शिमला: मोबाइल ने संचार क्षेत्र में क्रांति का एक नया आगाज किया था. आज मोबाइल जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुका है. मोबाइल पर ही लोग इंटरनेट और बाहरी दुनिया से जुड़े रहते हैं. मोबाइल ने जीवन को सरल जरूर बनाया है. इसके साथ ही मोबाइल पर मिलने वाली इंटरनेट सेवा ने ग्लोबलाइजेशन के संकल्प को मजबूत किया है. पलभर में आप देश विदेश में होने वाली घटनाओं की जानकारी कहीं से भी प्राप्त कर सकते हैं. ऐसे में मोबाइल सूचनाओं का एकत्रित करने वाला साधन भी बन गया है.
मोबाइल के बिना आजकल सुगम जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती है, लेकिन कनेक्टिविटी के बिना ये मोबाइल डब्बा भर मात्र है. आज भारत में 5-जी और 6-जी की चर्चा हो रही है, लेकिन हिमाचल के सैकड़ों गांव अभी भी मोबाइल, इंटरनेट कनेक्टिविटी से नहीं जुड़े हैं. ये गांव आज भी संचार क्रांति से अछूते हैं. दूर दराज और कठिन भोगौलिक परिस्थितियों के बीच इन गांवों में मोबाइल और इंटरनेट कनेक्टिविटी न होने से दुश्वारियां और बढ़ जाती हैं. इंदौरा से विधायक मलेंद्र राजन ने सरकार से सवाल पूछा था कि, 'प्रदेश के कितने गावों में मोबाइल इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध नहीं है. इन क्षेत्रों में यह सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए सरकार क्या कदम उठा रही है.'
सरकार ने अफने जवाब में कहा था कि, 'प्रदेश के 1456 गांव में अभी तक मोबाइल इंटरनेट कनेक्टिविटी की सुविधा उपलब्ध नहीं हैं. इनमें से 1201 गांवों को 4G Saturation प्रोजेक्ट में शामिल कर लिया गया है, 213 गांव uninhabited हैं . इसके अलावा 42 गांवों को 4G Saturation प्रोजेक्ट में शामिल करने के लिए दूर संचार विभाग (हिमाचल प्रदेश लाइसेंस्ड सर्विस एरिया) द्वारा दूर संचार विभाग, Universal Service Obligation Fund (USOF), भारत सरकार को प्रस्ताव भेज दिया गया है.'
ये भी पढ़ें: 2023 से जून 2024 तक हिमाचल में खुली इतनी औद्योगिक इकाइयां, इतनों का हुआ पलायन