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केएनएच में जल्द लगेगी नई अल्ट्रासाउंड मशीन, महिलाओं को मिलेगी सुविधा

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Published : Feb 13, 2021, 7:04 PM IST

महिला अस्पताल कमला नेहरू में अब न ताे गर्भवती महिलाओं में नई अल्ट्रासाउंड मशीन लगा दी जाएगी. केएनएच अस्पताल की एमएस डाॅ. अंबिका चाैहान ने बताया कि केएनएच अस्पताल में जांच के लिए आने वाली महिलाओं की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है, जबकि यहां पर अल्ट्रासाउंड के लिए सिर्फ एक मशीन है. मशीन अगर खराब हाे जाए ताे महिलाओं को परेशानी का सामना करना पड़ता है. इसके लिए सरकार से मंजूरी मिलने के बाद अडसांस अल्ट्रासाउंड मशीन लगाई जाएगी.

फोटो
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शिमलाः राजधानी शिमला और हिमाचल के एकमात्र महिला अस्पताल कमला नेहरू में अब न ताे गर्भवती महिलाओं काे अल्ट्रासाउंड के लिए आईजीएमसी शिमला भेजा जाएगा और न ही उन्हें लंबी डेट मिलेगी. जल्द ही केएनएच में नई अल्ट्रासाउंड मशीन लगा दी जाएगी. इसके लिए सरकार से मंजूरी मिल चुकी है. प्रशासन ने मशीन काे लगाने के लिए प्राेसेस शुरू कर दिया है.

केएनएच अस्पताल में जांच के लिए आने वाली महिलाओं की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है, जबकि यहां पर अल्ट्रासाउंड के लिए सिर्फ एक मशीन है. मशीन अगर खराब हाे जाए ताे महिलाओं को परेशानी का सामना करना पड़ता है. महिलाओं काे या ताे निजी क्लीनिकाें में या फिर आईजीएमसी में अल्ट्रासाउंड करवाना पड़ता है. आईजीएमसी पहुंचने गर्भवती महिलाओं काे काफी दिक्कत आती थी. ऐसे में प्रशासन ने सरकार से अब दूसरी मशीन के लिए मंजूरी ले ली है.

वीडियो
अल्ट्रासाउंड न होने से गर्भवती महिलाओं को होती थी दिक्कत

केएनएच अस्पताल में 500 से ज्यादा ओपीडी होती हैं. इसमें 100 से ज्यादा गर्भवती महिलाओं काे अल्ट्रासाउंड लिखे जाते थे. यहां पर केवल जरूरी और इमरजेंसी में ही अल्ट्रासाउंड ही किए जाते हैं. पूरा दिन मशीन चलने के बाद भी 40 से ज्यादा महिलाओं के अल्ट्रासाउंड नहीं हाे पाते थे. ऐसे में यहां पर अधिकांश महिलाओं काे आईजीएमसी के लिए रेफर किया जाता था, लेकिन ज्यादा भीड़ होने के कारण मरीज व अधिकांश महिलाएं महंगे दामाें पर निजी क्लीनिकाें में अल्ट्रासाउंड करवाने को मजबूर थीं. मगर अब दूसरी मशीन लगने के बाद यहां पर सभी महिलाओं के अल्ट्रासाउंड हाे सकेंगे और गर्भवती महिलाओं काे परेशानी भी नहीं आएगी.

क्याें जरूरी है अल्ट्रासाउंड

हर गर्भवती महिला के लिए अल्ट्रासाउंड करवाना जरूरी है. अल्ट्रासाउंड की मदद से डाॅक्टर महिला और उसके गर्भ में पल रहे शिशु के स्वास्थ्य पर पैनी नजर रख सकते हैं. इसमें शिशु की मूवमेंट के बारे में डाॅक्टराें काे पता चलता रहता है. डाॅक्टर इसी के आधार पर यह भी पता लगा लेते हैं कि महिला के बच्चें के शरीर के अंग कितनी तेजी से बढ़ रहे हैं और कब तक बच्चा पैदा हाेगा. सामान्य प्रेग्नेंसी में 2 से 3 अल्ट्रासाउंड करने का सुझाव दिया जाता है.

नई अल्ट्रासाउंड मशीन प्रशासन से सरकार से मिली मंजूरी

केएनएच अस्पताल की एमएस डाॅ. अंबिका चाैहान ने बताया कि केएनएच में जल्द ही नई अल्ट्रासाउंड मशीन लगा दी जाएगी प्रशासन इस के लिए तैयारी कर रहा है. इसके लिए सरकार से मंजूरी मिल चुकी है. यहां पर एडसांस अल्ट्रासाउंड मशीन लगाई जाएगी. इससे महिलाओं काे अल्ट्रासाउंड में सुविधा हाेगी.

ये भी पढ़ेंः- IGMC प्रशासन को युवा कांग्रेस का अल्टीमेटम, टेंडर पर स्पष्टीकरण की मांग

शिमलाः राजधानी शिमला और हिमाचल के एकमात्र महिला अस्पताल कमला नेहरू में अब न ताे गर्भवती महिलाओं काे अल्ट्रासाउंड के लिए आईजीएमसी शिमला भेजा जाएगा और न ही उन्हें लंबी डेट मिलेगी. जल्द ही केएनएच में नई अल्ट्रासाउंड मशीन लगा दी जाएगी. इसके लिए सरकार से मंजूरी मिल चुकी है. प्रशासन ने मशीन काे लगाने के लिए प्राेसेस शुरू कर दिया है.

केएनएच अस्पताल में जांच के लिए आने वाली महिलाओं की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है, जबकि यहां पर अल्ट्रासाउंड के लिए सिर्फ एक मशीन है. मशीन अगर खराब हाे जाए ताे महिलाओं को परेशानी का सामना करना पड़ता है. महिलाओं काे या ताे निजी क्लीनिकाें में या फिर आईजीएमसी में अल्ट्रासाउंड करवाना पड़ता है. आईजीएमसी पहुंचने गर्भवती महिलाओं काे काफी दिक्कत आती थी. ऐसे में प्रशासन ने सरकार से अब दूसरी मशीन के लिए मंजूरी ले ली है.

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अल्ट्रासाउंड न होने से गर्भवती महिलाओं को होती थी दिक्कत

केएनएच अस्पताल में 500 से ज्यादा ओपीडी होती हैं. इसमें 100 से ज्यादा गर्भवती महिलाओं काे अल्ट्रासाउंड लिखे जाते थे. यहां पर केवल जरूरी और इमरजेंसी में ही अल्ट्रासाउंड ही किए जाते हैं. पूरा दिन मशीन चलने के बाद भी 40 से ज्यादा महिलाओं के अल्ट्रासाउंड नहीं हाे पाते थे. ऐसे में यहां पर अधिकांश महिलाओं काे आईजीएमसी के लिए रेफर किया जाता था, लेकिन ज्यादा भीड़ होने के कारण मरीज व अधिकांश महिलाएं महंगे दामाें पर निजी क्लीनिकाें में अल्ट्रासाउंड करवाने को मजबूर थीं. मगर अब दूसरी मशीन लगने के बाद यहां पर सभी महिलाओं के अल्ट्रासाउंड हाे सकेंगे और गर्भवती महिलाओं काे परेशानी भी नहीं आएगी.

क्याें जरूरी है अल्ट्रासाउंड

हर गर्भवती महिला के लिए अल्ट्रासाउंड करवाना जरूरी है. अल्ट्रासाउंड की मदद से डाॅक्टर महिला और उसके गर्भ में पल रहे शिशु के स्वास्थ्य पर पैनी नजर रख सकते हैं. इसमें शिशु की मूवमेंट के बारे में डाॅक्टराें काे पता चलता रहता है. डाॅक्टर इसी के आधार पर यह भी पता लगा लेते हैं कि महिला के बच्चें के शरीर के अंग कितनी तेजी से बढ़ रहे हैं और कब तक बच्चा पैदा हाेगा. सामान्य प्रेग्नेंसी में 2 से 3 अल्ट्रासाउंड करने का सुझाव दिया जाता है.

नई अल्ट्रासाउंड मशीन प्रशासन से सरकार से मिली मंजूरी

केएनएच अस्पताल की एमएस डाॅ. अंबिका चाैहान ने बताया कि केएनएच में जल्द ही नई अल्ट्रासाउंड मशीन लगा दी जाएगी प्रशासन इस के लिए तैयारी कर रहा है. इसके लिए सरकार से मंजूरी मिल चुकी है. यहां पर एडसांस अल्ट्रासाउंड मशीन लगाई जाएगी. इससे महिलाओं काे अल्ट्रासाउंड में सुविधा हाेगी.

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