शिमला: हिमाचल प्रदेश में एक बार फिर से कोरोना रफ्तार पकड़ रहा है. जहां जनवरी में प्रदेश कोरोना मुक्त हो गया था वहीं, अब फिर से कोरोना के नए केस आने से फिर से हड़कंप मच गया है. ऐसे में आईजीएमसी में कोरोना को लेकर अलर्ट कर दिया गया है. गेट से लेकर वार्ड ओपीडी तक अलर्ट किया जा रहा है.
IGMC की प्रिंसिपल सीता ठाकुर ने कहा कि इन दिनों कोरोना के मामले लगातार सामने आ रहे हैं. ऐसे में अब टेस्टिंग भी बढ़ाई जाएगी. कोरोना के केस कम होने पर टेस्टिंग भी कम हो रही थी, लेकिन अब फिर से ज्यादा सैंपल लिए जाएंगे और ज्यादा से ज्यादा टेस्टिंग भी होगी. प्रिंसिपल ने सभी अधिकारी व विभागों के एचओडी को दवाइयों का अतिरिक्त स्टॉक उपलब्ध करवाने व वेंटिलेटर को चेक करने सहित ऑक्सीजन तैयार करने के लिए कहा है. उन्होंने कहा कि IGMC में रोजाना 3 हजार से 3500 के बीच ओपीडी रहती हैं. ऐसे में काफी ज्यादा भीड़ हो जाती है. यहां पर अस्पताल आने वाले मरीजों व तीमारदारों को भी स्वयं सावधानी बरतनी होगी. मरीजों व तीमारदारों को मास्क पहनने होंगे, ताकि यह महामारी फिर से गंभीर रूप धारण ना कर सके.
दोनों गेट में माइक के माध्यम से किए जा रहे लोग जागरूक: IGMC में दोनों गेटों में अब लोगों को माइक के माध्यम से जागरूक किया जा रहा है. जो भी लोग अस्पताल में आएंगे उन्हें कोरोना से बचने को लेकर जागरूक किया जा रहा है. कुछ लोग ऐसे हैं जो कि अस्पताल में आते समय मास्क तक नहीं पहनते हैं. वहीं, अब सोशल डिस्टेंसिंग का भी ध्यान रखना होगा.
CM सुक्खू कर चुके हैं मास्क पहनने की अपील: हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुक्खू ने प्रदेश में कोविड-19 के बढ़ते मामलों पर चिंता व्यक्त करते हुए प्रदेश वासियों से कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करने और भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर मास्क पहनने का आग्रह किया है, ताकि इस वायरस को फैलने से रोका जा सके. लोगों को अब कोरोना के साथ जीना होगा. इसके लिए सतर्कता जरूरी है.
ओटी ने जाने से पहले मरीजों का होगा कोरोना टेस्ट: IGMC में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए मरीजों का ऑपरेशन करवाने से पहले कोरोना टेस्ट किया जाएगा और यदि रिपोर्ट निगेटिव होगी तभी मरीज का ऑपरेशन किया जाएगा.
ओपीडी में मास्क के बिना एंट्री नहीं मिलेगी: प्रदेश में जैसे-जैसे कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं अस्पताल में सख्ती बरतना शुरू कर दी गई है. आईजीएमसी में ही कोरोना के सबसे ज्यादा मामले आते हैं.
'ऑक्सीजन की है पूरी व्यवस्था': IGMC की प्रिंसिपल सीता ठाकुर ने कहा कि अस्पताल में ऑक्सीजन की कोई कमी ना हो इसको लेकर भी व्यवस्था की गई है. आईजीएमसी में अपना लिक्विड प्लांट है जहां ऑक्सीजन बनाई जाती है. वहीं, पहले से चल रहे ऑप्शन प्लांट में 800 सिलेंडर डी टाइप के हैं जबकि सी टाइप के 250 सिलेंडर हैं जो कि वार्डों में उपयोग में हो रहे हैं.
वेंटिलेटर की पूरी व्यवस्था: IGMC की प्रिंसिपल सीता ठाकुर ने कहा कि अस्पताल में कोरोना से पीड़ित गंभीर मरीज के लिए वेंटिलेटर संजीविनी का काम करता है. ऐसे में अस्पताल में कोरोना के लिए रखे गए बेड पर वेंटिलेटर की व्यवस्था की गई है. वर्तमान में IGMC में कोरोना के कम मरीज हैं. ऐसे में मेक शिफ्ट अस्पताल में ही कोरोना संक्रमित मरीजों को रखा जाता है. जहां पर 18 बेड लगाए गए हैं. जिन पर सभी बेड पर वेंटिलेटर की सुविधा उपलब्ध है. कोरोना काल में 92 बेड पर वेंटिलेटर की सुविधा थी. उस समय कोरोना के लिए ई ब्लॉक और न्यू ओपीडी भवन में लगभ 302 बेड लगाए गए थे, लेकिन अभी जैसे 4 मरीज ही दाखिल हैं तो मेक शिफ्ट अस्प्ताल में 18 बेड पर ही मरीजों को रखा जा रहा है.
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