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सीमेंट फैक्ट्रियों का कल सुलझ सकता है विवाद, हिमकॉन की मालभाड़ा रिपोर्ट तैयार

हिमाचल में करीब एक महीने से अडानी समूह के 2 सीमेंट प्लांट मालभाड़े को लेकर बंद है. कल यानी गुरुवार को शिमला में प्रधान सचिव परिवहन आरडी नजीम की अध्यक्षता में बैठक होगी. इस दौरान हिमकॉन के मालभाड़े पर तैयार रिपोर्ट को सामने रखकर दोनों तरफ से सहमति बनाने का प्रयास किया जाएगा. (dispute of cement factories)

dispute of cement factories
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Published : Jan 11, 2023, 9:32 AM IST

शिमला: सीमेंट फैक्ट्रियों का विवाद सुलझाने को लेकर कल यानी गुरुवार को एक बैठक शिमला में होगी. यह बैठक प्रधान सचिव परिवहन आरडी नजीम की अध्यक्षता में होगी. इसमें हिमकॉन के मालभाड़े पर तैयार रिपोर्ट को दोनों पक्षों से साझा कर आपसी सहमति पर बात होगी. सरकार ने मालभाड़ा तय करने का काम हिमकॉन को दे रखा है. एजेंसी ने इसकी रिपोर्ट तैयार कर ली है.अब इस रिपोर्ट में तय मालभाड़े को लेकर दोनों पक्षों की राय ली जाएगी. सीमेंट फैक्ट्रियों का मालभाड़ा राज्य सरकार की कंसल्टेंसी एजेंसी हिमकॉन की रिपोर्ट के आधार पर तय होना है. (dispute of cement factories)

2 जनवरी को भी हुई थी बैठक: मालभाड़े को लेकर 2 जनवरी को शिमला में सिविल सप्लाई कॉरोपरेशन के प्रबंध निदेशक की अध्यक्षता में बनी सब कमेटी की एक बैठक हुई थी, जिसमें सीमेटं प्लांटस के ट्रांसपोर्टर, कंपनी प्रबंधन शामिल हुए थे. कमेटी ने ट्रांसपोर्टरों और कंपनी प्रबंधन से अलग -अलग बैठकें की थी. दोनों पक्षों ने अपनी ओर से तय किराए को इसमें रखा था. इस बैठक में हिमकॉन को निर्देश दिए गए कि वह दोनों पक्षों द्वारा दिए भाड़े के बाद इसको फाइनल करेगी. (Cement plant closed in Himachal from December 15)

2005 में किया था मालभाड़ा कैलकुलेट : सीमेंट मालभाड़े का निर्धारण राज्य सरकार की जिस कंसल्टेंसी एजेंसी हिमकॉन कर रही है, इसी एजेंसी ने 2005 में बनी कमेटी को मालभाड़ा कैलकुलेट कर दिया था. यह किराया 6 रुपए प्रति किलोमीटर प्रति टन के हिसाब से मालभाड़ा तय किया गया था. हालांकि ,इसे तब लागू नहीं किया गया, क्योंकि सीमेंट कंपनी अंबुजा और ट्रासपोर्टरों के बीच यह विवाद आपस में सुलझा लिया गया और दोनों ने बढ़े हुए भाड़े को मान लिया था, लेकिन अब फिर से अडानी समूह और ट्रांसपोर्टरों के बीच मालभाड़े को लेकर विवाद पैदा हो गया है तो इस एजेंसी को ही मालभाड़ा फाइनल करने का काम दिया गया है. बताया जा रहा है कि इसने अपनी रिपोर्ट सब कमेटी को दे दी है.(Himcon report ready)

23 दिसंबर को शिमला में स्टैंडिंग कमेटी की हुई थी बैठक: इससे पहले सरकार की ओर से बनाई गई स्टैंडिंग कमेटी की बैठक 23 दिसंबर को शिमला में हुई थी. परिवहन विभाग के प्रधान सचिव आरडी नजीम की अध्यक्षता में हुई बैठक में दोनों कंपनियों के प्रबंधन और ट्रक यूनियनों के पदाधिकारियों के साथ सोलन और बिलासपुर के डीसी शामिल रहे. मगर भाड़े को लेकर दोनों में कोई सहमति नहीं बन पाई थी. इसके बाद एसडीएम अर्की में भी एक बैठक अंबुजा सीमेंट कंपनी और ट्रांसपोर्टरों के बीच भी हुई. (Adani Group in Himachal)

दो सीमेंट प्लांट बंद: अडानी समूह ने अपने बरमाणा और अंबुजा के प्लांट बंद कर रखे हैं. मालभाड़े के विवाद को लेकर अडानी समूह ने हिमाचल के अपने बरमाणा और अंबुजा के प्लांट बंद कर रखे हैं. अडाणी समूह सीमेंट फैक्ट्रियों से सीमेंट ढुलाई के भाड़े को कम करने की बात कर रहा है. इसको लेकर पहले बातचीत होती रही ,लेकिन जब कोई हल नहीं निकला तो फैक्ट्रियों को बंद कर दिया गया. (Two cement plants closed in Himachal)

15 दिंसबर से फैक्ट्रियों पर ताला: दोनों फैक्ट्रियां बीते 15 दिसंबर से बंद पड़ी हैं. इससे हजारों परिवार का रोजगार खत्म हो हो गया है.यही वजह है कि सरकार ने इस मसले को लेकर गंभीर है और वह जल्द ही इस मसले का हल निकालना चाह रही है. इसके लिए कल प्रधान सचिव आर डी नजीम की अध्यक्षता में बैठक होगी. हालांकि यह देखने वाली बात होगी कि हिमकॉन की इस रिपर्ट से दोनों पक्ष सहमत होंगे या इसको लेकर अपनी असहमति जताते हैं.

ये भी पढ़ें : बरमाणा एसीसी फैक्ट्री बंद होने से माहौल तनावपूर्ण, मौके पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात

शिमला: सीमेंट फैक्ट्रियों का विवाद सुलझाने को लेकर कल यानी गुरुवार को एक बैठक शिमला में होगी. यह बैठक प्रधान सचिव परिवहन आरडी नजीम की अध्यक्षता में होगी. इसमें हिमकॉन के मालभाड़े पर तैयार रिपोर्ट को दोनों पक्षों से साझा कर आपसी सहमति पर बात होगी. सरकार ने मालभाड़ा तय करने का काम हिमकॉन को दे रखा है. एजेंसी ने इसकी रिपोर्ट तैयार कर ली है.अब इस रिपोर्ट में तय मालभाड़े को लेकर दोनों पक्षों की राय ली जाएगी. सीमेंट फैक्ट्रियों का मालभाड़ा राज्य सरकार की कंसल्टेंसी एजेंसी हिमकॉन की रिपोर्ट के आधार पर तय होना है. (dispute of cement factories)

2 जनवरी को भी हुई थी बैठक: मालभाड़े को लेकर 2 जनवरी को शिमला में सिविल सप्लाई कॉरोपरेशन के प्रबंध निदेशक की अध्यक्षता में बनी सब कमेटी की एक बैठक हुई थी, जिसमें सीमेटं प्लांटस के ट्रांसपोर्टर, कंपनी प्रबंधन शामिल हुए थे. कमेटी ने ट्रांसपोर्टरों और कंपनी प्रबंधन से अलग -अलग बैठकें की थी. दोनों पक्षों ने अपनी ओर से तय किराए को इसमें रखा था. इस बैठक में हिमकॉन को निर्देश दिए गए कि वह दोनों पक्षों द्वारा दिए भाड़े के बाद इसको फाइनल करेगी. (Cement plant closed in Himachal from December 15)

2005 में किया था मालभाड़ा कैलकुलेट : सीमेंट मालभाड़े का निर्धारण राज्य सरकार की जिस कंसल्टेंसी एजेंसी हिमकॉन कर रही है, इसी एजेंसी ने 2005 में बनी कमेटी को मालभाड़ा कैलकुलेट कर दिया था. यह किराया 6 रुपए प्रति किलोमीटर प्रति टन के हिसाब से मालभाड़ा तय किया गया था. हालांकि ,इसे तब लागू नहीं किया गया, क्योंकि सीमेंट कंपनी अंबुजा और ट्रासपोर्टरों के बीच यह विवाद आपस में सुलझा लिया गया और दोनों ने बढ़े हुए भाड़े को मान लिया था, लेकिन अब फिर से अडानी समूह और ट्रांसपोर्टरों के बीच मालभाड़े को लेकर विवाद पैदा हो गया है तो इस एजेंसी को ही मालभाड़ा फाइनल करने का काम दिया गया है. बताया जा रहा है कि इसने अपनी रिपोर्ट सब कमेटी को दे दी है.(Himcon report ready)

23 दिसंबर को शिमला में स्टैंडिंग कमेटी की हुई थी बैठक: इससे पहले सरकार की ओर से बनाई गई स्टैंडिंग कमेटी की बैठक 23 दिसंबर को शिमला में हुई थी. परिवहन विभाग के प्रधान सचिव आरडी नजीम की अध्यक्षता में हुई बैठक में दोनों कंपनियों के प्रबंधन और ट्रक यूनियनों के पदाधिकारियों के साथ सोलन और बिलासपुर के डीसी शामिल रहे. मगर भाड़े को लेकर दोनों में कोई सहमति नहीं बन पाई थी. इसके बाद एसडीएम अर्की में भी एक बैठक अंबुजा सीमेंट कंपनी और ट्रांसपोर्टरों के बीच भी हुई. (Adani Group in Himachal)

दो सीमेंट प्लांट बंद: अडानी समूह ने अपने बरमाणा और अंबुजा के प्लांट बंद कर रखे हैं. मालभाड़े के विवाद को लेकर अडानी समूह ने हिमाचल के अपने बरमाणा और अंबुजा के प्लांट बंद कर रखे हैं. अडाणी समूह सीमेंट फैक्ट्रियों से सीमेंट ढुलाई के भाड़े को कम करने की बात कर रहा है. इसको लेकर पहले बातचीत होती रही ,लेकिन जब कोई हल नहीं निकला तो फैक्ट्रियों को बंद कर दिया गया. (Two cement plants closed in Himachal)

15 दिंसबर से फैक्ट्रियों पर ताला: दोनों फैक्ट्रियां बीते 15 दिसंबर से बंद पड़ी हैं. इससे हजारों परिवार का रोजगार खत्म हो हो गया है.यही वजह है कि सरकार ने इस मसले को लेकर गंभीर है और वह जल्द ही इस मसले का हल निकालना चाह रही है. इसके लिए कल प्रधान सचिव आर डी नजीम की अध्यक्षता में बैठक होगी. हालांकि यह देखने वाली बात होगी कि हिमकॉन की इस रिपर्ट से दोनों पक्ष सहमत होंगे या इसको लेकर अपनी असहमति जताते हैं.

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