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हिमाचल प्रदेश के अस्पतालों में फिर शुरू हुई क्रस्ना लैब की सेवाएं, मरीजों को 2 दिन के बाद मिली राहत - क्रस्ना लैब हिमाचल

Krasna Lab Himachal: हिमाचल प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में फ्री टेस्ट और एक्सरे को अनुबंधित क्रस्ना कंपनी काम पर लौट आई है. सरकार और क्रस्ना प्रबंधन के बीच वार्ता के बाद यह गतिरोध टूटा है. इसके बाद कंपनी ने शुक्रवार से सभी मेडिकल कॉलेज, अस्पतालों और PHC में टेस्ट व एक्सरे लेने शुरू कर दिए हैं.

Krasna Lab Himachal
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Jan 12, 2024, 4:38 PM IST

Updated : Jan 12, 2024, 5:01 PM IST

शिमला/कुल्लू: हिमाचल प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में अब शुक्रवार से एक बार फिर से क्रस्ना लैब की सेवाएं शुरू हो गई है. जिससे हिमाचल प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में अब मरीजों को राहत मिली है. प्रदेश सरकार व क्रस्ना कंपनी के बीच चल रहा विवाद खत्म हो गया. शुक्रवार को दोपहर बाद शिमला के आईजीएमसी, डीडीयू व केएनएच अस्पतालों में क्रस्ना लैब में कर्मचारियों ने हड़ताल को खत्म करने के बाद अपना कार्य शुरू किया. अस्पताल में दोपहर बाद क्रस्ना लैब में मरीजों के सैंपल लिए गए. जिससे मरीजों को टेस्ट करवाने के लिए इंतजार नहीं करना पड़ा. हालांकि सरकारी लैब में शाम चार बजे तक ही मरीजों के सैंपल लिए गए. इससे पहले सुबह के समय अस्पतालों में क्रस्ना लैब बंद रही.

क्रस्ना लैब के कर्मचारियों के पास मरीज टेस्ट करवाने के लिए गए, लेकिन लैब के कर्मचारियों ने टेस्ट करवाने से मना कर दिया था. जिसकी वजह से मरीजों को टेस्ट करवाने के लिए परेशानियों का सामना करना पड़ा. मरीजों को टेस्ट करवाने के लिए इंतजार करना पड़ा. जानकारी के अनुसार क्रस्ना पैथोलॉजी को प्रदेश सरकार द्वारा 40 करोड़ की राशि देय था. अपनी सेवाएं बंद करने के लिए सरकार व एनएचएम को नोटिस भी दे दिया था. इसमें यह कहा गया था कि चार से पांच माह तक 40 करोड़ की पेमेंट का भुगतान नहीं किया गया था जिसको लेकर सरकार की तरफ से कोई जवाब नहीं मिल पाया. जिसके बाद कर्मचारियों ने हड़ताल पर जाने का फैसला लिया था. यह हड़ताल तीसरे दिन खत्म हुई. जिसके बाद अब मरीजों की भी परेशानियां खत्म हुई. मौजूदा समय में क्रस्ना लैब में मरीजों को 54 टेस्ट की सुविधा निशुल्क मिल रही है. अब मरीजों को टेस्ट करवाने के लिए परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ेगा.

जिला कुल्लू के मुख्यालय ढालपुर अस्पताल में भी 2 दिनों तक मरीजों को निजी लैब में भटकना पड़ा और एक्सरे के लिए भी उन्हें कई जगहों पर चक्कर काटने पड़े. अब ढालपुर अस्पताल में भी क्रस्ना लैब के द्वारा अपनी सेवाएं सुचारू कर दी गई हैं. गौर रहे कि प्रदेश सरकार की ओर से पैसा जारी न होने पर कंपनी ने टेस्ट और एक्सरे करना बंद कर दिए थे. कंपनी बीते 9 महीने की लंबित 54 करोड़ रुपये की राशि जारी करने की मांग कर रही थी और राशि जारी न किए जाने पर कंपनी ने काम करना बंद किया है. जिसके चलते मेडिकल कॉलेजों समेत अन्य अस्पतालों में स्थापित क्रस्ना लैब में सैंपल की जांच न होने से मरीजों को परेशानी झेलनी पड़ रही थी. ढालपुर अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर नरेश ने बताया कि अब प्रदेश स्वास्थ्य विभाग की ओर से उन्हें सूचना मिल गई है कि क्रस्ना लेब के द्वारा अपना कार्य फिर से शुरू कर दिया गया है. जिसके चलते अब ढालपुर अस्पताल में मरीजों को लैब में सभी सुविधाएं मिल रही हैं. इससे मरीजों को अब काफी राहत मिली है.

ये भी पढ़ें- क्या अपनी ही सरकार से नाराज हैं विक्रमादित्य सिंह, खेल विभाग वापिस लेने के बाद कैबिनेट मीटिंग में नहीं पहुंचे युवा मंत्री

शिमला/कुल्लू: हिमाचल प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में अब शुक्रवार से एक बार फिर से क्रस्ना लैब की सेवाएं शुरू हो गई है. जिससे हिमाचल प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में अब मरीजों को राहत मिली है. प्रदेश सरकार व क्रस्ना कंपनी के बीच चल रहा विवाद खत्म हो गया. शुक्रवार को दोपहर बाद शिमला के आईजीएमसी, डीडीयू व केएनएच अस्पतालों में क्रस्ना लैब में कर्मचारियों ने हड़ताल को खत्म करने के बाद अपना कार्य शुरू किया. अस्पताल में दोपहर बाद क्रस्ना लैब में मरीजों के सैंपल लिए गए. जिससे मरीजों को टेस्ट करवाने के लिए इंतजार नहीं करना पड़ा. हालांकि सरकारी लैब में शाम चार बजे तक ही मरीजों के सैंपल लिए गए. इससे पहले सुबह के समय अस्पतालों में क्रस्ना लैब बंद रही.

क्रस्ना लैब के कर्मचारियों के पास मरीज टेस्ट करवाने के लिए गए, लेकिन लैब के कर्मचारियों ने टेस्ट करवाने से मना कर दिया था. जिसकी वजह से मरीजों को टेस्ट करवाने के लिए परेशानियों का सामना करना पड़ा. मरीजों को टेस्ट करवाने के लिए इंतजार करना पड़ा. जानकारी के अनुसार क्रस्ना पैथोलॉजी को प्रदेश सरकार द्वारा 40 करोड़ की राशि देय था. अपनी सेवाएं बंद करने के लिए सरकार व एनएचएम को नोटिस भी दे दिया था. इसमें यह कहा गया था कि चार से पांच माह तक 40 करोड़ की पेमेंट का भुगतान नहीं किया गया था जिसको लेकर सरकार की तरफ से कोई जवाब नहीं मिल पाया. जिसके बाद कर्मचारियों ने हड़ताल पर जाने का फैसला लिया था. यह हड़ताल तीसरे दिन खत्म हुई. जिसके बाद अब मरीजों की भी परेशानियां खत्म हुई. मौजूदा समय में क्रस्ना लैब में मरीजों को 54 टेस्ट की सुविधा निशुल्क मिल रही है. अब मरीजों को टेस्ट करवाने के लिए परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ेगा.

जिला कुल्लू के मुख्यालय ढालपुर अस्पताल में भी 2 दिनों तक मरीजों को निजी लैब में भटकना पड़ा और एक्सरे के लिए भी उन्हें कई जगहों पर चक्कर काटने पड़े. अब ढालपुर अस्पताल में भी क्रस्ना लैब के द्वारा अपनी सेवाएं सुचारू कर दी गई हैं. गौर रहे कि प्रदेश सरकार की ओर से पैसा जारी न होने पर कंपनी ने टेस्ट और एक्सरे करना बंद कर दिए थे. कंपनी बीते 9 महीने की लंबित 54 करोड़ रुपये की राशि जारी करने की मांग कर रही थी और राशि जारी न किए जाने पर कंपनी ने काम करना बंद किया है. जिसके चलते मेडिकल कॉलेजों समेत अन्य अस्पतालों में स्थापित क्रस्ना लैब में सैंपल की जांच न होने से मरीजों को परेशानी झेलनी पड़ रही थी. ढालपुर अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर नरेश ने बताया कि अब प्रदेश स्वास्थ्य विभाग की ओर से उन्हें सूचना मिल गई है कि क्रस्ना लेब के द्वारा अपना कार्य फिर से शुरू कर दिया गया है. जिसके चलते अब ढालपुर अस्पताल में मरीजों को लैब में सभी सुविधाएं मिल रही हैं. इससे मरीजों को अब काफी राहत मिली है.

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Last Updated : Jan 12, 2024, 5:01 PM IST
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