शिमला: हिमाचल प्रदेश में बीते दिनों वरिष्ठ आईएएस अधिकारी को लेकर सोशल मीडिया पर एक पत्र वायरल हुआ. इसके बाद इसे लेकर पुलिस ने कार्यवाही की और तीन लोगों को हिरासत में भी लिया. वहीं इस मामले में अब राजनीति भी शुरू हो गई है. जहां मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू पहले ही इस वायरल पत्र के तार भाजपा से जुड़े होने की बात कह चुके हैं, तो वहीं, मुख्यमंत्री के प्रधान मीडिया सलाहकार नरेश चौहान ने इसे राजनीतिक मंशा के तहत सरकार की छवि को खराब करने की कोशिश बताया है.
लेटर बम के पिछे राजनीतिक मंशा: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के प्रधान मीडिया सलाहकार नरेश चौहान ने कहा कि राजनीतिक मंशा के तहत इस तरह के प्रयास किए जाते हैं. प्रदेश में सरकार और अधिकारियों की छवि को खराब करने की कोशिश की जाती है. हालांकि नरेश चौहान साफ तौर पर इसे भाजपा से जोड़ने से बचते हुए नजर आए, लेकिन उन्होंने इस पूरे लेटर बम मामले के पीछे राजनीतिक मंशा होने की बात कही है.
'आपदा में जनता के साथ रही सुखविंदर सरकार': नरेश चौहान ने कहा कि सुखविंदर सरकार ने इस आपदा के समय में जनता के बीच जाकर काम किया है. इस दौरान मुख्यमंत्री से लेकर सरकार के सभी लोग जनता के बीच नजर आए. वर्ल्ड बैंक और शांता कुमार से लेकर नीति आयोग ने भी इन प्रयासों के लिए हिमाचल सरकार की सराहना की है. नरेश चौहान ने कहा कि आपदा से प्रदेश को हज़ारों करोड़ों का नुकसान हुआ है. ऐसे में सरकार और प्रदेश की जनता आर्थिक सहायता के लिए केंद्र की ओर देख रही है.
सीएम की सेहत पर बोले नरेश चौहान: वहीं, मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की सेहत ठीक न होने को लेकर चल रही खबरों के बीच नरेश चौहान ने कहा है कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू लगातार 16 से 17 घंटे रोजाना कम कर रहे हैं. वो लगातार जनता के बीच जाकर आपदा प्रभावितों की मदद कर रहे हैं. ऐसे में उनकी बीमारी की खबर उड़ना छोटी सोच का नतीजा है. उन्होंने इस तरह की तमाम खबरों को प्रोपेगेंडा करार दिया है.
क्या है मामला: गौरतलब है कि बीते दिनों सोशल मीडिया पर एक लेटर वायरल हो रहा था. जिसे पीएम के नाम पर सोशल मीडिया में लिखा गया है. हालांकि लेटर लिखने वाले ने अपना नाम-पता नहीं लिखा, लेकिन उसके अनुसार वो शिमला सचिवालय में ही कार्यरत है. इस लेटर में 2 आईएएस अधिकारियों पर करोड़ों के भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए हैं. इसके अलावा एक महिला आईएएस अधिकारी के साथ अन्याय की भी बात कही गई है. बता दें कि पहले भी सचिवालय में ऐसी खबरें सामने आई थी कि दो अधिकारियों के बीच जमकर बहस बाजी हुई थी. जिसके बाद ये लेटर सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था.
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