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ऐतिहासिक रिज बचाने के काम पर वन विभाग ने लगाया ब्रेक, महापौर सत्या कौंडल ने कही ये बात

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Published : Jul 27, 2021, 10:16 PM IST

पहाड़ों की राजधानी शिमला का ऐतिहासिक रिज मैदान पर चल रहे काम पर वन विभाग ने अपनी जमीन बताते हुए काम पर ब्रेक लगा दिया है. वहीं, नगर निगम प्रशासन अब इस मामले को लेकर सीएम जयराम ठाकुर से मुलाकत कर बताएगा.

शिमला
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शिमला: ऐतिहासिक रिज मैदान(ridge ground) को धंसने से बचाने के लिए नगर निगम (municipal Corporation) की योजना पर वन विभाग (Forest department) ने अड़ंगा डाल दिया है और इस जमीन पर अपना हक जता कर नगर निगम फॉरेस्ट क्लीयरेंस सहित कई अन्य तरह की औपचारिक्ताओं को पूरा करने को कहा है. वहीं, अब नगर निगम ने रिज के हिस्से पर लीपापोती शुरू कर दी है और बरसात में जमीन न धसे इसके लिए डंगा लगाने का काम शुरू कर दिया है.

डंगा लगाने के बाद यहां पर रेलिंग लगाई जाएगी, ताकि रिज की सुंदरता बरकरार रहे. पिछले दो सप्ताह से हो रही बारिश से इसके धंसने की आशंका बढ़ गई थी. कई जगह से पत्थर भी निकल रहे थे. जिसको देखते हुए नगर निगम फिलहाल यहां पर अस्थाई डंगा लगा रहा है.

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इस मामले को लेकर नगर निगम अब मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर (Chief Minister Jai Ram Thakur) के पास जाएगा और यहां कार्य शुरू करने की अनुमति देने का आग्रह करेगा. नगर निगम की महापौर सत्या कौंडल (Mayor Satya Kaundal) ने कहा कि पिछले काफी समय से रिज का एक हिस्सा धंस रहा था और इसे बचाने के लिए स्मार्ट सिटी (smart City) के तहत 25 करोड़ की कार्य योजना भी तैयार की गई थी. इसके लिए लोक निर्माण विभाग को कार्य भी सौंपा था.

टेंडर भी कर दिया गया था, लेकिन वन विभाग ने इस काम में अड़चन डाल दी और इस भूमि को अपना बताकर काम नहीं करने दिया जा रहा. बरसात में रिज मैदान के इस हिस्से को ज्यादा खतरा पैदा हो गया है जिसको देखते की हुए फिलहाल अस्थाई डंगा लगाया जा रहा है, ताकि इसे सुरक्षित किया जा सके. उन्होंने कहा कि इसको लेकर जल्द ही मुख्यमंत्री और वन मंत्री से बात की जाएगी और इस भूमि पर काम शुरू करने का आग्रह किया जाएगा. उन्होंने आरोप लगाया कि शहर में नगर निगम जो विकास कार्य शुरू करता है तो वन विभाग वहां पर अड़चन डाल रहा जिससे शहर में विकास कार्य नहीं हो पा रहे हैं.

धंसते हिस्से को बचाने के लिए नगर निगम आईआईटी की विशेषज्ञ टीम बुलाई थी. टीम ने धंसते रिज मैदान की मिट्टी की जांच की थी और इस हिस्से को बचाने का प्लान तैयार किया था. जिसका कार्य लोकनिर्माण विभाग को सौंपा था. लोक निर्माण विभाग रिज पर 70 मीटर लंबा डंगा लगाया जाएगा. इसकी चौड़ाई 10 मीटर होगी. इससे रिज की चौड़ाई करीब 33 फीट बढ़ जाएगी. यह डंगा पदमदेव परिसर से लेकर टाउन हॉल तक लगाया जाएगा. डंगे की ऊंचाई इतनी ज्यादा होगी कि इसमें तीन मंजिलें बन जाएंगी. शिमला में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (National Green Tribunal) के कोर ग्रीन एरिया निर्माण पर प्रतिबंध के चलते भवन नहीं बनाया जा सकता, इसलिए इस पूरे स्ट्रक्चर को खाली रखा जाएगा. भविष्य में यदि रोक हटती है तो इसमें तीन मंजिला व्यावसायिक भवन का निर्माण हो सकता है.

रिज का एक हिसा 2008 से धंस रहा है और 2011 में यहां भूस्खलन भी हुआ था, जिससे तिब्बती मार्केट में दुकानों को नुकसान हुआ था. वहीं, नगर निगम भी हर साल औपचारिकता के नाम पर पैचवर्क ही करता आ रहा है. इसके लिए अब नगर निगम ने प्लान तो तैयार किया, लेकिन वन विभाग ने कार्य शुरू होने से पहले ही इसमे अड़ंगा डाल दिया, जिससे अब नगर निगम को काम शुरू करने के लिए इंतजार करना पड़ेगा.

ये भी पढ़ें:रोपड़ में पता चलेगी ट्रैफिक की रफ्तार, मिलेगी जाम से निजात

शिमला: ऐतिहासिक रिज मैदान(ridge ground) को धंसने से बचाने के लिए नगर निगम (municipal Corporation) की योजना पर वन विभाग (Forest department) ने अड़ंगा डाल दिया है और इस जमीन पर अपना हक जता कर नगर निगम फॉरेस्ट क्लीयरेंस सहित कई अन्य तरह की औपचारिक्ताओं को पूरा करने को कहा है. वहीं, अब नगर निगम ने रिज के हिस्से पर लीपापोती शुरू कर दी है और बरसात में जमीन न धसे इसके लिए डंगा लगाने का काम शुरू कर दिया है.

डंगा लगाने के बाद यहां पर रेलिंग लगाई जाएगी, ताकि रिज की सुंदरता बरकरार रहे. पिछले दो सप्ताह से हो रही बारिश से इसके धंसने की आशंका बढ़ गई थी. कई जगह से पत्थर भी निकल रहे थे. जिसको देखते हुए नगर निगम फिलहाल यहां पर अस्थाई डंगा लगा रहा है.

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इस मामले को लेकर नगर निगम अब मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर (Chief Minister Jai Ram Thakur) के पास जाएगा और यहां कार्य शुरू करने की अनुमति देने का आग्रह करेगा. नगर निगम की महापौर सत्या कौंडल (Mayor Satya Kaundal) ने कहा कि पिछले काफी समय से रिज का एक हिस्सा धंस रहा था और इसे बचाने के लिए स्मार्ट सिटी (smart City) के तहत 25 करोड़ की कार्य योजना भी तैयार की गई थी. इसके लिए लोक निर्माण विभाग को कार्य भी सौंपा था.

टेंडर भी कर दिया गया था, लेकिन वन विभाग ने इस काम में अड़चन डाल दी और इस भूमि को अपना बताकर काम नहीं करने दिया जा रहा. बरसात में रिज मैदान के इस हिस्से को ज्यादा खतरा पैदा हो गया है जिसको देखते की हुए फिलहाल अस्थाई डंगा लगाया जा रहा है, ताकि इसे सुरक्षित किया जा सके. उन्होंने कहा कि इसको लेकर जल्द ही मुख्यमंत्री और वन मंत्री से बात की जाएगी और इस भूमि पर काम शुरू करने का आग्रह किया जाएगा. उन्होंने आरोप लगाया कि शहर में नगर निगम जो विकास कार्य शुरू करता है तो वन विभाग वहां पर अड़चन डाल रहा जिससे शहर में विकास कार्य नहीं हो पा रहे हैं.

धंसते हिस्से को बचाने के लिए नगर निगम आईआईटी की विशेषज्ञ टीम बुलाई थी. टीम ने धंसते रिज मैदान की मिट्टी की जांच की थी और इस हिस्से को बचाने का प्लान तैयार किया था. जिसका कार्य लोकनिर्माण विभाग को सौंपा था. लोक निर्माण विभाग रिज पर 70 मीटर लंबा डंगा लगाया जाएगा. इसकी चौड़ाई 10 मीटर होगी. इससे रिज की चौड़ाई करीब 33 फीट बढ़ जाएगी. यह डंगा पदमदेव परिसर से लेकर टाउन हॉल तक लगाया जाएगा. डंगे की ऊंचाई इतनी ज्यादा होगी कि इसमें तीन मंजिलें बन जाएंगी. शिमला में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (National Green Tribunal) के कोर ग्रीन एरिया निर्माण पर प्रतिबंध के चलते भवन नहीं बनाया जा सकता, इसलिए इस पूरे स्ट्रक्चर को खाली रखा जाएगा. भविष्य में यदि रोक हटती है तो इसमें तीन मंजिला व्यावसायिक भवन का निर्माण हो सकता है.

रिज का एक हिसा 2008 से धंस रहा है और 2011 में यहां भूस्खलन भी हुआ था, जिससे तिब्बती मार्केट में दुकानों को नुकसान हुआ था. वहीं, नगर निगम भी हर साल औपचारिकता के नाम पर पैचवर्क ही करता आ रहा है. इसके लिए अब नगर निगम ने प्लान तो तैयार किया, लेकिन वन विभाग ने कार्य शुरू होने से पहले ही इसमे अड़ंगा डाल दिया, जिससे अब नगर निगम को काम शुरू करने के लिए इंतजार करना पड़ेगा.

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