शिमला: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने पड़ोसी राज्यों के साथ हिमाचल के लंबित मुद्दों के निपटारे के लिए केंद्र से मदद मांगी है. अमृतसर में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में हुई उत्तरी क्षेत्रीय परिषद की बैठक में मुख्यमंत्री ने केंद्र से आग्रह किया है कि पड़ोसी राज्यों के साथ हिमाचल के हितों से संबंधित विभिन्न मामलों को त्वरित सुलझाया जाए. मुख्यमंत्री ने केंद्र से आपदा से प्रभावित हिमाचल को शीघ्र विशेष राहत पैकेज उपलब्ध करवाने की भी मांग की है.
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि इस वर्ष भारी बारिश से राज्य में 12,000 करोड़ रुपए से अधिक का नुकसान हुआ है. इस आपदा में 441 से अधिक लोगों की मौत हुई जबकि 13,000 घर पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हुए हैं. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने प्रदेशवासियों के सहयोग से तत्काल राहत एवं बचाव कार्य शुरू किया. प्रभावितों के लिए आपदा राहत कोष-2023 स्थापित किया गया. उन्होंने कहा कि ऐसी आपदा के समय देश के प्रत्येक राज्य को राहत राशि प्रदान करने में कोई कमी नहीं होनी चाहिए. उन्होंने केंद्र सरकार से आग्रह किया कि हिमाचल को शीघ्र विशेष राहत पैकेज प्रदान किया जाए ताकि हिमाचल के पुनर्निर्माण में उचित सहायता प्राप्त हो सके.
मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर आपदा राहत कोष के प्रचलित मानदंड वर्तमान में हिमाचल जैसे पहाड़ी राज्य की पुनर्निर्माण प्रक्रिया को प्रभावित कर रहे हैं क्योंकि प्रदेश की भौगोलिक परिस्थिति के मद्देनजर राज्य को अधिक सहायता राशि की आवश्यकता है. उन्होंने इन मानदंडों में व्यवहारिक संशोधन की मांग भी की. उन्होंने आपदा राहत कोष में सहायता के लिए हरियाणा एवं राजस्थान सरकार का आभार भी व्यक्त किया.
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आज अमृतसर में उत्तरी क्षेत्रीय परिषद की 31वीं बैठक में भाग लिया और केंद्र सरकार से पड़ोसी राज्यों के साथ हिमाचल के हितों से संबंधित विभिन्न मामलों को त्वरित सुलझाने और आपदा से प्रभावित हिमाचल को शीघ्र विशेष राहत पैकेज उपलब्ध करवाने का आग्रह किया है।
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इस मौके पर हमने हिमाचल को… pic.twitter.com/nrBnFhGWliआज अमृतसर में उत्तरी क्षेत्रीय परिषद की 31वीं बैठक में भाग लिया और केंद्र सरकार से पड़ोसी राज्यों के साथ हिमाचल के हितों से संबंधित विभिन्न मामलों को त्वरित सुलझाने और आपदा से प्रभावित हिमाचल को शीघ्र विशेष राहत पैकेज उपलब्ध करवाने का आग्रह किया है।
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पंजाब से शानन प्रोजेक्ट सौंपने का किया आग्रह, केंद्र से भी हस्तक्षेप मांगा: मुख्यमंत्री ने हिमाचल में स्थापित 100 मेगावाट की शानन जलविद्युत परियोजना को मार्च, 2024 में लीज की अवधि समाप्त होने पर हिमाचल को सौंपने का पंजाब सरकार से आग्रह किया और इस विषय में केंद्र सरकार से भी सहयोग का आग्रह किया.
बीएमबी में निःशुल्क ऊर्जा रॉयल्टी मांगी: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि राष्ट्र निर्माण में हिमाचल ने सदैव अपना पूर्ण योगदान दिया है और जल विद्युत परियोजनाओं के निर्माण से राज्य के लोगों को अनेक कठिनाइयों का सामना करना पड़ा है. उन्होंने कहा कि भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बीबीएमबी) की परियोजनाओं में हिमाचल की 7.19 प्रतिशत हिस्सेदारी के दृष्टिगत प्रदेश को बीबीएमबी निदेशक मंडल में पूर्णकालिक सदस्य का दर्जा प्रदान किया जाना आवश्यक है. उन्होंने बीबीएमबी परियोजनाओं में हिमाचल के लिए 12 प्रतिशत निःशुल्क ऊर्जा रॉयल्टी प्रदान करने और राष्ट्रीय जल विद्युत निगम, राष्ट्रीय ताप ऊर्जा निगम और सतलुज जल विद्युत निगम जैसे केंद्रीय उपक्रमों की जल विद्युत परियोजनाओं में हिमाचल की वर्तमान 12 प्रतिशत रॉयल्टी को बढ़ाकर 30 प्रतिशत करने का आग्रह किया. उन्होंने हिमाचल को सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के अनुरूप बीबीएमबी से बकाया लगभग 4000 करोड़ रुपए दिलवाने का भी आग्रह किया.
मुख्यमंत्री ने प्रदेश में स्थापित विभिन्न बांध प्रबंधनों द्वारा जल छोड़ने से पहले उचित पूर्व चेतावनी प्रणाली का उपयोग करने और जलप्लावन मान चित्रण (इनंडेशन मैपिंग) करवाने की आवश्यकता पर बल दिया. प्रदेश में हाल ही में आपदा के समय पौंग बांध, पंडोह डैम और पार्वती-3 बांध से अचानक भारी मात्रा में पानी छोड़ने से व्यापक स्तर पर तबाही हुई है. उन्होंने कहा कि इस नुकसान की भरपाई करना और पुनर्वास कार्यों में स्वेच्छा से सहभागिता सुनिश्चित बनाना इन बांध प्रबंधनों का नैतिक उत्तरदायित्व है.
लद्दाख के साथ सीमा विवाद में भी केंद्र से मांगी मदद: सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बैठक में जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के साथ सीमा विवादों को शीघ्र सुलझाने की केंद्रीय गृह मंत्री से मांग की. उन्होंने कहा कि मोहाल ठेका धार पधरी में प्रदेश के जिला चंबा और जम्मू-कश्मीर व सरचू में हिमाचल और लद्दाख के मध्य सीमा विवाद लंबित हैं. सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि परिषद की पिछली बैठक में लिए गए निर्णयों पर हिमाचल सरकार ने ठोस कार्य किया है. नशा रोकथाम अभियान, पर्यटन विकास, पर्यावरण संरक्षण और नदियों को प्रदूषण मुक्त करने जैसे क्षेत्रों में अनेक महत्वपूर्ण पहल की हैं.
मुख्यमंत्री ने आशा जताई कि परिषद की यह बैठक सदस्य राज्यों के आपसी तालमेल एवं सहयोग को और मजबूत कर आर्थिक एवं सामाजिक सशक्तिकरण को बढ़ावा देगी. हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, केंद्रशासित चंढीगढ़ के प्रशासक बनवारी लाल पुरोहित, दिल्ली के उप-राज्यपाल विनय कुमार सक्सेना, केंद्रशासित जम्मू-कश्मीर के उप-राज्यपाल मनोज सिन्हा, केंद्रशासित लद्दाख के उप-राज्यपाल बी.डी.मिश्रा सहित अन्य सदस्य राज्यों के वरिष्ठ मंत्री, मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव भरत खेड़ा सहित अन्य राज्यों के वरिष्ठ अधिकारी इस बैठक में उपस्थित रहे.