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मेडिकल ऑफिसर संघ का आरोप, कहा: सरकार की नजर में चिकित्सक नहीं करोना वॉरियर्स

हिमाचल प्रदेश मेडिकल ऑफिसर संघ ने सरकार पर उनकी अनदेखी के आरोप लगाये हैं. हिमाचल दिवस पर घोषित विशेष मानदेय जोकि करोना योद्धाओं को दिया जाना है, उस श्रेणी से चिकित्सकों को बाहर रखा गया है. संघ के महासचिव डॉ. पुष्पेंद्र वर्मा ने कहा है कि सरकार के इस रुख से लगता है कि उन्होंने चिकित्सकों को कोरोना योद्धा मानने से ही एक तरह से इनकार कर दिया है.

Himachal Pradesh Medical Officers Association
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Published : Apr 15, 2021, 7:33 PM IST

शिमलाः हिमाचल प्रदेश मेडिकल ऑफिसर संघ ने आरोप लगाया है कि हिमाचल दिवस पर घोषित विशेष मानदेय जोकि कोरोना योद्धाओं को दिया जाना है, उस श्रेणी से चिकित्सकों को बाहर रखकर सरकार ने पूरे प्रदेश के चिकित्सकों को हतोत्साहित किया है.

हिमाचल प्रदेश मेडिकल ऑफिसर संघ के महासचिव डॉ. पुष्पेंद्र वर्मा ने कहा है कि सरकार के इस रुख से लगता है कि उन्होंने चिकित्सकों को कोरोना योद्धा मानने से ही एक तरह से इनकार कर दिया है. उन्होंने कहा कि यह फर्क नहीं पड़ता कि कितनी प्रोत्साहन राशि चिकित्सक को दी जाए चाहे 1 रुपये ही प्रोत्साहन राशि के रूप में हमारे चिकित्सकों को घोषित करते, लेकिन घोषित जरूर करते.

वीडियो.

'महामारी से लड़ रहे चिकित्सक'

उनका कहना था कि पिछले 1 साल से चिकित्सक दिन-रात एक करते हुए इस महामारी से लड़ रहे हैं, लेकिन लगातार हमारे हितों पर कुठाराघात किया जा रहा है. पहले नवनियुक्त अनुबंध पर लगे चिकित्सकों का ग्रेड-पे मानदेय जो कि सरकार के प्रत्येक अनुबंधित कर्मचारी को मिलता है उसको काटा गया. जो कि उनके वेतन का 22% बनता था. उसके बाद जनवरी 2021 में जो नौजवान नवनियुक्त चिकित्सक मेडिकल कॉलेज टांडा और मंडी मेडिकल कॉलेज में ड्यूटी देते रहे. उनको ढाई महीने तक वेतन का भुगतान नहीं किया गया.

'करोना वॉरियर्स की श्रेणी से ही बाहर किये गए चिकित्सक'

ड्यूटी करने की एवज में उनको किसी भी तरह आर्थिक और शैक्षणिक इंसेंटिव नहीं दिया गया और इस बार चिकित्सकों को करोना वॉरियर्स की श्रेणी से ही बाहर कर दिया है. संघ का प्रत्येक सदस्य यह पूछना चाहता है कि क्या सरकार को चिकित्सकों की भूमिका के बारे में इस महामारी के दौरान कोई संदेह है. उनको क्यों इस मानदेय से दूर रखा गया.

ये भी पढ़ें- कोरोना से HRTC की हालत खराब, उबरने की हो रही कोशिशः परिवहन मंत्री

शिमलाः हिमाचल प्रदेश मेडिकल ऑफिसर संघ ने आरोप लगाया है कि हिमाचल दिवस पर घोषित विशेष मानदेय जोकि कोरोना योद्धाओं को दिया जाना है, उस श्रेणी से चिकित्सकों को बाहर रखकर सरकार ने पूरे प्रदेश के चिकित्सकों को हतोत्साहित किया है.

हिमाचल प्रदेश मेडिकल ऑफिसर संघ के महासचिव डॉ. पुष्पेंद्र वर्मा ने कहा है कि सरकार के इस रुख से लगता है कि उन्होंने चिकित्सकों को कोरोना योद्धा मानने से ही एक तरह से इनकार कर दिया है. उन्होंने कहा कि यह फर्क नहीं पड़ता कि कितनी प्रोत्साहन राशि चिकित्सक को दी जाए चाहे 1 रुपये ही प्रोत्साहन राशि के रूप में हमारे चिकित्सकों को घोषित करते, लेकिन घोषित जरूर करते.

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'महामारी से लड़ रहे चिकित्सक'

उनका कहना था कि पिछले 1 साल से चिकित्सक दिन-रात एक करते हुए इस महामारी से लड़ रहे हैं, लेकिन लगातार हमारे हितों पर कुठाराघात किया जा रहा है. पहले नवनियुक्त अनुबंध पर लगे चिकित्सकों का ग्रेड-पे मानदेय जो कि सरकार के प्रत्येक अनुबंधित कर्मचारी को मिलता है उसको काटा गया. जो कि उनके वेतन का 22% बनता था. उसके बाद जनवरी 2021 में जो नौजवान नवनियुक्त चिकित्सक मेडिकल कॉलेज टांडा और मंडी मेडिकल कॉलेज में ड्यूटी देते रहे. उनको ढाई महीने तक वेतन का भुगतान नहीं किया गया.

'करोना वॉरियर्स की श्रेणी से ही बाहर किये गए चिकित्सक'

ड्यूटी करने की एवज में उनको किसी भी तरह आर्थिक और शैक्षणिक इंसेंटिव नहीं दिया गया और इस बार चिकित्सकों को करोना वॉरियर्स की श्रेणी से ही बाहर कर दिया है. संघ का प्रत्येक सदस्य यह पूछना चाहता है कि क्या सरकार को चिकित्सकों की भूमिका के बारे में इस महामारी के दौरान कोई संदेह है. उनको क्यों इस मानदेय से दूर रखा गया.

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