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जल निगम ने नहीं दिए नगर निगम शिमला के 32 करोड़ रुपये, अब सरकार से लगाई गुहार - water problem in shimla

नगर निगम शिमला को जल निगम उसकी हिस्सेदारी नहीं दे रहा है. अब नगर निगम में प्रदेश सरकार से जल निगम से अपनी हिस्सेदारी दिलाने की गुहार लगाई है. नगर निगम शिमला को जल निगम से 32 करोड़ रुपये लेने बाकी हैं. नगर निगम शिमला ने इसको लेकर कई बार जल निगम को पत्र लिखे, लेकिन जल निगम द्वारा उन्हें उनके हिस्से की राशि नहीं दी जा रही है.

Shimla jal nigam
जल निगम शिमला
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Published : Jan 18, 2021, 9:10 PM IST

शिमला: नगर निगम शिमला को जल निगम उसकी हिस्सेदारी नहीं दे रहा है. अब नगर निगम में प्रदेश सरकार से जल निगम से अपनी हिस्सेदारी दिलाने की गुहार लगाई है. नगर निगम शिमला को जल निगम से 32 करोड़ रुपये लेने बाकी हैं. नगर निगम शिमला ने इसको लेकर कई बार जल निगम को पत्र लिखे, लेकिन जल निगम द्वारा उन्हें उनके हिस्से की राशि नहीं दी जा रही है.

वहीं अब नगर निगम ने प्रदेश सरकार को पत्र लिखा है और नगर निगम जल निगम से उनके हिस्से की राशि दिलाने की मांग की है. नगर निगम शिमला की महापौर सत्या कौंडल का कहना है कि पहले ही नगर निगम के पास स्त्रोत के काफी कम साधन रह गए हैं. पानी वितरण का कार्य भी निगम से ले लिया गया है.

वीडियो.

नगर निगम पानी का वितरण का कार्य देखता था

बात दें कि शिमला शहर में नगर निगम पानी का वितरण का कार्य देखता था, लेकिन 2018 के बाद शहर में पानी के वितरण का कार्य जल निगम को दिया गया. नगर निगम के ही सहारे संपत्ति प्रयोग कर रहा है. इसके बदले में जल निगम को नगर निगम को 32 करोड़ रुपए देने की बात हुई थी, लेकिन दो साल से ज्यादा का समय बीत जाने के बाद भी नगर निगम को उसकी हिस्सेदारी नहीं मिल रही है.

नगर निगम को वापस पानी वितरण का कार्य देने की मांग

इस मामले को लेकर नगर निगम की ओर से प्रदेश मुख्य सचिव को पत्र भी लिखा है और उनसे नगर निगम के प्रतिनिधिमंडल भी मिला था और जल निगम से हिस्सेदारी देने की मांग की गई थी. उन्होंने कहा कि सरकार से पानी वितरण का कार्य वापस नगर निगम को सौंपने की भी मांग की जा रही है क्योंकि शहर में लोग पानी ना आने पर नगर निगम के पार्षदों के पास आए शिकायत लेकर आते है. ऐसे में नगर निगम को वापस पानी वितरण का कार्य दिया जाना चाहिए.

पढ़ें: ये दो 22 साल की युवतियां बनीं पंचायत प्रधान, एक है LAW स्टूडेंट और एक रूरल डेवलपमेंट में कर रही PG

शिमला: नगर निगम शिमला को जल निगम उसकी हिस्सेदारी नहीं दे रहा है. अब नगर निगम में प्रदेश सरकार से जल निगम से अपनी हिस्सेदारी दिलाने की गुहार लगाई है. नगर निगम शिमला को जल निगम से 32 करोड़ रुपये लेने बाकी हैं. नगर निगम शिमला ने इसको लेकर कई बार जल निगम को पत्र लिखे, लेकिन जल निगम द्वारा उन्हें उनके हिस्से की राशि नहीं दी जा रही है.

वहीं अब नगर निगम ने प्रदेश सरकार को पत्र लिखा है और नगर निगम जल निगम से उनके हिस्से की राशि दिलाने की मांग की है. नगर निगम शिमला की महापौर सत्या कौंडल का कहना है कि पहले ही नगर निगम के पास स्त्रोत के काफी कम साधन रह गए हैं. पानी वितरण का कार्य भी निगम से ले लिया गया है.

वीडियो.

नगर निगम पानी का वितरण का कार्य देखता था

बात दें कि शिमला शहर में नगर निगम पानी का वितरण का कार्य देखता था, लेकिन 2018 के बाद शहर में पानी के वितरण का कार्य जल निगम को दिया गया. नगर निगम के ही सहारे संपत्ति प्रयोग कर रहा है. इसके बदले में जल निगम को नगर निगम को 32 करोड़ रुपए देने की बात हुई थी, लेकिन दो साल से ज्यादा का समय बीत जाने के बाद भी नगर निगम को उसकी हिस्सेदारी नहीं मिल रही है.

नगर निगम को वापस पानी वितरण का कार्य देने की मांग

इस मामले को लेकर नगर निगम की ओर से प्रदेश मुख्य सचिव को पत्र भी लिखा है और उनसे नगर निगम के प्रतिनिधिमंडल भी मिला था और जल निगम से हिस्सेदारी देने की मांग की गई थी. उन्होंने कहा कि सरकार से पानी वितरण का कार्य वापस नगर निगम को सौंपने की भी मांग की जा रही है क्योंकि शहर में लोग पानी ना आने पर नगर निगम के पार्षदों के पास आए शिकायत लेकर आते है. ऐसे में नगर निगम को वापस पानी वितरण का कार्य दिया जाना चाहिए.

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