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हिमाचल में बर्ड फ्लू की दस्तक, भोपाल की रिपोर्ट में हुई पुष्टि

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Published : Jan 4, 2021, 10:58 PM IST

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हाई सिक्योरिटी एनिमल डिजीज (एनआईएचएसएडी) भोपाल ने हिमाचल में मृत पाए गए पक्षियों में बर्ड फ्लू की पुष्टि कर दी है. अब सीएम जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक के बाद इस बीमारी के उपर विशेष चर्चा की जाएगी.

Bird flu in pong dam
Bird flu in pong dam

शिमलाः प्रदेश में बर्ड फ्लू ने दस्तक दी है. इसके बाद अब डीसी कांगड़ा ने मुर्गियों और चूजों की बिक्री पर पाबंदी के आदेश जारी कर दिए हैं. नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हाई सिक्योरिटी एनिमल डिजीज (एनआईएचएसएडी) भोपाल ने बर्ड फ्लू की पुष्टि कर दी है.

कैबिनेट की बैठक के बाद होगी विशेष चर्चा

अब मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक के बाद इस बीमारी पर विशेष चर्चा की जाएगी. पशुपालन विभाग ने भी प्रदेश में अलर्ट जारी कर दिया है.

विशेषज्ञों का कहना है कि बर्ड फ्लू का वायरस मुर्गियाें में भी पाया गया, तो यह सबसे बड़ा खतरा बन जाएगा. मुर्गियों से इंसानों में वायरस फैलने की अधिक संभावना रहती है. इसके अलावा शीतकालीन प्रवास के लिए हजारों की संख्या में विदेशी पक्षी प्रदेश में आए हुए हैं. इनमें भी वायरस का डर सताने लगा है.

स्थिति का जायजा लेने के लिए अधिकारी कांगड़ा रवाना

सांभर झील त्रासदी के समय भी सबसे अधिक विदेशी पक्षी ही महामारी की चपेट में आए थे. मृत परिंदों के सैंपल लेकर मध्यप्रदेश के भोपाल की एक प्रयोगशाला में भेजे गए थे. रिपोर्ट आने के बाद पक्षियों की मौत के कारणों का पता चला है. उधर, स्थिति का जायजा लेने और जिला प्रशासन के साथ चर्चा के लिए शिमला से पशुपालन और वन्य प्राणी विभाग के अधिकारी कांगड़ा के लिए रवाना हुए हैं.

ये भी पढे़ं- पौंग डैम में विदेशी पक्षियों की बर्ड फ्लू से हुई मौत, प्रारंभिक जांच में खुलासा

शिमलाः प्रदेश में बर्ड फ्लू ने दस्तक दी है. इसके बाद अब डीसी कांगड़ा ने मुर्गियों और चूजों की बिक्री पर पाबंदी के आदेश जारी कर दिए हैं. नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हाई सिक्योरिटी एनिमल डिजीज (एनआईएचएसएडी) भोपाल ने बर्ड फ्लू की पुष्टि कर दी है.

कैबिनेट की बैठक के बाद होगी विशेष चर्चा

अब मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक के बाद इस बीमारी पर विशेष चर्चा की जाएगी. पशुपालन विभाग ने भी प्रदेश में अलर्ट जारी कर दिया है.

विशेषज्ञों का कहना है कि बर्ड फ्लू का वायरस मुर्गियाें में भी पाया गया, तो यह सबसे बड़ा खतरा बन जाएगा. मुर्गियों से इंसानों में वायरस फैलने की अधिक संभावना रहती है. इसके अलावा शीतकालीन प्रवास के लिए हजारों की संख्या में विदेशी पक्षी प्रदेश में आए हुए हैं. इनमें भी वायरस का डर सताने लगा है.

स्थिति का जायजा लेने के लिए अधिकारी कांगड़ा रवाना

सांभर झील त्रासदी के समय भी सबसे अधिक विदेशी पक्षी ही महामारी की चपेट में आए थे. मृत परिंदों के सैंपल लेकर मध्यप्रदेश के भोपाल की एक प्रयोगशाला में भेजे गए थे. रिपोर्ट आने के बाद पक्षियों की मौत के कारणों का पता चला है. उधर, स्थिति का जायजा लेने और जिला प्रशासन के साथ चर्चा के लिए शिमला से पशुपालन और वन्य प्राणी विभाग के अधिकारी कांगड़ा के लिए रवाना हुए हैं.

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