शिमलाः एनएसयूआई ने एक बार फिर हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सिकंदर कुमार को घेर लिया है. एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष छतर सिंह ठाकुर ने प्रो. सिकंदर कुमार पर विश्वविद्यालय में नियमों को ताक पर रख भर्ती करने के आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में बैक डोर से नौकरियां बांटी जा रही हैं.
'कोरोना काल में गुपचुप तरीके से भर्ती'
एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष छतर सिंह ठाकुर ने कहा कि पहले तो कोरोना काल गुपचुप तरीके से सहायक आचार्यों के पद भरने का प्रयास किया गया. इसके बाद जब एनएसयूआई ने आवाज उठाई तो विश्वविद्यालय प्रशासन को पीछे हटना पड़ा.
'नियमों को ताक पर रख कर हुई नियक्तियां'
एनएसयूआई के ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में सभी शिक्षण संस्थानों को आगामी आदेश तक बंद रखा गया है. ऐसे में विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से माइक्रो बायोलॉजी और इतिहास विषय में छटनी प्रक्रिया आरंभ कर दी गई है. उन्होंने कहा कि कुलपति का ऐसा रवैया हिमाचल के अनेक छात्रों के साथ विश्वासघात है. एनएसयूआई ने विश्वविद्यालय प्रशासन और कुलपति से यह सवाल पूछा है कि ऐसी कौन सी मजबूरी है जो नियमों को ताक पर रखकर नियुक्तियां की जा रही हैं.
एनएसयूआई ने दी हाईकोर्ट जाने की चेतावनी
एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष छतर सिंह ठाकुर ने विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सिकंदर कुमार पर आरोप लगाते हुए कहा कि वे अपने राजनीतिक आकाओं को खुश करने में लगे हैं. उन्होंने कहा कि एनएसयूआई प्रो. सिकंदर कुमार को कुलपति के पद से हटाने को लेकर राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय को भी को पत्र लिखेगी. इसके अलावा विश्वविद्यालय में हो रही नियुक्तियों को एनएसयूआई उच्च न्यायालय में भी चुनौती देगी.
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