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दलित छात्रों के प्रमाणपत्र रोकने का मामला: राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ने हिमाचल सरकार से मांगा जवाब

राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ने हिमाचल सरकार को नोटिस जारी किया है. नोटिस में दलित छात्रों के प्रमाणपत्र रोकने के मामले पर 15 दिन के अंदर एक्शन टेकन रिपोर्ट भेजने को कहा गया है.

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Published : Jun 11, 2021, 8:29 AM IST

शिमला: राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ने चेयरमैन विजय सांपला के आदेशों पर हिमाचल सरकार को नोटिस जारी किया है. नोटिस में दलित छात्रों के प्रमाणपत्र रोकने के मामले पर 15 दिन के अंदर एक्शन टेकन रिपोर्ट भेजने को कहा गया है. इसके अलावा तुरंत छात्रों के असली दस्तावेज जारी करवाने के निर्देश दिए हैं.

आयोग ने 15 दिन में मांगी रिपोर्ट

आयोग ने मामले पर हिमाचल के मुख्य सचिव, प्रिंसिपल सेक्रेटरी डिपार्टमेंट ऑफ एंपावरमेंट एससी, ओबीसी, अल्पसंख्यक व स्पेशली एबल्ड हिमाचल प्रदेश प्राइवेट यूनिवर्सिटी रेगुलेटरी कमीशन के सचिव एवं ऊना में स्थित इंडस इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर से 15 दिन के अंदर एकशन टेकन रिपोर्ट भेजने को कहा है.

विद्यार्थियों की नहीं मिला स्कॉलरशिप

नोटिस के माध्यम से राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के संज्ञान में आया कि इंडस इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी द्वारा एससी, एसटी विद्यार्थियों के महत्वपूर्ण दस्तावेज जैसे जाति प्रमाणपत्र, आय प्रमाणपत्र, बोनाफाइड प्रमाणपत्र, 10वीं व 12वीं की मार्कशीट, आधार कार्ड, बैंक की पासबुक आदि रोक लिए गए हैं, क्योंकि यूनिवर्सिटी के अनुसार हिमाचल सरकार द्वारा उनके यहां कई कोर्सों में एससी, एसटी स्कालरशिप स्कीम के तहत पढ़ते विद्यार्थियों की बनती ट्यूशन फीस नहीं दी गई है.

दस्तावेज रोकना गैर कानूनी

राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के चेयरमैन विजय सांपला ने चेतावनी देते हुए कहा कि एससी-एसटी स्कॉलरशिप स्कीम के तहत दाखिल किसी भी दलित विद्यार्थी के असली दस्तावेज रोकना ना-सिर्फ गैर कानूनी है, बल्कि एक अपराध है, जिसके लिए दोषी यूनिवर्सिटी पर सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए.

ये भी पढ़ें- 'चिठ्ठी बम' पर बोले सीएम जयराम, लिखने वाले को किया जाएगा तलाश, फिर की जाएगी कार्रवाई

शिमला: राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ने चेयरमैन विजय सांपला के आदेशों पर हिमाचल सरकार को नोटिस जारी किया है. नोटिस में दलित छात्रों के प्रमाणपत्र रोकने के मामले पर 15 दिन के अंदर एक्शन टेकन रिपोर्ट भेजने को कहा गया है. इसके अलावा तुरंत छात्रों के असली दस्तावेज जारी करवाने के निर्देश दिए हैं.

आयोग ने 15 दिन में मांगी रिपोर्ट

आयोग ने मामले पर हिमाचल के मुख्य सचिव, प्रिंसिपल सेक्रेटरी डिपार्टमेंट ऑफ एंपावरमेंट एससी, ओबीसी, अल्पसंख्यक व स्पेशली एबल्ड हिमाचल प्रदेश प्राइवेट यूनिवर्सिटी रेगुलेटरी कमीशन के सचिव एवं ऊना में स्थित इंडस इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर से 15 दिन के अंदर एकशन टेकन रिपोर्ट भेजने को कहा है.

विद्यार्थियों की नहीं मिला स्कॉलरशिप

नोटिस के माध्यम से राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के संज्ञान में आया कि इंडस इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी द्वारा एससी, एसटी विद्यार्थियों के महत्वपूर्ण दस्तावेज जैसे जाति प्रमाणपत्र, आय प्रमाणपत्र, बोनाफाइड प्रमाणपत्र, 10वीं व 12वीं की मार्कशीट, आधार कार्ड, बैंक की पासबुक आदि रोक लिए गए हैं, क्योंकि यूनिवर्सिटी के अनुसार हिमाचल सरकार द्वारा उनके यहां कई कोर्सों में एससी, एसटी स्कालरशिप स्कीम के तहत पढ़ते विद्यार्थियों की बनती ट्यूशन फीस नहीं दी गई है.

दस्तावेज रोकना गैर कानूनी

राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के चेयरमैन विजय सांपला ने चेतावनी देते हुए कहा कि एससी-एसटी स्कॉलरशिप स्कीम के तहत दाखिल किसी भी दलित विद्यार्थी के असली दस्तावेज रोकना ना-सिर्फ गैर कानूनी है, बल्कि एक अपराध है, जिसके लिए दोषी यूनिवर्सिटी पर सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए.

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