शिमला: आज मोबाइल जिंदगी का मानो सबसे अहम हिस्सा बन चुका है. इसके बिना कुछ वक्त गुजारना कई लोगों के लिए सबसे बड़ा चैलेंज हो सकता है. देश की एक बड़ी आबादी के पास स्मार्टफोन है और इनमें से भी कई लोग हैं जिनके पास एक से ज्यादा मोबाइल है. स्मार्टफोन को स्मार्ट बनाता है इंटरनेट, जिसके जरिया पढ़ाई से लेकर मनोरंजन और खाना ऑर्डर करने से लेकर कुछ भी जानकारी हासिल की जा सकती है. लेकिन सोचकर देखिये अगर इंटरनेट ना हो तो आपका दिन कैसे गुजरेगा ? क्या आपका स्मार्ट फोन स्मार्ट रह पाएगा ?
हिमाचल में बिना इंटरनेट कनेक्टिविटी वाले गांव
हिमाचल प्रदेश में करीब 20 हजार गांव हैं लेकिन इनमें से कई गांव ऐसे हैं जहां मोबाइल इंटरनेट कनेक्टिविटी नहीं है. इसे लेकर बीते विधानसभा के मानसून सत्र में इंदौरा से विधायक मलेंद्र राजन ने सवाल पूछा था. जिसके जवाब में सरकार ने बताया था कि हिमाचल में 1456 गांव में अबी तक मोबाइल इंटरनेट कनेक्टिविटी की सुविधा नहीं है.
सरकार ने अपने जवाब में कहा था कि, 'प्रदेश के 1456 गांव में अभी तक मोबाइल इंटरनेट कनेक्टिविटी की सुविधा उपलब्ध नहीं हैं. इनमें से 1201 गांवों को 4G Saturation प्रोजेक्ट में शामिल कर लिया गया है, 213 गांव uninhabited हैं . इसके अलावा 42 गांवों को 4G Saturation प्रोजेक्ट में शामिल करने के लिए दूर संचार विभाग (हिमाचल प्रदेश लाइसेंस्ड सर्विस एरिया) द्वारा दूर संचार विभाग, Universal Service Obligation Fund (USOF), भारत सरकार को प्रस्ताव भेज दिया गया है.'
इन क्षेत्रों के लिए सरकार क्या कर रही है
वैसे मोबाइल इंटरनेट कनेक्टिवटी का ये हाल उस राज्य में है जहां देश में हर 100 लोगों के पास 150 मोबाइल हैं. ट्राई की 2021 के आंकड़ों के मुताबिक टेली डेंसिटी के मामले में हिमाचल दिल्ली के बाद दूसरे नंबर पर था. TRAI के आंकड़ों के मुताबिक करीब 70 लाख की आबादी वाले हिमालच में 1.09 करोड़ मोबाइल कनेक्शन थे. प्रदेश में जिन गांवों में इंटरनेट कनेक्शन नहीं है वहां के लिए सरकार क्या कर रही है ? इसके जवाब में हिमाचल सरकार की ओर से बताया गया कि दूर संचार विभाग (हिमाचल प्रदेश लाइसेंस्ड सर्विस एरिया) की ओर से दूर संचार विभाग, Universal Service Obligation Fund यानी USOF, भारत सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है.
मोबाइल के बिना आजकल सुगम जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती है, लेकिन कनेक्टिविटी के बिना ये मोबाइल एक डिब्बा मात्र है. आज भारत में 5-जी और 6-जी की चर्चा हो रही है, लेकिन हिमाचल के सैकड़ों गांव अभी भी मोबाइल, इंटरनेट कनेक्टिविटी से नहीं जुड़े हैं. हिमाचल का एक बड़ा हिस्सा दुर्गम क्षेत्र हैं जहां भौगोलिक परिस्थितियां इतनी कठिन हैं कि शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क आदि जैसी मूलभूत सुविधाओं तक पहुंचने के लिए भी जद्दोजहद करनी पड़ती है.