चंडीगढ़/शिमला: हंतवाड़ा मुठभेड़ में शहीद मेजर अनुज सूद पंचतत्व में विलीन हो गए हैं. मंगलवार को उनका अंतिम संस्कार चंडीगढ़ के मनीमाजरा के श्मशान घाट पर राजकीय सम्मान के साथ किया गया. वहीं, कांगड़ा जिले से संबंध रखने वाली शहीद मेजर की पत्नी आकृति ने भी सेना में भर्ती होकर देश सेवा करने का फैसला लिया है.
शहीद का पार्थिव शरीर घर पहुंचने पर अपने बेटे को तिरंगे में लिपटा देख परिजन अपने आंसू रोक नहीं पाए. शहीद की पत्नी आकृति काफी देर तक मेजर सूद के पार्थिव शरीर के पास बैठी रहीं. काफी देर तक आकृति अपने पति के पार्थिव शरीर को सिर्फ निहारती रहीं.
शहीद अनुज की पत्नी आकृति की आंखों में पति से अलग होने का दर्द तो छलक रहा था, लेकिन उन्हें इस बात का गर्व भी था कि उनके पति ने देश के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया है.
पुणे में प्राइवेट जॉब करती हैं आकृति
बता दें कि दो साल पहले ही मेजर अनुज सूद की हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले की रहने वाली आकृति से हुई थी. आकृति पुणे की एक कंपनी में जॉब करती हैं. शहीद का परिवार लगभग 8 महीने पहले ही पंचकूला स्थित अमरावती एन्क्लेव में रहने आया था.
मेजर अनुज सूद के चले जाने के बाद आकृति ने भी उनके पदचिन्हों पर चलते हुए सेना में जाने का फैसला लिया है. हरियाणा स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता ने बताया कि आकृति ने भी अब सेना में जाने के बाद देश की सेवा करने का फैसला लिया है.
जानिए कौन हैं शहीद मेजर अनुज सूद
शहीद मेजर अनुज सूद मूल रूप से हिमाचल के रहने वाले थे. उनका पैतृक गांव कांगड़ा जिला के देहरा में है, लेकिन उनका परिवार अब चंडीगढ़ शिफ्ट हो गया है. मेजर सूद का परिवार चंडीगढ़ के पंचकूला में रहता है.
मेजर अनुज सूद ब्रिगेड ऑफ गार्ड्स के अधिकारी थे. उनकी शादी दो साल पहले ही हुई थी. सेना के इस जांबाज अधिकारी का नाता भारतीय सेना से पुराना रहा है. उनके पिता चंद्रकांत सूद सेना में ब्रिगेडियर रह चुके हैं.
मेजर अनुज सूद ने अपनी पढ़ाई पंजाब पब्लिक स्कूल, नाभा से पूरी की. वो बचपन से ही पढ़ाई में काफी तेज थे. होनहार अनुज सूद का चयन इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (आईआईटी) में हो गया था, लेकिन उन्होंने आईआईटी की जगह एनडीए को चुना.
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