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भांग को कानूनी वैधता देने से पहले क्यों होगा मध्यप्रदेश और उत्तराखंड का दौरा, किस क्षेत्र को मिलेगा लाभ - cannabis in himachal

हिमाचल में भांग की खेती को कानूनी मान्यता देने से पहले बनाई गई कमेटी के सदस्य मध्यप्रदेश और उत्तराखंड का दौरा करेंगे. (Meeting regarding legal validity of cannabis in HP)

हिमाचल में भांग की वैधानिकता को लेकर बैठक
हिमाचल में भांग की वैधानिकता को लेकर बैठक
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Published : Apr 28, 2023, 11:08 AM IST

शिमला: प्रदेश सरकार ने हिमाचल में भांग की खेती को वैध बनाने के संबंध में एक समिति गठित की है. राजस्व एवं बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी की अध्यक्षता में गठित इस समिति ने गुरुवार को भांग को औषधीय व औद्योगिक इस्तेमाल से संबंधित विभिन्न पहलुओं को लेकर चर्चा की.

समिति करेगी मध्यप्रदेश और उत्तराखंड का दौरा: : समिति ने यह भी फैसला किया है कि जिन राज्यों में भांग को वैध बनाया गया है, उन राज्यों का दौरा कर इसके संबंधित विभिन्न पहलुओं को देखा जाएगा.जगत सिंह नेगी ने कहा कि राज्य सरकार लोगों के लिए आजीविका के अवसर पैदा करने के साथ-साथ राजस्व अर्जित करने के मद्देनजर भांग के पौधों का गैर-मादक उपयोग करने की योजना पर कार्य कर रही है. जगत सिंह नेगी ने कहा कि समिति ने भांग की वैध खेती से संबंधित नियमों एवं उनके प्रभाव का विश्लेषण करने के लिए उत्तराखंड और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों का दौरा करने की भी योजना बनाई है.

सभी पहलुओं का अध्ययन जारी: उन्होंने कहा कि राज्य में रोगियों को सुरक्षित प्राकृतिक दवाओं तक पहुंच प्रदान करने, प्लास्टिक और निर्माण सामग्री के लिए बायोडिग्रेडेबल या जैविक विकल्प उपलब्ध करवाने के लिए समिति भांग के औषधीय एवं औद्योगिक उपयोग के लिए नियमों और नीतिगत ढांचे के सभी पहलुओं का अध्ययन कर रही है.

भांग से बनेंगे उत्पाद : मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि समिति पर्यावरणीय प्रभावों पर ध्यान देने के साथ राज्य में विभिन्न पहलुओं का विश्लेषण करेगी. इसमें भविष्य में विदेशी निवेश भी होने की उम्मीद है. दवा उद्योग, आयुर्वेद, कपड़ा, खाद्य पदार्थ और सौंदर्य प्रसाधन जैसे विभिन्न उद्योगों में भांग के फाइबर, बीज, पत्ती इत्यादि से कई उच्च मूल्य वाले उत्पाद बनाए जा सकते हैं.

भांग से किया जाएगा पिछड़े क्षेत्रों को लाभान्वित: इस बैठक में पॉलीहाउस में मेडिकल हेम्प की लाइसेंसशुदा खेती, जंगली भांग एकत्रित करने के अलावा कम नशीले कारक के साथ औद्योगिक भांग की लाइसेंसी खेती, दवा बाजार तक इसकी उपलब्धता सीमित करने और गैर-मादक उद्देश्यों के लिए जंगली पौधे के उपयोग पर भी चर्चा की गई. इस दौरान राज्य के पिछड़े क्षेत्रों को इससे लाभान्वित करने के पहलुओं पर भी चर्चा की गई.

गैर-मादक उपयोग की जानकारी दी गई: एडवोकेट देवेन खन्ना ने इस अवसर पर भांग के पौधे के गैर-मादक उपयोग और इसके लाभों के बारे में विस्तार से अवगत करवाया. इस अवसर पर मुख्य संसदीय सचिव सुंदर सिंह ठाकुर, विधायक डॉ. हंस राज, डॉ. जनक राज, पूर्ण चंद ठाकुर और केवल सिंह पठानिया के अलावा अतिरिक्त आयुक्त राज्य कर एवं आबकारी डॉ. राजीव डोगरा भी उपस्थित रहे.

ये भी पढ़ें : भांग, गांजा और चरस... नाम अलग, दाम अलग लेकिन पौधा एक, दवा से लेकर नशे तक होता है इस्तेमाल



शिमला: प्रदेश सरकार ने हिमाचल में भांग की खेती को वैध बनाने के संबंध में एक समिति गठित की है. राजस्व एवं बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी की अध्यक्षता में गठित इस समिति ने गुरुवार को भांग को औषधीय व औद्योगिक इस्तेमाल से संबंधित विभिन्न पहलुओं को लेकर चर्चा की.

समिति करेगी मध्यप्रदेश और उत्तराखंड का दौरा: : समिति ने यह भी फैसला किया है कि जिन राज्यों में भांग को वैध बनाया गया है, उन राज्यों का दौरा कर इसके संबंधित विभिन्न पहलुओं को देखा जाएगा.जगत सिंह नेगी ने कहा कि राज्य सरकार लोगों के लिए आजीविका के अवसर पैदा करने के साथ-साथ राजस्व अर्जित करने के मद्देनजर भांग के पौधों का गैर-मादक उपयोग करने की योजना पर कार्य कर रही है. जगत सिंह नेगी ने कहा कि समिति ने भांग की वैध खेती से संबंधित नियमों एवं उनके प्रभाव का विश्लेषण करने के लिए उत्तराखंड और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों का दौरा करने की भी योजना बनाई है.

सभी पहलुओं का अध्ययन जारी: उन्होंने कहा कि राज्य में रोगियों को सुरक्षित प्राकृतिक दवाओं तक पहुंच प्रदान करने, प्लास्टिक और निर्माण सामग्री के लिए बायोडिग्रेडेबल या जैविक विकल्प उपलब्ध करवाने के लिए समिति भांग के औषधीय एवं औद्योगिक उपयोग के लिए नियमों और नीतिगत ढांचे के सभी पहलुओं का अध्ययन कर रही है.

भांग से बनेंगे उत्पाद : मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि समिति पर्यावरणीय प्रभावों पर ध्यान देने के साथ राज्य में विभिन्न पहलुओं का विश्लेषण करेगी. इसमें भविष्य में विदेशी निवेश भी होने की उम्मीद है. दवा उद्योग, आयुर्वेद, कपड़ा, खाद्य पदार्थ और सौंदर्य प्रसाधन जैसे विभिन्न उद्योगों में भांग के फाइबर, बीज, पत्ती इत्यादि से कई उच्च मूल्य वाले उत्पाद बनाए जा सकते हैं.

भांग से किया जाएगा पिछड़े क्षेत्रों को लाभान्वित: इस बैठक में पॉलीहाउस में मेडिकल हेम्प की लाइसेंसशुदा खेती, जंगली भांग एकत्रित करने के अलावा कम नशीले कारक के साथ औद्योगिक भांग की लाइसेंसी खेती, दवा बाजार तक इसकी उपलब्धता सीमित करने और गैर-मादक उद्देश्यों के लिए जंगली पौधे के उपयोग पर भी चर्चा की गई. इस दौरान राज्य के पिछड़े क्षेत्रों को इससे लाभान्वित करने के पहलुओं पर भी चर्चा की गई.

गैर-मादक उपयोग की जानकारी दी गई: एडवोकेट देवेन खन्ना ने इस अवसर पर भांग के पौधे के गैर-मादक उपयोग और इसके लाभों के बारे में विस्तार से अवगत करवाया. इस अवसर पर मुख्य संसदीय सचिव सुंदर सिंह ठाकुर, विधायक डॉ. हंस राज, डॉ. जनक राज, पूर्ण चंद ठाकुर और केवल सिंह पठानिया के अलावा अतिरिक्त आयुक्त राज्य कर एवं आबकारी डॉ. राजीव डोगरा भी उपस्थित रहे.

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