रामपुर बुशहर : हिमाचल में लगातार बारिश के बाद अब जल जनित रोगों के मामले भी बढ़ते जा रहे हैं. रामपुर बुशहर में इन दिनों पीलिया और टाइफाइड के मामले सामने आ रहे हैं. इसके अलावा इन दिनों आई फ्लू भी तेजी से फैल रहा है और अस्पतालों में आई फ्लू के मरीज भी पहुंच रहे हैं.
अस्पतालों में लगा मरीजों का तांता- रामपुर के आयुर्वेदिक चिकित्सालय में इन दिनों मरीजों की तादाद बढ़ गई है. इनमें से कई मरीज गंदे पानी के इस्तेमाल से होने वाली बीमारियों का शिकार हैं. भारी बारिश के कारण रामपुर बुशहर में दूषित पानी का इस्तेमाल लोगों को पीलिया और टाइफाइड जैसे जल जनित बीमारियों का शिकार बना रहा है. रामपुर, ननखड़ी सहित निरमंड और आनी उपमंडल से रोजाना कई मरीज रामपुर के अस्पतालों में पहुंच रहे हैं.
रोज आ रहे हैं मरीज- आयुर्वेदिक अस्पताल के चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर सचिन वर्मा के मुताबिक अस्पताल में रोजाना 10 से 15 पीलिया और करीब 20 मरीज टाइफाइड के आ रहे हैं. उन्होंने बताया कि बीते कुछ दिनों से अस्पताल आने वाले मरीजों की तादाद बढ़ गई है और इनमें जल जनित रोगों के मरीजों की अच्छी खासी तादाद है. गंभीर रूप से बीमार मरीजों को अस्पताल में भर्ती किया जा रहा है जबकि अन्य मरीजों को दवा और जरूरी परहेज की जानकारी देकर घर भेजा जा रहा है.
डॉक्टर की राय- डॉक्टर्स के मुताबिक रामपुर में अब तक पीलिया और टाइफाइड के करीब 200-200 मामले सामने आ चुके हैं और रोज नए मरीज भी अस्पताल आ रहे हैं. डॉक्टर सचिन बताते हैं कि पीलिया, टाइफाइड जैसी बीमारियां गंदे पानी की वजह से होती हैं इसलिये पानी उबाल कर पीना चाहिए. उन्होंने बताया कि खासकर बरसात के दिनों में पानी को उबालकर पीने की सलाह दी जाती है क्योंकि भारी बारिश के कारण पेयजल स्त्रोतों का पानी दूषित हो जाता है और यही जल जनित रोगों की सबसे बड़ी वजह है.
ऐसा हो तो तुरंत डॉक्टर के पास जाएं- एक्सपर्ट के मुताबिक इन दिनों बुखार, भूख ना लगना, जी मिचलाना, उल्टी, सिरदर्द, आंख और नाखून का पीला होना, पेशाब का पीला होना पीलिया के लक्षण हैं. डॉक्टर सचिन बताते हैं कि इन लक्षणों को मामूली बुखार समझकर अनदेखा ना करें और तुरंत अस्पताल जाएं, डॉक्टर की सलाह लें. ये पीलिया, टाइफाइड या अन्य जल जनित रोग हो सकता है.
क्या खाएं और क्या नहीं- डॉक्टर सचिन ने बताया कि इन दिनों पीलिया होने पर खान-पान का विशेष ध्यान रखना चाहिए. पानी उबालकर पीने के साथ-साथ बाजार में मिलने वाले खाद्य पदार्थों से दूरी बनाकर रखें. फलों का जूस पीएं, ज्यादा से ज्यादा पानी पीएं, ताजा और घर में बना शुद्ध भोजन खाएं, थोड़ा-थोड़ा खाना दिन में 4 से 6 बार खाएं, खाना खाने से पहले अच्छी तरह हाथ धोएं, इसके अलावा खाने में दही, मूली, प्याज, पपीता, तुलसी, टमाटर, छाछ या मट्ठा, नारियल पानी, धनिया का बीज, गिलोय और शहद जैसी चीजों का भी इस्तेमाल करें.
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