कांगड़ा: कोरोना महामारी के दौरान रानीताल की भंगवार पंचायत से एक दिल दहला देने वाली तस्वीर सामने आई है. जहां एक बेटे ने अपनी मां के शव को कंधे पर उठाकर अकेले श्मशानघाट पहुंचाया. उनकी मदद के लिए कोई भी आगे नहीं आया. महिला की कोरोना से मौत हुई थी.
इस दुखद घटना पर उपायुक्त कांगड़ा राकेश प्रजापति ने कहा कि समाज के लोगों को किसी भी प्रकार का डर या संशय कोविड को लेकर नहीं रखना चाहिए. यदि कोविड उचित व्यवहार के साथ मृतक का दाह संस्कार करते हैं तो भावपूर्ण श्रद्धांजलि उन्हें सम्माजनक तरीके से दे सकते हैं. डीसी कांगड़ा राकेश प्रजापति ने कहा कि रानीताल के भंगवार में जो घटना घटित हुई है, उसमें कहीं न कहीं हम सब की संकीर्ण मानसिकता दिखाई देती है. इससे पहले की प्रशासन पीड़ित परिवार की कोई मदद कर पाता, बेटे ने खुद कंधे पर महिला के शव को उठा कर शमशानघाट पहुंचा दिया.
प्रशासन की ओर से करवाया जाएगा अंतिम संस्कार
उपायुक्त ने बताया कि जिला प्रशासन ने अब यह फैसला लिया है कि कोरोना मृतक का अंतिम संस्कार प्रशासन की ओर से करवाया जाएगा, चाहे मौत घर पर ही क्यों न हो, इसकी जिम्मेदारी अब लोगों पर नहीं छोड़ी जाएगी. इससे पहले सिर्फ अस्पतालों में दम तोड़ने वाले कोरोना मृतकों का अंतिम संस्कार प्रशासन के माध्यम से करवाया जा रहा था.
मौके पर जाएंगे प्रशासनिक अधिकारी
कोरोना मरीज की मौत होने पर नायब तहसीलदार, तहसीलदार, एसडीएम कोई न कोई प्रशासन की ओर से मौके पर जाएंगे. यही नहीं अगर मौका मिला तो मैं और एसपी कांगड़ा भी ऐसे संस्कारों में जाएंगे, जिससे कि कोरोना मृतकों को भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी जा सके और आम जनता को संदेश दिया जा सके.
अंतिम संस्कार में बाधा डालने पर होगी कार्रवाई
उपायुक्त कांगड़ा ने कहा कि कुछ जगहों पर ऐसे भी मामले आए हैं जहां लोग विरोध कर रहे थे कि कोविड डेथ पर संस्कार यहां नहीं होना चाहिए, इस पर प्रशासन ने आदेश जारी किए हैं, कि जहां परिवार के सदस्य चाहेंगे, वहां पर अंतिम संस्कार किया जाएगा और जो भी इसे रोकने का प्रयास करेगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
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