शिमला: हिमाचल विधानसभा में सोमवार को कटौती प्रस्ताव के तहत प्रदेश में सड़क को लेकर विधायकों ने चर्चा की. इस दौरान भरमौर से भाजपा विधायक डॉक्टर जनक राज ने सरकार पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि सरकारी तंत्र में सड़कें गड्ढे में समा गई है और सरकारी तंत्र में भ्रष्टाचार फल फूल रहा है. सड़क पर गड्ढे होना सरकार की ईमानदारी का परिचायक है. सड़क पर गड्ढों के रहने से सरकार जनता का कितना ख्याल रखती है ये सच्चाई सामने आती है.
डॉ. जनक राज ने कहा कि उनके क्षेत्र में स्कूल जाने के लिए बच्चों को कई किलोमीटर पैदल जाना पड़ता है. यही नहीं किसानों को अपने उत्पाद पीठ पर उठाकर या घोड़ों पर लादकर मंडियों तक ले जाने पढ़ रहे हैं जिससे उनकी लागत भी बढ़ रही है और किसानों को नुकसान उठाना पड़ रहा है. इसके अलावा बीमार होने की स्थिति पर पालकी पर उठाकर मरीजों को अस्पताल तक पहुंचाना पड़ता है और इसके वीडियो आये दिन सोशल मीडिया पर वायरल होते रहते हैं.
सर्दियों में पांगी और भरमौर तो दुनिया से कट जाता है, लेकिन बरसात में भी सड़कें बंद रहती है. उन्होंने लोक निर्माण विभाग मंत्री विक्रमादित्य से भरमौर से एक वैकल्पिक मार्ग बनाने की मांग भी की. उन्होंने कहा कि आजादी के इतने साल बाद भी भरमौर एक ही सड़क मार्ग पर निर्भर है. इसके लिए सरकार को एक वैकल्पिक मार्ग की व्यवस्था करनी चाहिए. इसके अलावा पांगी 5 महीने सर्दियों में शेष दुनिया से कट जाता है. उस समय गर्भवती महिलाओं को कुल्लू,चंबा, धर्मशाला में किराए के मकान में रहना पड़ता है.
डॉ. जनक राज ने लोक निर्माण मंत्री से आग्रह किया है कि वे स्वर्गीय वीरभद्र सिंह के पद चिन्हों पर चलते हुए जनजातीय क्षेत्रों के लिए इस संवेदनशील दृष्टिकोण रखें ताकि इन क्षेत्रों का विकास हो सके और लोगों को सुविधाएं मिल सके. इसके अलावा डॉक्टर जनक राज में भरमौर और पांगी में खाली पड़े लोक निर्माण विभाग के पदों को जल्द भरने की मांग भी की. उन्होंने कहा की एक्सईएन, एसडीओ के कई पद खाली पड़े हुए हैं. अधिकारी ना होने के चलते सड़कों के निर्माण के कार्य में देरी हो रही है और यही नहीं गुणवत्ता का ध्यान भी नहीं रखा जा रहा है.
इसके अलावा भरमौर से चंबा के लिए सड़क किनारे क्रैश बैरियर ना लगे होने के चलते आए दिन सड़क के हादसे होते रहते हैं. इन हादसों को रोकने के लिए भी सरकार को कदम उठाने चाहिए. वहीं, उन्होंने पांगी से चंबा जाने वाले क्षेत्र के लिए एक सुरंग निर्माण करने की मांग भी लोक निर्माण विभाग से उठाई और इसके लिए उन्होंने केंद्र के समक्ष इस मामले को उठाने का आग्रह भी किया. उन्होंने कहा कि बर्फ हटाने पर ही कई सौ करोड़ रुपए पांगी के लिए खर्च किए जा चुके हैं और पहले ही यदि सुरंग बनाने का कार्य शुरू किया होता तो उस राशि से सुरंग भी बन कर तैयार हो जाती.
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