शिमला: हिमाचल विधानसभा से निलबिंत कांग्रेस विधायक विधानसभा के बाहर धरने पर बैठ गए हैं. सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले ही विपक्ष के सभी विधायक गेट के बाहर ही धरने पर बैठ गए. हालांकि अन्य विधायक सदन में हिस्सा लेने निकल गए.
नेता प्रतिपक्ष सहित अन्य निलबिंत विधायकों ने साफ कर दिया की वे तक तक धरने पर बैठे रहेंगे जब तक निलबंन वापिस नहीं लिया जाता है. नेता प्रतिपक्ष मुकेश ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को पूरे प्रकरण करने का मास्टर माइंड करार दिया और कहा कि मुख्यमंत्री के इशारे पर ही ये पूरा प्रकरण हुआ है और पहली बार परिसर में पुलिस बुलाई गई और बाउंसर बुलाए गए.
'विपक्ष की ओर से कोई धक्कामुक्की नहीं की गई'
नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि विपक्ष की ओर से कोई धक्कामुक्की नहीं की गई बल्कि डिप्टी ने धकामुक्की की और उस पर कोई कार्यवाही नहीं हुई. उल्टा विपक्ष के विधायकों को चिन्हित कर निलबिंत किया गया. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अपनी नाकामियां छुपाने के लिए विपक्ष पर कार्यवाही की गई है.
मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि जब सर्वदलीय बैठक की गई तो उस समय नहीं बताया गया कि राज्यपाल पूरा अभिभाषण नहीं पढ़ेंगे और सदन में आ कर चार पन्ने पढ़ कर ही अभिभाषण खत्म कर दिया और बिना राष्ट्रगान के सदन को स्थगित कर दिया गया, जबकि विपक्ष केवल राज्यपाल से महंगाई किसान मुद्दों को लेकर बोलने को कह रहे थे और बाहर भी विपक्ष का कोई सदस्य राज्यपाल के पास नहीं गया बल्कि डिप्टी स्पीकर ने विपक्ष के पास आकर धक्कामुक्की करने लगे.
सरकार के पास कोई मुद्दा नहीं है
उन्होंने कहा कि विपक्ष के विधायकों का निलबंन नियमों के खिलाफ किया गया सदन के अंदर का मामला नहीं था और मुख्यमंत्री ने विपक्ष के विधायकों पर देशद्रोह जैसे मामले बना दिए हैं. मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि सरकार के पास कोई मुद्दा नहीं है आज महंगाई पेट्रोल डीजल के दाम आसमान छू रहे हैं इन सब से बचने के लिए सरकार ने यह पूरा षड्यंत्र रचा है.
'विपक्ष इन चीजों से डरने वाला नहीं'
उन्होंने कहा कि विधानसभा में उन्हें सरकार द्वारा नजर बंद करने की स्थिति बना दी है और 90 के करीब मार्शल यहां पर लगाए गए हैं और आपातकाल जैसी स्थिति विधानसभा के आसपास बनाई गई है, लेकिन विपक्ष इन चीजों से डरने वाला नहीं है. सदन के बाहर बैठकर ओर जनता की अदालत में ही विपक्ष सरकार की नाकामियों को लेकर जाएगा.
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