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मशोबरा वन स्टॉप सेंटर में कार्यरत आउटसोर्स महिला कर्मचारी ने लगाए गंभीर आरोप, ऑडियो वायरल

शिमला स्थित मशोबरा में वन स्टॉप सेंटर (One Stop Center) में महिला स्टाफ से लगातार 24 घंटे की ड्यूटी करवाकर श्रम नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं. वन स्टॉप सेंटर मशोबरा के केंद्रीय प्रबंधक की तरफ से बाकायदा आउटसोर्स महिला कर्मियों की 24 घंटे डे-नाइट ड्यूटी (Day Night Duty) का रोस्टर जारी किया गया है. पिछले पांच महीनों से इस सेंटर में आउटसोर्स पर सेवारत महिला कर्मी 24 घंटे ड्यूटी देने को मजबूर हैं.

Labor rules are being violated in Mashobra One Stop Center
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Published : Aug 4, 2021, 7:24 PM IST

शिमला: राजधानी शिमला स्थित मशोबरा में वन स्टॉप सेंटर (One Stop Center) में सेवारत आउटसोर्स महिला कर्मचारी (Outsource Women Worker) ने गंभीर आरोप लगाए है. सेंटर में महिला स्टाफ से लगातार 24 घंटे की ड्यूटी करवाकर श्रम नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं. वन स्टॉप सेंटर मशोबरा के केंद्रीय प्रबंधक की तरफ से बाकायदा आउटसोर्स महिला कर्मियों की 24 घंटे डे-नाइट ड्यूटी (Day Night Duty) का रोस्टर जारी किया गया है.

जानकारी के अनुसार 24 घंटे ड्यूटी देने के सख्त निर्देश भी दिए गए हैं. पिछले पांच महीनों से इस सेंटर में आउटसोर्स पर सेवारत महिला कर्मी 24 घंटे ड्यूटी देने को मजबूर हैं. कोरोना कर्फ्यू के दौरान भी आउटसोर्स महिला स्टाफ से 24 घंटे की ड्यूटी ली गई है. इस सेंटर को चलाने का सारा जिम्मा शिमला के जिला कार्यक्रम अधिकारी (DPO) का है.

हैरान कर देनी वाली बात यह है कि डीपीओ दफ्तर शिमला (DPO Office Shimla) का सांख्यिकी सहायक मशोबरा सेंटर के आउटसोर्स स्टाफ को लगातार चार दिन डे-नाइट ड्यूटी लगाने के सख्त ऑर्डर जारी कर रखा है. इस सेंटर पर आउटसोर्स पर तैनात एक महिला कर्मी ने लगातार चार दिन डे-नाइट ड्यूटी देने पर जब एतराज जताया, तो स्टैटिक असिस्टेंट की तरफ से कहा गया कि अगर नौकरी करनी है, तो ड्यूटी करनी ही पड़ेगी.

परेशानी महिला कर्मी ने आपबीती सुनाते हुए रो पड़ी. महिला कर्मी का कहना है की उसके पिता बीमार हैं. अगर वो चार दिन लगातार मशोबरा वन स्टॉप सेंटर में ड्यूटी पर रहेंगी, तो उसके बीमार पिता की देखभाल कौन करेगा. इस मामले का एक ऑडियो भी वायरल हो रहा है.

ऑडियों में साफ सुना जा सकता है कि ड्यूटी देने से मना करने पर युवती को स्टैटिक असिस्टेंट की तरफ से डीपीओ से बात करने को कहा जाता है. महिला कर्मी और अधिकारी के बीच बातचीत की ऑडियो क्लिप में इस बात की पुष्टि हुई है. सेंटर में कार्यरत एक अन्य महिला स्टाफ का आरोप है की डे-नाइट ड्यूटी करने के बाद भी अब्सेंट लगा दी जाती है. अधिकारी की ओर से सैलरी काटने की बात कहकर धमकाया जा रहा है.

उधर, राज्य में वन स्टॉप सेंटर की देखरेख का जिम्मा संभाल रहे महिला बाल विकास (Women and Child Development) के उपनिदेशक अर्जुन नेगी (Deputy Director Arjun Negi) ने बताया कि केंद्र सात दिन पूरे 24 घंटे खुला रहना अनिवार्य है. सेंटर में कर्मचारियों की लगातार 24 घंटे ड्यूटी नहीं लगाई जा सकती है. यह नियमों के खिलाफ है. रोटेशन के आधार पर 24 घंटे ड्यटी लगाने का प्रावधान है.

वहीं, जिला कार्यक्रम अधिकारी वंदना चौहान (District Program Officer Vandana Chauhan) ने इस मामले पर संज्ञान लेने की बात कही है. उन्होंने कहा कि वन स्टाप सेंटर में किसी भी आउटसोर्स स्टाफ की 24 घंटे की डयूटी नहीं लगाई जा सकती है. इस सेंटर को चलाने का सारा जिम्मा शिमला के जिला कार्यक्रम अधिकारी (DPO) का है.

ये भी पढ़ें- लाहौल घाटी में खोजी कुत्ते कर रहे लापता लोगों की तलाश, 3 बीआरओ के सदस्य गुम

शिमला: राजधानी शिमला स्थित मशोबरा में वन स्टॉप सेंटर (One Stop Center) में सेवारत आउटसोर्स महिला कर्मचारी (Outsource Women Worker) ने गंभीर आरोप लगाए है. सेंटर में महिला स्टाफ से लगातार 24 घंटे की ड्यूटी करवाकर श्रम नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं. वन स्टॉप सेंटर मशोबरा के केंद्रीय प्रबंधक की तरफ से बाकायदा आउटसोर्स महिला कर्मियों की 24 घंटे डे-नाइट ड्यूटी (Day Night Duty) का रोस्टर जारी किया गया है.

जानकारी के अनुसार 24 घंटे ड्यूटी देने के सख्त निर्देश भी दिए गए हैं. पिछले पांच महीनों से इस सेंटर में आउटसोर्स पर सेवारत महिला कर्मी 24 घंटे ड्यूटी देने को मजबूर हैं. कोरोना कर्फ्यू के दौरान भी आउटसोर्स महिला स्टाफ से 24 घंटे की ड्यूटी ली गई है. इस सेंटर को चलाने का सारा जिम्मा शिमला के जिला कार्यक्रम अधिकारी (DPO) का है.

हैरान कर देनी वाली बात यह है कि डीपीओ दफ्तर शिमला (DPO Office Shimla) का सांख्यिकी सहायक मशोबरा सेंटर के आउटसोर्स स्टाफ को लगातार चार दिन डे-नाइट ड्यूटी लगाने के सख्त ऑर्डर जारी कर रखा है. इस सेंटर पर आउटसोर्स पर तैनात एक महिला कर्मी ने लगातार चार दिन डे-नाइट ड्यूटी देने पर जब एतराज जताया, तो स्टैटिक असिस्टेंट की तरफ से कहा गया कि अगर नौकरी करनी है, तो ड्यूटी करनी ही पड़ेगी.

परेशानी महिला कर्मी ने आपबीती सुनाते हुए रो पड़ी. महिला कर्मी का कहना है की उसके पिता बीमार हैं. अगर वो चार दिन लगातार मशोबरा वन स्टॉप सेंटर में ड्यूटी पर रहेंगी, तो उसके बीमार पिता की देखभाल कौन करेगा. इस मामले का एक ऑडियो भी वायरल हो रहा है.

ऑडियों में साफ सुना जा सकता है कि ड्यूटी देने से मना करने पर युवती को स्टैटिक असिस्टेंट की तरफ से डीपीओ से बात करने को कहा जाता है. महिला कर्मी और अधिकारी के बीच बातचीत की ऑडियो क्लिप में इस बात की पुष्टि हुई है. सेंटर में कार्यरत एक अन्य महिला स्टाफ का आरोप है की डे-नाइट ड्यूटी करने के बाद भी अब्सेंट लगा दी जाती है. अधिकारी की ओर से सैलरी काटने की बात कहकर धमकाया जा रहा है.

उधर, राज्य में वन स्टॉप सेंटर की देखरेख का जिम्मा संभाल रहे महिला बाल विकास (Women and Child Development) के उपनिदेशक अर्जुन नेगी (Deputy Director Arjun Negi) ने बताया कि केंद्र सात दिन पूरे 24 घंटे खुला रहना अनिवार्य है. सेंटर में कर्मचारियों की लगातार 24 घंटे ड्यूटी नहीं लगाई जा सकती है. यह नियमों के खिलाफ है. रोटेशन के आधार पर 24 घंटे ड्यटी लगाने का प्रावधान है.

वहीं, जिला कार्यक्रम अधिकारी वंदना चौहान (District Program Officer Vandana Chauhan) ने इस मामले पर संज्ञान लेने की बात कही है. उन्होंने कहा कि वन स्टाप सेंटर में किसी भी आउटसोर्स स्टाफ की 24 घंटे की डयूटी नहीं लगाई जा सकती है. इस सेंटर को चलाने का सारा जिम्मा शिमला के जिला कार्यक्रम अधिकारी (DPO) का है.

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