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कैदियों, वृद्धाश्रमों में रहने वाले बुजुर्गों और भिखारियों को भी वैक्सीन मिलेगी, जिला टास्क फोर्स करेगी पहचान

कोरोना की रोकथाम के लिए हिमाचल सरकार अब टीकाकरण की कड़ी में जेल में बंद कैदियों, वृद्धाश्रमों में रहने वाले बुजुर्ग, प्रदेश भर में घूमने वाले साधुओं और भिखारियों को भी वैक्सीन लगाई जाएगी. जिला टास्क फोर्स इसकी पहचान करेगी.

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Published : May 8, 2021, 9:32 PM IST

शिमलाः कोरोना की रोकथाम के लिए हिमाचल सरकार अब टीकाकरण को नए आयाम दे रही है. इसी कड़ी में जेल में बंद कैदियों, वृद्धाश्रमों में रहने वाले बुजुर्ग, प्रदेश भर में घूमने वाले साधुओं और भिखारियों को भी वैक्सीन लगाई जाएगी. जिला टास्क फोर्स इसकी पहचान करेगी.

हिमाचल सरकार के स्वास्थ्य विभाग के प्रवक्ता के अनुसार ऐसे पात्र लाभार्थियों के साथ ही मानसिक स्वास्थ्य संस्थानों में रखे गए लोग और विभिन्न शिविरों में रहने वाले लोग, जिनकी आयु 18 वर्ष या इससे अधिक है, उन्हें टीकाकरण की मुहिम में शामिल किया जाएगा.

चूंकि ऐसे लोगों के पास निर्धारित निजी पहचान पत्रों का अभाव होता है, ऐसे में इस स्थिति में अब फैसला किया गया कि जिला टास्क फोर्स संबंधित जिलों में ऐसे समूहों की पहचान करेगी. इसके लिए की-फैसिलिटेटर चिन्हित किया जाएगा, जिसके पास एक वैध और एक्टिव मोबाइल फोन होना चाहिए और निधारित अनिवार्य पहचान पत्रों में से कम से कम एक पहचान पत्र होना आवश्यक है.

यह सार्वजनिक व निजी संस्थानों के अधिकारी हो सकते हैं, जो आम तौर पर पहचान किए गए समूहों में लोगों की देखभाल और सेवाएं प्रदान करते हैं. उदाहरण के लिए जेल में बंद कैदियों के लिए जेल अधिकारी, कार्यकारी अधिकारी और वृद्ध आश्रमों के अधिकारी आदि.

1.61 लाख से अधिक टेस्ट

स्वास्थ्य विभाग के प्रवक्ता ने बताया कि प्रदेश में अब तक 16,24,556 कोरोना परीक्षण किए गए हैं. इनमें से 14,84,123 परीक्षण नेगेटिव पाए गए हैं. वहीं, 1,28,330 लोग कोरोना पॉजिटिव हुए. अभी तक 94,586 लोग कोरोना महामारी से ठीक हो चुके है. राज्य में वर्तमान में 31,893 एक्टिव मामले हैं. कोरोना महामारी के खिलाफ लड़ाई में टीकाकरण ही प्रभावी हथियार है.

प्रथम चरण में राष्ट्रीय स्तर पर कोविड टीकाकरण इस साल 16 जनवरी को शुरू किया गया था. टीकाकरण के दूसरे चरण को पहली मार्च और पहली अप्रैल को शुरू किया गया था. इसमें 45 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के लोगों की सुरक्षा पर ध्यान दिया गया है. अब हिमाचल में टीकाकरण के तीसरे चरण की शुरूआत होगी, जिसमें 18 से 44 वर्ष के आयु वर्ग के 31 लाख लोगों को शामिल किया जाएगा.

उन्होंने कहा कि पात्र व्यक्ति किसी भी पहचान पत्र जैसे आधार कार्ड, वोटर आई कार्ड, पासपोर्ट, ड्राईविंग लाईसेंस, पैन कार्ड, स्मार्ट कार्ड या पेंशन दस्तावेज जिस पर फोटो लगा हो के आधार पर कोविन पोर्टल पर अपना पंजीकरण कर सकता है.

कोरोना टीकाकरण की प्रदेश में दी गई 19.8 लाख से अधिक खुराकें

प्रदेश में अब तक कोरोना टीकाकरण की 19.8 लाख से अधिक खुराकें दी जा चुकी हैं. टीकाकरण करवाने वाले लोगों का पोर्टल पर डाटा भरने में कुछ गलतियां मिली, इसलिए सभी कोविड टीकाकरण केंद्रों को निर्देश दिए हैं कि कोविन पोर्टल में ऑनलाइन पंजीकरण करवाने वाले लाभार्थियों की टीकाकरण संबंधी जानकारी भरते समय चार अंकों का सिक्योरिटी कोड भी भरा जाए.

प्रवक्ता ने बताया कि प्रदेश के कोविड भंडार में संयुक्त राज्य अमेरिका से 80 हजार एन-95 मास्क, इंग्लैंड से 36 ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर, ताइवान से 185 सिलेंडर, कुवैत से 188 चिकित्सा ऑक्सीजन सिलेंडर और 107 कम भार वाले एल्युमिनियम ऑक्सीजन सिलेंडर मिले हैं.

वहीं, जिला चंबा के पंडित जवाहर लाल नेहरू राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल में 400 लीटर प्रति मिनट की क्षमता वाला ऑक्सीजन पीएसए प्लांट फंक्शनल हो गया है. यह पीएसए प्लांट अस्पताल में भर्ती कोरोना मरीजों की ऑक्सीजन की आवश्यकता को पूरा करेगा.

ये भी पढ़ेंः- पीएम मोदी ने किया फोन तो सीएम जयराम बोले, 30 मीट्रिक टन किया जाए ऑक्सीजन का कोटा

शिमलाः कोरोना की रोकथाम के लिए हिमाचल सरकार अब टीकाकरण को नए आयाम दे रही है. इसी कड़ी में जेल में बंद कैदियों, वृद्धाश्रमों में रहने वाले बुजुर्ग, प्रदेश भर में घूमने वाले साधुओं और भिखारियों को भी वैक्सीन लगाई जाएगी. जिला टास्क फोर्स इसकी पहचान करेगी.

हिमाचल सरकार के स्वास्थ्य विभाग के प्रवक्ता के अनुसार ऐसे पात्र लाभार्थियों के साथ ही मानसिक स्वास्थ्य संस्थानों में रखे गए लोग और विभिन्न शिविरों में रहने वाले लोग, जिनकी आयु 18 वर्ष या इससे अधिक है, उन्हें टीकाकरण की मुहिम में शामिल किया जाएगा.

चूंकि ऐसे लोगों के पास निर्धारित निजी पहचान पत्रों का अभाव होता है, ऐसे में इस स्थिति में अब फैसला किया गया कि जिला टास्क फोर्स संबंधित जिलों में ऐसे समूहों की पहचान करेगी. इसके लिए की-फैसिलिटेटर चिन्हित किया जाएगा, जिसके पास एक वैध और एक्टिव मोबाइल फोन होना चाहिए और निधारित अनिवार्य पहचान पत्रों में से कम से कम एक पहचान पत्र होना आवश्यक है.

यह सार्वजनिक व निजी संस्थानों के अधिकारी हो सकते हैं, जो आम तौर पर पहचान किए गए समूहों में लोगों की देखभाल और सेवाएं प्रदान करते हैं. उदाहरण के लिए जेल में बंद कैदियों के लिए जेल अधिकारी, कार्यकारी अधिकारी और वृद्ध आश्रमों के अधिकारी आदि.

1.61 लाख से अधिक टेस्ट

स्वास्थ्य विभाग के प्रवक्ता ने बताया कि प्रदेश में अब तक 16,24,556 कोरोना परीक्षण किए गए हैं. इनमें से 14,84,123 परीक्षण नेगेटिव पाए गए हैं. वहीं, 1,28,330 लोग कोरोना पॉजिटिव हुए. अभी तक 94,586 लोग कोरोना महामारी से ठीक हो चुके है. राज्य में वर्तमान में 31,893 एक्टिव मामले हैं. कोरोना महामारी के खिलाफ लड़ाई में टीकाकरण ही प्रभावी हथियार है.

प्रथम चरण में राष्ट्रीय स्तर पर कोविड टीकाकरण इस साल 16 जनवरी को शुरू किया गया था. टीकाकरण के दूसरे चरण को पहली मार्च और पहली अप्रैल को शुरू किया गया था. इसमें 45 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के लोगों की सुरक्षा पर ध्यान दिया गया है. अब हिमाचल में टीकाकरण के तीसरे चरण की शुरूआत होगी, जिसमें 18 से 44 वर्ष के आयु वर्ग के 31 लाख लोगों को शामिल किया जाएगा.

उन्होंने कहा कि पात्र व्यक्ति किसी भी पहचान पत्र जैसे आधार कार्ड, वोटर आई कार्ड, पासपोर्ट, ड्राईविंग लाईसेंस, पैन कार्ड, स्मार्ट कार्ड या पेंशन दस्तावेज जिस पर फोटो लगा हो के आधार पर कोविन पोर्टल पर अपना पंजीकरण कर सकता है.

कोरोना टीकाकरण की प्रदेश में दी गई 19.8 लाख से अधिक खुराकें

प्रदेश में अब तक कोरोना टीकाकरण की 19.8 लाख से अधिक खुराकें दी जा चुकी हैं. टीकाकरण करवाने वाले लोगों का पोर्टल पर डाटा भरने में कुछ गलतियां मिली, इसलिए सभी कोविड टीकाकरण केंद्रों को निर्देश दिए हैं कि कोविन पोर्टल में ऑनलाइन पंजीकरण करवाने वाले लाभार्थियों की टीकाकरण संबंधी जानकारी भरते समय चार अंकों का सिक्योरिटी कोड भी भरा जाए.

प्रवक्ता ने बताया कि प्रदेश के कोविड भंडार में संयुक्त राज्य अमेरिका से 80 हजार एन-95 मास्क, इंग्लैंड से 36 ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर, ताइवान से 185 सिलेंडर, कुवैत से 188 चिकित्सा ऑक्सीजन सिलेंडर और 107 कम भार वाले एल्युमिनियम ऑक्सीजन सिलेंडर मिले हैं.

वहीं, जिला चंबा के पंडित जवाहर लाल नेहरू राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल में 400 लीटर प्रति मिनट की क्षमता वाला ऑक्सीजन पीएसए प्लांट फंक्शनल हो गया है. यह पीएसए प्लांट अस्पताल में भर्ती कोरोना मरीजों की ऑक्सीजन की आवश्यकता को पूरा करेगा.

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