शिमला/ठियोग: फल उत्पादक के रुप में हिमाचल प्रदेश अब हर साल नए आयाम स्थापित कर रहे हैं. इसका श्रेय प्रदेश के मेहनती और कुछ नया कर गुजरने वाले बागवानों को जाता है. सेब की नई वैरायटी के बाद नाशपाती की नई वैरायटी भी इन दिनों मंडियों में खूब वाहवाही बटोर रही है.
हिमाचल के सेब की मांग देश हीं नहीं विदेशों में भी बहुत ज्यादा है, लेकिन सेब के साथ हिमाचल ने अन्य फलों में भी अपनी अलग पहचान बनाई है. अर्ली वैरायटी के सेब और नाशपाती लगभग खत्म हो चुका है. इन दिनों मंडियों में सेब के साथ अब बाजार में एक नई किस्म की नाशपाती ने बाजार में धूम मचा दी है. जिसका दो तह का बॉक्स बाजार में 1300 रुपये बिका जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है.
यूनाइटेड स्टेट की वैरायटी पैखम जो 6 साल पहले भारत में आई और अब भारत ही नहीं बल्कि दूसरे देशों में भी अपने अनोखे गुणों के कारण महंगी बिक रही है. इस नाशपाती की खास बात ये है कि ये 15 दिन तक बिना कोल्डस्टोरेज के रह सकती है. इसकी यही विशेषता इसे खास बनाती है जिसके चलते जुब्बल के मिहाणा गांव के दो भाइयों बागवान भगवान सिंह और दीपेंद्र तांटा ने कड़ी मेहनत कर आज नया मुकाम हासिल किया.
इस नई किस्म की वैरायटी को घर पर ही इस नाशपाती के अच्छे दाम मिल गए बॉम्बे से आये व्यापारी ने इस नाशपाती को 3200 रुपये बॉक्स के हिसाब से खरीद लिया है. इस नाशपाती की किस्म तीन साल में ही फल देना शुरू कर देती है. इस पेड़ से तोड़ने के बाद लम्बे समय तक इसकी लाइफ बनी रहती है, जिससे इसे देश और दुनिया के किसी भी कोने में पहुंचाया जा सकता है.
बता दें कि इन दिनों बाजार में सेब के साथ आई इस किस्म की वैरायटी से व्यापारियों में भी इसको लेने की होड़ मची हुई है जिसके चलते व्यापारी भी अब नई किस्म के फलों को लेने के लिए बागवानों के घर पहुंच रहे हैं. नाशपाती के अच्छे दाम मिलने से बागवान भी खुश हैं.