शिमला: राजधानी शिमला में पानी वितरण का कार्य देख रही जल निगम को शहर में पानी के मीटर नहीं मिल पा रहे हैं. शहर में 32,900 हजार के करीब पानी के उपभोक्ता हैं, जिसमें से 29,446 हजार के करीब पानी के मीटर जल निगम को मिल गए हैं, लेकिन 35 सौ के करीब मीटर ऐसे हैं, जो जल निगम को नहीं मिल पा रहे हैं.
वहीं, अब जल निगम ने लोगों से खुद आगे आकर अपने मीटरों की जानकारी देने की अपील की है. इसको लेकर नंबर भी जारी किया गया है ताकि लोगों को मीटर के आधार पर पानी के बिल जारी किया जा सकें.
35 सौ पानी के मीटर ढूंढने बाकी
जल निगम शिमला के एजीएम गोपाल कृष्ण ने कहा कि मीटर के आधार पर पानी के बिल जारी करने का कार्य कंपनी को दिया गया है, लेकिन कंपनी को 19 हजार पानी के मीटर ही मिल पाए. जिसके बाद जल निगम के जेई को फील्ड में उतारा गया और हजारों मीटर ढूंढे गए, लेकिन 35 सौ मीटर अभी तक नहीं मिल पाए हैं.
लोगों से जानकारी देने की अपील
लोगों को जल निगम शिमला की ओर से मीटर रीडिंग के आधार पर पानी के बिल जारी किए जा रहे हैं, लेकिन जो मीटर नहीं मिल पाए हैं, उन्हें एवरेज बिल मान कर ही पानी के बिल दिए जा रहे हैं. उन्होंने लोगों से अपील की की लोग आगे आ कर स्वयं अपने मीटर की जानकारी दे ताकि उन्हें रीडिंग के आधार पर बिल जारी किए जा सके.
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दो सालों के पानी के बिल होंगे जारी न देने वालों पर होगी
शिमला शहर में ऐसे हजारों उपभोक्ता हैं जोकि पिछले 2 सालों से पानी का बिल का भुगतान नहीं कर रहे है. ऐसे में अब जल निगम इन उपभोक्ताओं की शिनाख्त कर इन्हें दो साल के पानी के बिल जारी किए जाएंगे. उपभोक्ताओं को केवल लॉकडाउन के दौरान के बिलों के भुगतान में ही किस्म के आधार पर बिल देने की राहत मिलेगी. जबकि उससे पहले के बिलों को उपभोक्ताओं को एक साथ बिलो का भुगतान करना होगा. यही नहीं बिलों का भुगतान न करने वाले वालों के खिलाफ जल निगम कार्रवाई भी अमल में लाएगा और उनके पानी कितने कनेक्शन तक भी काटे जाएंगे.
30 करोड़ हो रही आमदनी
शिमला जल निगम को पानी से हर साल 30 करोड़ आमदनी हो रही है. जबकि नगर निगम के समय मे 22 करोड़ के करीब ही पानी से निगम को आय होती थी. वहीं, जल निगम के पास पानी के वितरण का जिम्मा जाने के बाद निगम ने मीटर आधार पर पानी के बिल जारी करना शुरू किया तो आय में भी बढ़ोतरी हुई है और सभी उपभोगताओं को बिल जारी होने से जल निगम को 32 करोड़ से अधिक आय पहुंच जाएगी.
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