शिमला: कोरोना महामारी के कारण नर्सिंग के छात्रों की परीक्षाएं नहीं हो पाई है, जिससे छात्रों का भविष्य खतरे में है. छात्रों से शिक्षण संस्थान लगातर भारी फीसें वसूल रहे हैं. छात्र लगभग 8 महीनों से अपने घर से ही ऑनलाइन स्टडी कर रहे हैं. हालांकि नर्सिंग छात्रों का प्रैक्टिकल अध्ययन ही ज्यादा रहता है, जो कोरोना महामारी के कारण हो नहीं पा रहा है.
छात्रों से हॉस्टल फीस भी मांगी जा रही है जबकि सरकार ने केवल ट्यूशन फीस लेने के ही आदेश दिए हैं. नर्सिंग छात्रों की विभिन्न मांगों को लेकर छात्रों ने एसएसआई के साथ मिल कर शिक्षा निदेशालय के बाहर धरना प्रदर्शन किया. प्रदर्शन में नर्सिंग की छात्रा नेहा ने बताया कि पिछले 8 महीनों से छात्रों की सही तरह से स्टडी नहीं हो पा रही है और संस्थान पूरी फीस की मांग कर रहे हैं.
आठ महीनों से हॉस्टल बंद होने के बावजूद संस्थान फीस मांग रहे हैं. एसएफआई एचपीयू इकाई के अध्यक्ष अमित ठाकुर ने बताया कि नर्सिंग के छात्रों को प्रमोट करने की मांग की जा रही है. परीक्षाओं को लेकर शिक्षा विभाग निर्णय नहीं ले रहा है जबकि सितंबर और अक्टूबर में आम तौर पर परीक्षाएं हो जाती हैं, लेकिन इस बार विभाग ने परीक्षाएं लेने या न लेने की स्थिती स्पष्ट नहीं की है.
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