शिमलाः राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के अवसर पर ‘स्कूल के बच्चों के लिए विज्ञान प्रयोग’ विषय पर राष्ट्रीय आविष्कार अभियान, डाइट शिमला ने ऑनलाइन वेबिनार का आयोजन किया. वेबिनार में जूम के माध्यम से 100 लोग और यू-ट्यूब के माध्यम से लगभग 600 बच्चों ने भाग लिया.
चित्र बनाकर प्रश्न हल करने के दिए टिप्स
वेबिनार में ऐसे प्रयोगों और गतिविधियों को किया गया जिनका संबंध मार्च माह में होने वाली परीक्षाओं से है. बच्चों को विज्ञान की परीक्षा में चित्र बनाकर प्रश्न हल करने के भी टिप्स दिए गए. इस दौरान छात्रों को विज्ञान के विभिन्न प्रयोग समझाए गए जिनमें दर्पण, लेंस, विद्युत्, वायु दाब, आर्किमिडिज सिद्धांत, प्रकाश के नियम, टेलिस्कोप, चुम्बक के गुण, अम्ल-क्षारक और लवण के गुण, आदि शामिल हैं.
वेबिनार का आयोजन विज्ञान प्रसार, विज्ञान और तकनीकी विभाग, भारत सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त हिमाचल प्रदेश स्टेट रामानुजन मैथ्स क्लब आल इंडिया रामानुजन मैथ्स क्लब, नेशनल कौंसिल ऑफ टीचर साइंटिस्ट के साथ मिलकर किया गया. इस वर्ष राष्ट्रीय विज्ञान दिवस की थीम विज्ञान,तकनीक, नवाचार शिक्षा, कौशल एवं कार्य पर प्रभाव’ है.
डाइट शिमला के प्रधानाचार्य ने बताया
इस अवसर पर डाइट शिमला के प्रधानाचार्य जय देव नेगी ने कहा कि विज्ञान और तकनीकी आज की जरूरत है. हम सभी को विद्यालयों में बच्चों और समुदाय में विज्ञान के प्रति एक सकारात्मक सोच बनाने की आवश्यकता है. राज्य के राष्ट्रीय अविष्कार अभियान के कोऑर्डिनेटर डॉ. मंजुला शर्मा ने कहा कि विज्ञान प्रयोगों का विषय है और इसे प्रयोग द्वारा ही समझा जा सकता है.
बच्चों के मन ने वैज्ञानिक सोच उत्पन्न करने की आवश्यकता
डाइट शिमला के प्रवक्ता एवं हिमाचल प्रदेश स्टेट रामानुजन मैथ्स क्लब के प्रान्त अध्यक्ष डॉ. संजीव कुमार ने कहा कि स्कूलों में बच्चों के मन ने वैज्ञानिक सोच उत्पन्न करने की आवश्यकता है. उन्होंने बताया कि वेबिनार का मुख्य उद्देश्य प्रत्यक्ष रूप से बच्चों को उनकी कक्षा से सम्बन्धित विज्ञान के विभिन्न प्रयोग सिखाना है.
रमन प्रभाव की खोज के कारण मनाया जाता है राष्ट्रीय विज्ञान दिवस
बता दें कि राष्ट्रीय विज्ञान दिवस रमन प्रभाव की खोज के कारण मनाया जाता है. इस खोज की घोषणा भारतीय वैज्ञानिक सर चंद्रशेखर वेंकट रमन ने 28 फरवरी सन् 1928 को की थी. इसी खोज के लिए उन्हे 1930 में नोबल पुरस्कार दिया गया था. यह किसी भी भारतीय व एशियन व्यक्ति द्वारा जीता गया पहला नोबल पुरस्कार था. राष्ट्रीय विज्ञान दिवस का मूल उद्देश्य विद्यार्थियों को विज्ञान के प्रति आकर्षित व प्रेरित करना और जनसाधारण को विज्ञान एवं वैज्ञानिक उपलब्धियों के प्रति सजग बनाना है.
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