शिमला: जिले में अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के पूर्व अध्यक्ष एसएस जोगटा ने नगर निगम की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए जनता को मूलभूत सुविधा उपलब्ध करवाने की मांग की है. उन्होंने कहा कि बिजली और पानी की खरीद फरोख्त में हुए घोटालों की जांच होनी चाहिए. वर्तमान में पानी और बिजली के बिलों ने गरीब आदमी की कमर तोड़ दी है.
एसएस जोगटा ने कहा कि पानी के बिल ही 20 और 40 हजार आने से आम आदमी का बिल देना मुश्किल हो गया है. साथ ही बिजली के बिल भी 10 हजार तक आ रहे हैं, जबकि लोग कम मात्रा में बिजली और पानी इस्तेमाल करते हैं.
अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के पूर्व अध्यक्ष एसएस जोगटा ने नगर निगम पर आरोप लगाते हुए कहा कि निगम लोगों को मूलभूत सुविधा देने में नाकाम रहा है. उन्होंने कहा कि बिजली हिमाचल में ही बनने के बावजूद प्रदेश में ही सबसे महंगी मिलती है, जबकि दिल्ली बिजली खरीदने के बावजूद लोगों को फ्री दे रहा है.
एसएस जोगटा ने कहा कि वो दिल्ली की तर्ज पर बिजली और पानी को फ्री करने की मांग नहीं कर रहे हैं, बल्कि कम दामों पर लोगों को बिजली पानी दिया जाना चाहिए.
एसएस जोगटा ने कहा कि जवाहरलाल नवीनीकरण योजना के तहत आया पैसा आया क्या मॉल रोड सजाने के लिए है. उनका कहा कि निगम के साथ नए जोड़े गए क्षेत्रों में मूलभूत सुविधाएं स्ट्रीट लाइट और पानी की व्यवस्था नहीं है. निगम को इसे सुधारना चाहिए.
अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के पूर्व अध्यक्ष एसएस जोगटा ने कहा कि निगम के रवैया न बदलने पर आने वाले दिनों में उनका संगठन सड़कों पर उतर कर विरोध करेगा.
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