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आखिरकार टाउन हॉल में 'विराजमान' हुईं महापौर, विधि विधान से शिफ्ट हुआ नगर निगम का कार्यालय - टाउन हॉल

महापौर कार्यालय लंबी जद्दोजहद और कानूनी लड़ाई के बाद आखिरकार टाउन हॉल में शिफ्ट हो गया है. सोमवार को शिफ्ट होने से पहले विधि विधान के साथ हवन किया गया.

Mayor sitting in town hall shimla
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Published : Oct 1, 2019, 3:22 PM IST

शिमला: नगर निगम का महापौर कार्यालय लंबी जद्दोजहद और कानूनी लड़ाई के बाद आखिरकार टाउन हॉल में शिफ्ट हो गया है. सोमवार को टाउन हॉल में विधि विधान के साथ हवन किया गया, जिस में मेयर और नगर निगम के कमिशनर के साथ वार्डों के कुछ ही पार्षदों ने भाग लिया. इस हवन में डिप्टी मेयर शामिल नहीं थे.

मेयर कुसुम सदरेट ने कहा कि काफी लंबे समय के बाद नगर निगम को ये टाउन हॉल मिला है. उन्होंने कहा कि अभी टाउनहाल में नगर निगम के दूसरे कार्यालय नहीं शिफ्ट होंगे और डीसी ऑफिस में ही निगम के कार्यालय रहेंगे. मेयर ने जल्द ही टाउनहाल में मीटिंग और अन्य स्टाफ के लिए जगह मिलने की आशा जताई है.

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नगर निगम की महापौर कुसुम सदरेट ने कोर्ट के फैसले का स्वागत किया. उन्होंने कहा कि टाउन हॉल के जीर्णोद्धार के बाद इस पर अन्य विभाग भी दावेदारी पेश कर रहे थे लेकिन कोर्ट ने नगर निगम के पक्ष में फैसला सुनाया है.
बता दें कि शिमला के टाउन हॉल में नगर का कार्यालय चल रहा था लेकिन 2014 में इसका जीर्णोद्धार के लिए एचपीटीडीपी को दिया गया. इस पर करीब 8 करोड़ रुपये खर्च हुआ है. इसके लिए एचपीटीडीपी ने एडीबी (एशियन डेवलपमेंट बोर्ड) से कर्ज लिया है.

जीर्णोउधार के बाद सीएम जयराम ने नवंबर 2018 में इसका उद्घाटन भी कर दिया था, लेकिन दावेदार ज्यादा होने से मामला कोर्ट पहुंच गया और दस महीने बाद ये नगर निगम के हक में फैसला आया है.

शिमला: नगर निगम का महापौर कार्यालय लंबी जद्दोजहद और कानूनी लड़ाई के बाद आखिरकार टाउन हॉल में शिफ्ट हो गया है. सोमवार को टाउन हॉल में विधि विधान के साथ हवन किया गया, जिस में मेयर और नगर निगम के कमिशनर के साथ वार्डों के कुछ ही पार्षदों ने भाग लिया. इस हवन में डिप्टी मेयर शामिल नहीं थे.

मेयर कुसुम सदरेट ने कहा कि काफी लंबे समय के बाद नगर निगम को ये टाउन हॉल मिला है. उन्होंने कहा कि अभी टाउनहाल में नगर निगम के दूसरे कार्यालय नहीं शिफ्ट होंगे और डीसी ऑफिस में ही निगम के कार्यालय रहेंगे. मेयर ने जल्द ही टाउनहाल में मीटिंग और अन्य स्टाफ के लिए जगह मिलने की आशा जताई है.

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नगर निगम की महापौर कुसुम सदरेट ने कोर्ट के फैसले का स्वागत किया. उन्होंने कहा कि टाउन हॉल के जीर्णोद्धार के बाद इस पर अन्य विभाग भी दावेदारी पेश कर रहे थे लेकिन कोर्ट ने नगर निगम के पक्ष में फैसला सुनाया है.
बता दें कि शिमला के टाउन हॉल में नगर का कार्यालय चल रहा था लेकिन 2014 में इसका जीर्णोद्धार के लिए एचपीटीडीपी को दिया गया. इस पर करीब 8 करोड़ रुपये खर्च हुआ है. इसके लिए एचपीटीडीपी ने एडीबी (एशियन डेवलपमेंट बोर्ड) से कर्ज लिया है.

जीर्णोउधार के बाद सीएम जयराम ने नवंबर 2018 में इसका उद्घाटन भी कर दिया था, लेकिन दावेदार ज्यादा होने से मामला कोर्ट पहुंच गया और दस महीने बाद ये नगर निगम के हक में फैसला आया है.

Intro:

लंबी जदोजहद ओर कानूनी लड़ाई के बाद आखिरकार नगर निगम के महापौर कार्यालय टाउनहाल में शिफ्ट हो गया है। सोमवार को विधि विधान के साथ   हवन किया गया जिस में मेयर ,ओर नगर निगम के कामनिशर के साथ वार्डो के कुछ ही पार्षदों ने भाग लिया ।इस हवन में डिप्टी मेयर शामिल नही थे ।
वही इस मौके पर मेयर कुसुम सदरेट ने कहा कि काफी लंबे समय के बाद नगर निगम को ये टाउनहाल मिला है उन्होंने बताया कि अभी  टाउनहाल में नगर निगम के  दूसरे कार्यालय अभी  नही शिफ्ट होंगे और डीसी ऑफिस में ही निगम के कार्यालय रहेंगे। पर जल्दी ही उन्हें  टाउनहाल  में मीटिंग ओर अन्य स्टाफ के लिए स्थान मिलने की आशा जताई है  नगर निगम के महापौर कुसुम सदरेट ने कोर्ट के फैसले का स्वागत किया और कहा कि टाउनहालके पहले से ही नगर निगम का कार्यक्रम चल रहा था और इसके जीर्णोउधार के बाद इस पर अन्य विभाग भी दावेदारी पेश कर रहे थे लेकिन कोर्ट ने नगर निगम के पक्ष में फैसला सुनाया है। 



Body:बता दे शिमला का टाउनहाल में नगर का कार्यालय चल रहा था लेकिन 2014 में इसका जीर्णोउधार के लिए एचपीटीडीपी को दिया गया ।  जिस पर  करीब 8 करोड़ रुपये खर्च हुआ हैं। इसके लिए एचपीटीडीपी ने एडीबी (एशियन डेवलपमेंट बोर्ड) से कर्ज लिया है।जीर्णोउधार के बाद सीएम जयराम ने नवंबर 2018 में इसका उद्घाटन भी कर दिया लेकिन दावेदार ज्यादा होने से मामला कोर्ट पहुच गया और दस माह बाद ये नगर निगम के हक में फैसला आया है।Conclusion:
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