शिमला: विभागों में करुणामूलक पदों को न भरने को लेकर अब आश्रितों ने भूख हड़ताल शुरू करने की चेतावनी दे दी है. बिना शर्त और वन टाइम सेटलमेंट के तहत नौकरी देने को लेकर बुधवार को शिमला उपायुक्त कार्यालय के बाहर हिमाचल करुणामूलक संघ ने धरना प्रदर्शन किया और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. साथ ही सरकार से बिना शर्त नौकरी देने की मांग उठाई.
संघ ने सरकार पर जानबूझ कर करुणामूलक नौकरी न देने का आरोप लगाया. करुणामूलक आश्रितों को कहना है कि सरकार ने नौकरी के लिए आय का दायरा लगा दिया है, जिससे कई लोग नौकरी से महरूम हो गए हैं.
करुणामूलक आश्रित संघ के प्रदेश अध्यक्ष पमिल कुमार ने कहा कि प्रदेश में करीब 4,500 आश्रित हैं, जोकि कई वर्षों से नौकरी की आस में है. इसको लेकर कई बार मुख्यमंत्री सहित मंत्रियों को ज्ञापन सौंपे गए, लेकिन सरकार उनकी मांगों को पूरा नहीं कर रही है.
संघ ने सरकार से करुणामूलक आधार पर दी जा रही नौकरी से आय की सीमा को हटाने के साथ ही 5 फीसदी कोटे की शर्त को हटाने और योग्यता के अनुसार आश्रितों को बिना शर्त के सभी श्रेणियों में नौकरी देने की मांग की. इसके अलावा सभी विभागों में पेंडिंग पड़े करुणामूलक केसों को वन टाइम रिलेक्सेशन देने की मांग की जा रही है.
पमिल कुमार का कहना है कि सरकार को कई बार इसको लेकर ज्ञापन सौंपा गए, लेकिन सरकार की ओर से कोई सकारात्मक जवाब नहीं आया है. अब संघ ने अपनी मांगों को लेकर अनशन पर बैठने का मन बना लिया है. गुरुवार को उपायुक्त कार्यालय के बाहर अनशन शुरू किया जाएगा, जिसमें प्रदेश भर के करुणामूल्क आश्रित शामिल होंगे.
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