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HPU में तूल पकड़ता जा रहा हॉस्टल मेस ना खुलने का मामला, छात्रों ने एडिशनल चीफ वार्डन को सौंपा ज्ञापन - HPU news

श्वविद्यालय शीतकालीन अवकाश के बाद खुल चुका है और छात्र भी अवकाश के बाद अपने-अपने हॉस्टलों में लौट चुके हैं, लेकिन विश्वविद्यालय ने अभी तक हॉस्टलों में मेस नहीं चलाई है, जिसकी वजह से छात्रों को दिक्कतें आ रही है

Memorandum submitted by HPU students to Chief Warden
एचपीयू छात्रों ने चीफ वार्डन को ज्ञापन सौंपा
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Published : Mar 2, 2020, 8:30 PM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में हॉस्टल मेस ना खुलने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. विश्वविद्यालय शीतकालीन अवकाश के बाद खुल चुका है और छात्र भी अवकाश के बाद अपने-अपने होस्टलों में लौट चुके हैं, लेकिन विश्वविद्यालय ने अभी तक हॉस्टलों में मेस नहीं चलाई है, जिसकी वजह से छात्रों को दिक्कतें आ रही है और उन्हें बाहर दुकानों पर महंगा खाना पड़ रहा है.

ऐसे में छात्र बार-बार विश्वविद्यालय प्रशासन से एक ही मांग कर रहे हैं कि हॉस्टलों में मेस चलाई जाए जिससे कि छात्रों को दिक्कतों का सामना ना करना पड़े. इसी मांग को लेकर सोमवार को शहीद भगत सिंह ब्वायज हॉस्टल कमेटी ने मेस बंद होने के कारण छात्रों को हो रही दिक्कतों के खिलाफ एडिशनल चीफ वार्डन को ज्ञापन सौंपा.

छात्रों ने कहा कि फरवरी के पहले सप्ताह से हॉस्टल मेस की रेनोवेशन का काम चल रहा है, लेकिन कछुआ चाल के कारण यह काम पूरा नहीं हो सका है. प्रशासन इस विषय में मौन धारण किए हुए है. शहीद भक्त सिंह हॉस्टल कमेटी के सचिव अनिल ठाकुर ने कहा कि 18 फरवरी से सत्र शुरू हो चुका है, लेकिन मेस न चलने के कारण छात्र बाहर खाना खाने के लिए मजबूर है.

वीडियो

छात्रों की इस समस्या को प्रशासन ने समझा और चीफ वार्डन की अनुपस्थिति में एडिशनल चीफ वार्डन ने शहीद भगत सिंह ब्वायज होस्टल के सभी बोर्ड्स को फ्लोर वाइज खाना खाने के लिए दूसरे हॉस्टलों में शिफ्ट किया गया है. इसके साथ ही एसएफआई ने यह भी मांग प्रशासन से की है कि आने वाली पांच तारीख तक हॉस्टल मेस रेनोवेशन का काम पूरा न होने पर प्रशासन आने वाले समय में आंदोलन के लिए तैयार रहे.

ये भी पढ़ें: शिक्षक नहीं करेंगे उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन, पेपर जांच के रेट बढ़ाने की कर रहे मांग

शिमला: हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में हॉस्टल मेस ना खुलने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. विश्वविद्यालय शीतकालीन अवकाश के बाद खुल चुका है और छात्र भी अवकाश के बाद अपने-अपने होस्टलों में लौट चुके हैं, लेकिन विश्वविद्यालय ने अभी तक हॉस्टलों में मेस नहीं चलाई है, जिसकी वजह से छात्रों को दिक्कतें आ रही है और उन्हें बाहर दुकानों पर महंगा खाना पड़ रहा है.

ऐसे में छात्र बार-बार विश्वविद्यालय प्रशासन से एक ही मांग कर रहे हैं कि हॉस्टलों में मेस चलाई जाए जिससे कि छात्रों को दिक्कतों का सामना ना करना पड़े. इसी मांग को लेकर सोमवार को शहीद भगत सिंह ब्वायज हॉस्टल कमेटी ने मेस बंद होने के कारण छात्रों को हो रही दिक्कतों के खिलाफ एडिशनल चीफ वार्डन को ज्ञापन सौंपा.

छात्रों ने कहा कि फरवरी के पहले सप्ताह से हॉस्टल मेस की रेनोवेशन का काम चल रहा है, लेकिन कछुआ चाल के कारण यह काम पूरा नहीं हो सका है. प्रशासन इस विषय में मौन धारण किए हुए है. शहीद भक्त सिंह हॉस्टल कमेटी के सचिव अनिल ठाकुर ने कहा कि 18 फरवरी से सत्र शुरू हो चुका है, लेकिन मेस न चलने के कारण छात्र बाहर खाना खाने के लिए मजबूर है.

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छात्रों की इस समस्या को प्रशासन ने समझा और चीफ वार्डन की अनुपस्थिति में एडिशनल चीफ वार्डन ने शहीद भगत सिंह ब्वायज होस्टल के सभी बोर्ड्स को फ्लोर वाइज खाना खाने के लिए दूसरे हॉस्टलों में शिफ्ट किया गया है. इसके साथ ही एसएफआई ने यह भी मांग प्रशासन से की है कि आने वाली पांच तारीख तक हॉस्टल मेस रेनोवेशन का काम पूरा न होने पर प्रशासन आने वाले समय में आंदोलन के लिए तैयार रहे.

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