शिमला: पहाड़ों की रानी शिमला को ग्रीन सिटी बनाने को लेकर नगर निगम ने कार्य शुरू कर दिया है. नगर निगम ने एसजेवीएनल के साथ मिल कर शहर में सिंगल यूज प्लास्टिल हटाने को लेकर अभियान चलाया है. नगर निगम शिमला के महापौर सुरेंद्र चौहान ने मिडल बाजार से इस अभियान की शुरूआत की. जहां ढाबा, चाय और होटल संचालकों को लेकर जागरूक किया गया. साथ ही दूध, दही और लस्सी के अलग से खाली पैकेट जमा करवाने का आग्रह किया गया. ये अभियान शहर के सभी वार्डों में चलाया जाएगा. जिस वार्ड में 50 किलो पैकेट जमा होंगे, उस वार्ड को एक लाख रुपए का इनाम दिया जाएगा.
शिमला के मेयर सुरेंद्र चौहान ने बताया कि दूध, दही और सिंगल यूज प्लास्टिक को प्रयोग के बाद ऐसे ही नालियों और खुले में छोड़ दिया जाता है. जिससे पर्यावरण को भी काफी नुकसान हो रहा है. इसको देखते हुए सतलुज जल विद्युत परियोजना के साथ मिलकर अभियान शुरू किया गया है. शहर भर में 30 जून तक अभियान चलाया जा रहा है. जिसके तहत खासकर चाय की दुकानों, ढाबों और होटलों में जाकर जागरूक किया जा रहा है और उनसे दूध दही के पैकेट को अलग से सफाई कर्मचारियों को देने का आग्रह किया जा रहा है.
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मेयर ने बताया 31 मई तक शहर के जिस वार्ड में सबसे ज्यादा दूध, दही और लस्सी के 50 किलो के पैकेट जमा करवाया जाएगा. उन्हें एक लाख रुपए की नकद राशि दी जाएगी. वहीं, 100 किलो सिंगल उस प्लास्टिक जमा करने पर 2 लाख तक का इनाम मिलेगा. इस राशि को नगर निगम के सफाई कर्मचारियों को दिया जाएगा. उन्होंने शहर वासियों से अपील की है कि इस अभियान को सफल बनाएं ताकि शिमला को साफ-सुथरा रखा जा सके.