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बिजली बोर्ड को HC का आदेश, जून में निकाली गई हेल्पर-टी मेट की भर्ती में दिव्यांग के लिए रखी जाए एक सीट - जूनियर मेट व हेल्पर

हिमाचल राज्य विद्युत बोर्ड ने जूनियर मेट व हेल्पर के लिए 1892 पदों पर भर्तियां निकाली थी. इस मामले में हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य सरकार व बिजली बोर्ड को आदेश दिए कि वह इन पदों को भरते समय दिव्यांग श्रेणी के प्रार्थी के लिए एक पद रिक्त रखे. मामले पर अगली सुनवाई 30 सितंबर को निर्धारित की गई है.

हिमाचल राज्य विद्युत बोर्ड
हिमाचल हाईकोर्ट
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Published : Sep 21, 2020, 9:06 PM IST

शिमला: हिमाचल राज्य विद्युत बोर्ड ने जूनियर मेट व हेल्पर के लिए 1892 पदों पर भर्तियां निकाली थी. इनमे एक भी पद दिव्यांग श्रेणी के लिए आरक्षित नहीं रखा था. इस मामले में हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य सरकार व बिजली बोर्ड को आदेश दिए कि वह इन पदों को भरते समय दिव्यांग श्रेणी के प्रार्थी के लिए एक पद रिक्त रखे.

न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान व न्यायाधीश ज्योत्स्ना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने विद्युत बोर्ड को 2 सप्ताह के भीतर शपथ पत्र दाखिल करने के आदेश भी दिए हैं. याचिका में दिए तथ्यों के अनुसार 4 जून 2020 को विद्युत बोर्ड ने जूनियर टी मेट के 1500 व जूनियर हेल्पर के 392 पदों को भरने के लिए विज्ञापन जारी किया था. दिव्यांग श्रेणी के उम्मीदवारों को 4 फीसदी आरक्षण न देने के पीछे कारण दिया गया था कि बोर्ड ने दिव्यागों के लिए बनाये अधिनियम के तहत राज्य सरकार से इस बाबत पहले ही जरूरी छूट ले रखी है.

प्रार्थी की यह दलील है कि विद्युत बोर्ड की ओर से ली गई छूट कानूनी तौर पर न्यायोचित नहीं है. प्रार्थी के अनुसार जो छूट ली गई है वह पुराने अधिनियम के मुताबिक ली गई है, जबकि नए अधिनियम के तहत बनाये राज्य आयुक्त से सलाह लेने के बाद ही राज्य सरकार से छूट ली जा सकती है. मामले पर अगली सुनवाई 30 सितंबर को निर्धारित की गई है.

शिमला: हिमाचल राज्य विद्युत बोर्ड ने जूनियर मेट व हेल्पर के लिए 1892 पदों पर भर्तियां निकाली थी. इनमे एक भी पद दिव्यांग श्रेणी के लिए आरक्षित नहीं रखा था. इस मामले में हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य सरकार व बिजली बोर्ड को आदेश दिए कि वह इन पदों को भरते समय दिव्यांग श्रेणी के प्रार्थी के लिए एक पद रिक्त रखे.

न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान व न्यायाधीश ज्योत्स्ना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने विद्युत बोर्ड को 2 सप्ताह के भीतर शपथ पत्र दाखिल करने के आदेश भी दिए हैं. याचिका में दिए तथ्यों के अनुसार 4 जून 2020 को विद्युत बोर्ड ने जूनियर टी मेट के 1500 व जूनियर हेल्पर के 392 पदों को भरने के लिए विज्ञापन जारी किया था. दिव्यांग श्रेणी के उम्मीदवारों को 4 फीसदी आरक्षण न देने के पीछे कारण दिया गया था कि बोर्ड ने दिव्यागों के लिए बनाये अधिनियम के तहत राज्य सरकार से इस बाबत पहले ही जरूरी छूट ले रखी है.

प्रार्थी की यह दलील है कि विद्युत बोर्ड की ओर से ली गई छूट कानूनी तौर पर न्यायोचित नहीं है. प्रार्थी के अनुसार जो छूट ली गई है वह पुराने अधिनियम के मुताबिक ली गई है, जबकि नए अधिनियम के तहत बनाये राज्य आयुक्त से सलाह लेने के बाद ही राज्य सरकार से छूट ली जा सकती है. मामले पर अगली सुनवाई 30 सितंबर को निर्धारित की गई है.

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