डेस्क रिपोर्ट: आजकल बाजार में मिलने वाली ज्यादातर चीजों में मिलावट हो रही है, फिर चाहे वो फल हों, अनाज, मसाले या फिर दूध. फल और सब्जियों को तरह-तरह के केमिकल के इस्तेमाल से तैयार किया जा रहा है. मिलावटी खाद्य पदार्थों का सेवन सेहत के लिए बहुत ज्यादा नुकसानदायक होता है और लगातार इनके सेवन से उल्टी दस्त, लीवर, किडनी सहित पेट संबंधी बीमारियों का भी खतरा रहता है.
मिलावटी चीजों के सेवन से न सिर्फ हमारी सेहत पर असर पड़ता है बल्कि यह खाने का स्वाद भी बिगाड़ देती हैं. भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) भी आए दिन लोगों को अलग-अलग चीजों में मिलावट को पहचानने के तरीका बताता है. अगर आपको खाने में स्वाद नहीं आ रहा है तो मसालों को खरीदने से पहले इनकी जांच जरूर कर लें. आइए जानते हैं दूध, मावा, घी, दाल और मसालों में मिलावट को कैसे पहचाना जाए.
असली दूध की पहचान: असली नकली दूध की पहचान करने के लिए एक गिलास में दूध डालें और इसमें बाराबर मात्रा में पानी मिला दें. इसके बाद गिलास को हिलाकर देखें. अगर अचानक झाग आने लगें तो समझ जाइए कि दूध में डिटर्जेंट मिलाया गया है.
असली मसालों की पहचान: दुकानदार मसालों में रंग, भूसा, रेत आदि जैसी चीजों की मिलावट करने लगे हैं जिससे इनकी मात्रा को बढ़ाया जा सके. मसालों को यूज करने से पहले यह चेक कर लें कि कहीं वह मिलावटी तो नहीं. लाल मिर्च पाउडर में लाल रंग का पाउडर और ईंट का चूरा मिला हो सकता है. ऐसे में असली नकली की पहचान के लिए लाल मिर्च के 1 चम्मच को पानी में डालकर देखें अगर ऊपर कुछ तैरता नजर आए तो समझिए मिर्च असली है. वहीं, अगर यह पानी में घुल जाए तो इस खाने से बचें.
हल्दी भी हो सकती है मिलावटी: आयुर्वेदिक औषधि से लेकर मसाले के तौर पर इस्तेमाल होने वाली हल्दी भी मिलावटी हो सकती है. इसमें 'मेटामिल येलो' नामक कैमिकल मिलाया जा रहा है जिससे पाउडर भी हल्दी जैसा पीला रंग छोड़ने लगता है. ऐसे में अंतर का पता लगाने के लिए आप हल्दी को पानी में हाइड्रोक्लोरिक ऐसिड की कुछ बूंदों के साथ मिलाएं अगर हल्दी पीला रंग बदलकर गुलाबी, नीली या बैंगनी हो जाए तो समझ जाइए कि हल्दी नकली है.
असली धनिया पाउडर की पहचान: धनिया पाउडर में भूसा के साथ हरा रंग मिला हो सकता है ऐसे में धनिया पाउडर की मिलावट को सूंघकर पता लगा सकते हैं. अगर किसी जंगली पौधे या भूसे की खुशबू आए तो इसे तुरंत फेंक दें.
असली काली मिर्च की पहचान: काली मिर्च के दानों को पानी या शराब में डालकर देखें. अगर यह ऊपर तैरने लगे तो यह पपीते के बीज हो सकते हैं. वहीं, यह डूब जाए तो मतलब काली मिर्च असली है.
दालों में मिलावट की पहचान कैसे करें: दालों में मिलावट की बात की जाए तो इनकी चमक बढ़ाने के लिए दुकानदार पॉलिश कर देते हैं जो सेहत के लिए हानिकारक साबित हो सकती है. इसलिए दालों का इस्तेमाल करने से पहले इन्हें पानी से 4-5 बार अच्छे से धो लें.
पनीर जो वेज लोगों के लिए पंसदीदा ऑप्शन: पनीर को हम कच्चा भी खाते हैं साथ ही इससे तरह-तरह की स्वादिष्ट पकवान भी तैयार करते हैं. खास कर हेल्थ कॉन्शियस लोग पनीर का सेवन करना पसंद करते हैं. इसीलिए पनीर का सेवन करने से पहले यह जांच लें कि वह असली है या नहीं. पनीर के टुकड़े को हाथ में मसलकर देखें. अगर यह टूटकर बिखरने लगे तो समझिए कि यह मिलावटी है.
मावा में मिलावट की पहचान कैसे करें: मावा में मिलावट की पहचान करने के लिए इसमें थोड़ी सी चीनी डालकर कढ़ाही में गर्म करने रख दें. अगर थोड़ी देर बाद यह पानी छोड़ने लगे तो मतलब खोया में मिलावट की गई है. ऐसे में इस मावा को नहीं खाना ही बेहतर होगा. अगर मावा असली होता है तो उसकी खुशबू अलग ही पता चल जाती है.
मिलावटी घी की पहचान: आजकल मार्केट में असली और नकली दोनों चीजें मौजूद हैं. ऐसे में दोनों की पहचान करनी आनी चाहिए. हम बात कर रहे हैं देसी घी की. जानते हैं कि बाजार में मिलने वाला देसी घी असली है या नकली.
असली घी की पहचान कैसे करें
- पानी के माध्यम से असली देसी घी की पहचान की जा सकती है. ऐसे में आप एक कटोरी में पानी लें और उसमें दो से तीन बूंद देसी घी की डालें. यदि देसी घी नीचे बैठ जाता है तो समझ जाइये कि घी नकली है और यदि देसी घी ऊपर तैरता रहे तो वह असली घी है.
- आप हथेली पर घी रख कर भी इसकी पहचान कर सकते हैं. ऐसे में आप 5 से 6 मिनट देसी घी को अपनी हथेली पर रखें. उसके बाद 5 से 10 मिनट बाद उसकी खुशबू मधुर आए तो समझ जाइये कि असली घी है और यदि कुछ अजीब सी खुशबू आए तो समझ जाएं कि नकली घी है.
- घी को उबालकर भी ये असली है या नकली, इसकी पहचान की जा सकती है. ऐसे में आप एक से दो चम्मच देसी घी उबालें और उसके बाद घी को 24 घंटे के लिए अलग रख दें. यदि अच्छी महक आए और वह दानेदार नजर आए तो ये असली घी है यदि गलत स्मैल आए तो समझ जाएं कि ये नकली घी है.