शिमलाः शहर में कूड़ा बिल माफ करवाने को लेकर जनवादी महिला समिति ने महापौर कौंडल का आज को घेराव किया. महिलाओं ने फर्श पर बैठकर गरीब परिवारों को कूड़े के बिल में राहत देने की मांग उठाई. करीब एक घण्टे तक महापौर के दफ्तर में ही धरने पर बैठे रहे और नगर निगम के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.
शहर के कई हिस्सों में कूड़ा उठाना किया बंद
जनवादी महिला समिति की सचिव फालमा चौहान का कहना है कि लॉकडाउन के कारण देशभर में कोई व्यवसाय नहीं चल रहा था और मजदूरों की मजदूरी भी बंद हो गई, तब नगर निगम ने कूड़े के बिल थमा दिए. ऐसे में गरीब परिवारों को बिल के भुगतान में परेशानी आ रही थी. उनका कहना है कि बिल भुगतान न करने पर कूड़ा उठाने वाले कर्मचारियों ने शहर के विभिन्न हिस्सों में कूड़ा उठाना बंद कर दिया है. ऐसे में लोगों के घरों के बाहर गंदगी फैल रही है.
इसके अलावा शहर में कूड़े के लिए लगाए गए डंपर भी उपलब्ध नहीं हैं. लोगों को कूड़ा जंगल में फेंकना पड़ रहा है. सचिव ने मेयर सत्या कौंडल और आयुक्त आशीष कोहली से कूड़े के बिल माफ करने की मांग की. उनका कहना है कि प्रदर्शन करने के बाद अब निगम ने कूड़े के बिल माफ करने को कहा है.
वहीं, धरने के बाद नगर निगम ने कूड़े के बिल की अदायगी में शहर के बीपीएल परिवारों को बड़ी राहत दी है. इन परिवारों के लॉकडाउन अवधि में आए कूड़ा बिल माफ किए जाएंगे. कूड़े के बिल की माफी के लिए आवेदनकर्ता को आवेदन के साथ बीपीएल कार्ड की कॉपी दिखाई होगी.
बीपीएल परिवारों को दी गई राहत
वहीं, मेयर सत्या कौंडल ने बताया कि बीपीएल परिवारों को यह राहत दी गई है. इस मामले को निगम की मासिक बैठक में स्वीकृति के लिए लाया जाएगा.
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