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शिमला के बाजारों में जलाई गई लोहड़ी, लोगों ने मनाया नए साल का पहला त्यौहार

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Published : Jan 13, 2021, 9:07 PM IST

Updated : Jan 13, 2021, 9:26 PM IST

प्रदेश भर में आज लोहड़ी का त्यौहार मनाया गया. शिमला में भी शाम के समय बाजारों में लोहड़ी की रौनक देखने को मिली और परंपरा के अनुसार बाजार में लोहड़ी जलाई गई. हर साल की परंपरा को इस साल भी कायम रखा जाए. जिसके बाद लोहड़ी जलाने की तैयारी बाजारों में की गई.

lohri celebration
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शिमलाः प्रदेश भर में आज लोहड़ी का पर्व धूमधाम से मनाया गया. शिमला में भी शाम के समय बाजारों में लोहड़ी की रौनक देखने को मिली और परंपरा के अनुसार बाजार में लोहड़ी जलाई गई. शहर के लोअर बाजार में व्यपारी और कारोबारी वर्ग ने एक साथ मिलकर लोहड़ी जलाई. बाजार के बीच लकड़ियां इकट्ठी कर लोहड़ी जलाई गई. लोगों ने लोहड़ी के गीत गाए और सभी को लोहड़ी की शुभकामनाएं दी. लकड़ियों की ढ़ेरी पर पूजा कर लोहड़ी जलाने के साथ ही खील, मक्का, गुड़, रेवड़ी, मूंगफली को भी अग्नि में समर्पित किया गया और परिक्रमा लगाई गई.

नए साल का यह पहला त्यौहार

मूंगफली, रेवड़ी, गजक का प्रसाद बाजार में लोगों को भी बांटा गया. वैसे तो शिमला में लोहड़ी पर बड़ा आयोजन गंज मंदिर में किया जाता है. लेकिन इस बार कोविड-19 को देखते हुए आयोजन मंदिर में नहीं किया गया. बाजारों में ही परंपरा को निभाने के लिए लोहड़ी जलाई गई. नए साल का यह पहला त्यौहार था.

वीडियो.

बाजार में लोहड़ी जलाई

व्यापारियों ने यह फैसला लिया की इस त्यौहार को मनाया जाए और हर साल की परंपरा को इस साल भी कायम रखा जाए. जिसके बाद लोहड़ी जलाने की तैयारी बाजारों में की गई. के. बी सिंह ने बताया कि हर साल की तरह इस साल भी बाजार में लोहड़ी जलाई गई है और लोगों में लोहड़ी का प्रसाद बांटा गया है. उन्होंने कहा कि लोहड़ी का यह पर्व सर्दी की फसल की कटाई और गर्मी की फसल की बुवाई की खुशी के रूप में भी मनाया जाता है और इसका ऐतिहासिक महत्व भी है.

लोहड़ी मांगने जाते हैं छोटे-छोटे बच्चे

बता दें कि लोहड़ी के इस पर्व को प्रदेश भर में अलग-अलग परंपराओं और रीति-रिवाजों के साथ मनाया जाता है. कुछ जगहों पर छोटे-छोटे बच्चे गांव में लोहड़ी मांगने के लिए जाते हैं ओर लोहड़ी के गीत गाते हैं. बच्चों को लोहड़ी के रूप में मूंगफली, तिल, गजक और रेवड़ी दी जाती है. लेकिन अब समय के साथ यह कम देखने के लिए मिल रहा है कि बच्चे घर-घर जाकर लोहड़ी मांगे.

ये भी पढ़ें: अद्भुत हिमाचल: पानी में उल्टा तैरता है ये पत्थर! लोगों की हर मनोकामना करता है पूरी

शिमलाः प्रदेश भर में आज लोहड़ी का पर्व धूमधाम से मनाया गया. शिमला में भी शाम के समय बाजारों में लोहड़ी की रौनक देखने को मिली और परंपरा के अनुसार बाजार में लोहड़ी जलाई गई. शहर के लोअर बाजार में व्यपारी और कारोबारी वर्ग ने एक साथ मिलकर लोहड़ी जलाई. बाजार के बीच लकड़ियां इकट्ठी कर लोहड़ी जलाई गई. लोगों ने लोहड़ी के गीत गाए और सभी को लोहड़ी की शुभकामनाएं दी. लकड़ियों की ढ़ेरी पर पूजा कर लोहड़ी जलाने के साथ ही खील, मक्का, गुड़, रेवड़ी, मूंगफली को भी अग्नि में समर्पित किया गया और परिक्रमा लगाई गई.

नए साल का यह पहला त्यौहार

मूंगफली, रेवड़ी, गजक का प्रसाद बाजार में लोगों को भी बांटा गया. वैसे तो शिमला में लोहड़ी पर बड़ा आयोजन गंज मंदिर में किया जाता है. लेकिन इस बार कोविड-19 को देखते हुए आयोजन मंदिर में नहीं किया गया. बाजारों में ही परंपरा को निभाने के लिए लोहड़ी जलाई गई. नए साल का यह पहला त्यौहार था.

वीडियो.

बाजार में लोहड़ी जलाई

व्यापारियों ने यह फैसला लिया की इस त्यौहार को मनाया जाए और हर साल की परंपरा को इस साल भी कायम रखा जाए. जिसके बाद लोहड़ी जलाने की तैयारी बाजारों में की गई. के. बी सिंह ने बताया कि हर साल की तरह इस साल भी बाजार में लोहड़ी जलाई गई है और लोगों में लोहड़ी का प्रसाद बांटा गया है. उन्होंने कहा कि लोहड़ी का यह पर्व सर्दी की फसल की कटाई और गर्मी की फसल की बुवाई की खुशी के रूप में भी मनाया जाता है और इसका ऐतिहासिक महत्व भी है.

लोहड़ी मांगने जाते हैं छोटे-छोटे बच्चे

बता दें कि लोहड़ी के इस पर्व को प्रदेश भर में अलग-अलग परंपराओं और रीति-रिवाजों के साथ मनाया जाता है. कुछ जगहों पर छोटे-छोटे बच्चे गांव में लोहड़ी मांगने के लिए जाते हैं ओर लोहड़ी के गीत गाते हैं. बच्चों को लोहड़ी के रूप में मूंगफली, तिल, गजक और रेवड़ी दी जाती है. लेकिन अब समय के साथ यह कम देखने के लिए मिल रहा है कि बच्चे घर-घर जाकर लोहड़ी मांगे.

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Last Updated : Jan 13, 2021, 9:26 PM IST
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