सुजानपुर/हमीरपुर: कोरोना महामारी से बचाव की तैयारियों को लेकर सुजानपुर विधायक राजेंद्र राणा ने प्रदेश सरकार पर जमकर निशाना साधा है. विधायक ने आरोप लगाया है कि महामारी के दौर में प्रदेश की सरकार सबसे सुस्त, संवेदनहीन व निकम्मी साबित हुई है. उन्होंने कहा कि सरकार के रवैये से साबित हुआ है कि आपात स्थिति में जयराम सरकार कोई भी फैसला लेने में सक्षम नहीं है.
राजेंद्र राणा ने कहा कि अभी तक प्रदेश सरकार ने दूसरे राज्यों के फैसलों के बाद देखा-देखी में या फिर केंद्र की कठपुतली बनकर फैसले लिए हैं. संकट की घड़ी में सरकार में कोई भी मजबूत राजनीतिक इच्छाशक्ति नहीं दिखी है. संकट की इस घड़ी में जनता को अफसरशाही की मनमानियों का सामना करना पड़ा है, जिसमें सरकार नाम की कोई चीज नहीं दिखी है.
प्रदेश सरकार पर संवेदनहीनता का आरोप लगाते हुए विधायक ने कहा कि जिन परिवारों के परिजन करीब 35 दिनों से विकट परिस्थितियों में राज्य के बाहर फंसे हुए हैं, सरकार ने उन्हें लाने के लिए कोई पहल नहीं की है. सरकार के सुस्त रवैये के चलते कई परिवारों के बच्चे संकट में फंसे हुए हैं. अन्य राज्यों की सरकारें अपने अधिकांश लोगों को घर पंहुचा चुकी हैं. ऐसे में प्रदेश सरकार के सुस्त रवैये से लोगों का बेचैन होना स्वाभाविक है.
कांग्रेस नेता का आरोप है कि लोग कोरोना से मरें या ना मरें, लेकिन अब टेंशन और भूख से मरने की नौबत आ चुकी है. जहां देश के अधिकांश राज्यों की सरकारों ने सबसे पहले आम आदमी को घर पहुंचाने का काम किया है. वहीं, हमारी सरकार पर हावी अफसरशाही ने सबसे पहले साधन संपन्न लोगों के बच्चों को पहुंचाने की पहल करवाई है और यह फैसला भी सरकार ने सभी राज्यों के फैसलों के बाद लिया है. सरकार इस वक्त गूंगी-बहरी बनकर लाचार व बेबस लोगों की मजबूरी का फायदा उठा रही है.
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