शिमला: शिमला जल प्रबधंन निगम में आउटसोर्स पर तैनात कर्मियों को पिछले दो महीने से वेतन नहीं मिल रहा है. कर्मी जल निगम के कार्यालय में वेतन के लिए चक्कर काट रहे हैं, लेकिन उन्हें ठेकेदार से वेतन लेने को कहा जा रहा है.
वहीं, ठेकेदार भी उन्हें वेतन नहीं दे रहा है, जिसके चलते बुधवार को जल निगम में आउटसोर्स पर तैनात कर्मी नगर निगम की महापौर सत्या कौंडल के पास पहुंचे और वेतन दिलाने का आग्रह किया. इस पर महापौर ने जल निगम के एमडी को कार्यालय में बुलाया जहां उन्होंने ठेकेदार के ही वेतन देने की बात कही.
आउटसोर्स कर्मी नवीन ने कहा कि पिछले दो महीने से 50 कर्मी बिना वेतन के काम कर रहे हैं. ठेकेदार वेतन नहीं दे रहा है और जल निगम में भी उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है. उन्होंने कहा कि महापौर सत्या कौंडल से वेतन दिलाने का आग्रह किया गया है. बिना वेतन के शिमला में गुजर बसर करना मुश्किल हो रहा है. ठेकेदार से वेतन मांगने पर वे डरा रहे है.
नवीन ने कहा कि वे जल निगम के तहत कर्मियों की तैनाती करने का आग्रह कर रहे है, लेकिन उन्हें जल निगम में नियमित नहीं किया जा रहा है, जबकि पिछले तीन साल से वे निगम में अपनी सेवाएं दे रहे हैं.
आउटसोर्स कर्मी नवीन ने कहा कि उन्हें महापौर ने जल्द वेतन दिलाने का आश्वसन दिया है. उन्होंने कहा कि वेतन न मिलने पर मजबूरन उन्हें काम बंद कर आंदोलन का रास्ता अपनाना पड़ेगा.
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