती है, लेकिन सच यह है कि लोग राशन लेने के लिए परेशान हो जाते हैं.

वहीं, डिपो में राशन न आने से डिपो धारक भी परेशान हैं. डिपो धरकों की माने तो गोदामों में कभी भी एक समय पर पूरा राशन नहीं आता है और जो राशन आता है वो समय पर उठा देते हैं. सारा राशन न आने से लोग भी डिपो धारकों को परेशान करते हैं और उन्हें दिनभर लोगों को जवाब देना पड़ता है.

डिपो धारकों का कहना है कि सरकार ने राशन कार्ड पोर्टेबिलेटी शुरू कर दी है, लेकिन इन मशीनों से अभी तक किसी को राशन नही दिया गया. मशीनों में दूसरी जगह का नंबर डालने पर हैंग हो जाती है. ऐसे में उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ता है और मशीन हैंग हो जाने पर किसी को भी राशन नही मिल पाता. डिपो धरको का कहना है कि सरकार की ओर से एक साथ सारा राशन देने पर सभी को फायदा होगा और लोगों का भी समय बचेगा.

पढ़ें: 15.10 ग्राम हेरोइन के साथ युवक गिरफ्तार, आरोपी के खिलाफ पहले से कई मामले दर्ज

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