शिमला: विदेश जाकर बेहतर भविष्य का सपना देख रहे एक युवक का उसी के दोस्त ने मर्डर कर दिया. वारदात का खुलासा छह महीने बाद हुआ है. हत्या का कारण पैसे का लेन देन बताया जा रहा है.
जानकारी के अनुसार 6 महीने पहले यूरोप का वीजा लेने के लिए गुरुग्राम गया था. पुलिस ने मृतक की शिनाख्त न होने के बाद शव का अंतिम संस्कार कर दिया, लेकिन जांच में हत्या की बात सामने आई तो पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया. जांच के दौरान सनसनीखेज खुलासा हुआ है.
मृतक की पहचान ललित चौहान (28) गांव करछारी रोहड़ू के रूप में हुई है. आरोपी की शिनाख्त तहसील रोहड़ू के कुई पंचायत के लोकेश के रूप में हुई है. हत्या का आरोपी वीजा लगवाने वाली कम्पनी में कार्यरत्त है. आरोपी हत्या करने के बाद परिजनों व दोस्तों को ललित के यूरोप जाने की बात कह कर गुमराह करता रहा. पुलिस पूछताछ में सामने आया कि जनवरी में आरोपी ने मृतक के साथ नशा किया और उसकी हत्या कर दी.
हत्या का कारण पैसे के लेन देन माना जा रहा है. मृतक होटल मैनेजमेंट करने के बाद थाईलैंड रह चुका था और यूरोप जाने की तैयारी में था. मृतक युवक 23 दिसंबर को गुरुग्राम में लोकेश के पास गया था. हत्या करने के बाद लोकेश अपने गांव लौट आया और जब परिजनों ने ललित के बारे में पूछा तो वह कभी यूरोप तो कभी दिल्ली बताता रहा.
परिजनों ने ललित के लापता होने की सूचना 30 मार्च को रोहड़ू थाना में दी. उसके बाद पुलिस गुरुग्राम गई और अप्रैल में गुरुग्राम थाने में ललित के लापता होने की सूचना दी. इसके बाद जांच में सामने आया कि जनवरी में हरियाणा के सेक्टर 29 में मिले लावारिस शव ललित का था.
पुलिस ने जांच शुरू की तभी आरोपी लोकेश नेपाल भाग गया. पुलिस जांच करती रही और क्राइम ब्रांच की टीम ने 21 जून को आरोपी लोकेश को दिल्ली से धर दबोचा. डीएसपी रोहड़ू अनिल शर्मा ने बताया कि हत्या के आरोप में एक युवक हरियाणा पुलिस ने गिरफ्तार किया है. पुलिस जांच कर रही है.
आपको बता दें कि विदेश भेजने के नाम पर हिमाचल के युवा ठगी का शिकार होते रहे हैं, लेकिन इस मामले ने सभी को झकझोर कर रख दिया है. दोस्त ने ही हत्या जैसे संगीन जुर्म को अंजाम दिया है. इससे पहले हिमाचल के दर्जनों युवा एंजेंट के चक्कर में आकर विदशों में मुश्किल में पड़े हैं. टूरिस्ट वीजा पर एजेंट युवाओं को विदेश ले जाते हैं, जिसके कारण कई बेगुनाह युवाओं को जेल की हवा तक खानी पड़ी है. हालांकि प्रदेश सरकार ने इस तरह के मामले बढ़ने के बाद एंजेंटों पर नकेल कसने की बात की है, लेकिन देखना ये बाकि है कि युवाओं को ठग रहे आरोपियों पर कब शिकंजा कसा जाता है.
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