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मुख्यमंत्री ने सीमेंट विवाद पर उद्योग मंत्री से लिया फीडबैक, सरकार विवाद को सुलझाने का कर रही प्रयास - सीमेंट विवाद पर उद्योग मंत्री

जालंधर से लौटने के बाद शाम के समय मुख्यमंत्री राज्य सचिवालय पहुंचे. जहां उन्होंने उद्योग मंत्री से सीमेंट विवाद पर चर्चा की और उनसे फीडबैक लिया. (Himachal Cement Plants Issue) (Harshwardhan Chauhan on cement issue) (cm sukhu on cement issue)

cement issue in himachal
cement issue in himachal
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Published : Jan 27, 2023, 10:43 PM IST

Updated : Jan 28, 2023, 6:07 AM IST

Himachal Cement Plants Issue

शिमला: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सीमेंट विवाद पर उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान से फीडबैक लिया. जालंधर से लौटने के बाद शाम के समय मुख्यमंत्री राज्य सचिवालय पहुंचे. जहां उन्होंने उद्योग मंत्री से इस बारे में बातचीत की. बताया जा रहा है कि उद्योग मंत्री ने सीएम को मालभाड़े से संबंधित हिमकॉन की रिपोर्ट के बारे में बताया. उद्योग मंत्री ने विवाद के निपटारे को लेकर विभिन्न विकल्पों पर भी मुख्यमंत्री के साथ चर्चा की. इससे पहले पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि सरकार इस विवाद के निपटारे के लिए हर संभव प्रयास कर रही है. हर्षवर्धन चौहान ने प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सुरेश कश्यप के ट्रक ऑपरेटरों की हड़ताल में शामिल होने पर कहा कि विपक्ष को इसे राजनीतिक मुद्दा नहीं बनाया चाहिए. उन्होंने कहा कि विपक्ष के नेताओं से भी इस मसले को लेकर बात की गई है. उन्होंने कहा कि यह कांग्रेस व भाजपा की बात नहीं है. यह हिमाचल के लोगों के हितों से जुड़ा मुद्दा है.

विधि विभाग से सरकार कर रही विचार विर्मश: हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि सीमेटं विवाद को लेकर सरकार विधि विभाग से भी विचार विर्मश कर रही है. सरकार ने विधि विभाग से पूछा है कि अगर कोई कानूनी कार्रवाई सरकार इसमें करती है तो इसका क्या आधार होगा. उन्होंने कहा कि सरकार सरकार स्थानीय लोगों को हितों को देखेगी उन्होंने कहा कि सरकार दाम तय कर सकती है, लेकिन अडानी व अन्य फैक्ट्री वालों को फैक्ट्री चलाने के लिए और न ही ट्रांसपोर्टरों को कम भाड़े के लिए मजबूर कर सकती है. सरकार इस विवाद में केवल मध्यस्थ की भूमिका अदा कर रही है. सरकार का प्रयास है कि बीच का रास्ता अपनाकर फैक्ट्री को चालू करवाएं ताकि स्थानीय लोगों का नुकसान न हो.

सरकार के पास नहीं उद्योगों में भर्तियों का कोई अधिकार: उद्योग मंत्री ने सीपीएस रामकुमार के बयान पर कहा कि सरकार के पास ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है कि वह निजी उद्योगों में भर्तियां करवाएगी. उन्होंने कहा कि पूरे देश व विश्व में कहीं भी निजी क्षेत्र में भर्तियां करने का अधिकार सरकारों को नहीं है. इन उद्योगों में भर्तियों की प्रक्रिया संबंधित कंपनियां करती हैं और इसमें सरकार का कोई हस्तक्षेप नहीं रहता. हालांकि राज्य सरकार का प्रयास रहेगा कि उद्योगों में हिमाचल के लोगों को अधिक से अधिक रोजगार मिले. सरकार का यह भी प्रयास है कि उद्योगपतियों को पूरी सुविधा मिले. इसके लिए सरकार सिंगल विंडो की जगह एक प्राधिकरण गठित कर रही है.

अगले वित्त वर्ष में 20 हजार सरकारी पद भरेगी सरकार: एक सवाल के जवाब में हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि कांग्रेस के वादे के अनुसार अगले 5 साल में सरकारी और निजी क्षेत्र में ही पांच लाख रोजगार देगी. उन्होंने कहा कि अगले वित्त वर्ष में ही करीब 20 हजार पद भरे जाएंगे. सरकार प्रयास करेगी की एक लाख रोजगार सरकारी क्षेत्र में ही दिया जाए इसके लिए विभागों से खाली पदों को लेकर 15 दिन के भीतर ब्यौरा मांगा गया है.

ये भी पढ़ें: तीसरी बार भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होंगे CM सुक्खू, कल जाएंगे श्रीनगर

Himachal Cement Plants Issue

शिमला: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सीमेंट विवाद पर उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान से फीडबैक लिया. जालंधर से लौटने के बाद शाम के समय मुख्यमंत्री राज्य सचिवालय पहुंचे. जहां उन्होंने उद्योग मंत्री से इस बारे में बातचीत की. बताया जा रहा है कि उद्योग मंत्री ने सीएम को मालभाड़े से संबंधित हिमकॉन की रिपोर्ट के बारे में बताया. उद्योग मंत्री ने विवाद के निपटारे को लेकर विभिन्न विकल्पों पर भी मुख्यमंत्री के साथ चर्चा की. इससे पहले पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि सरकार इस विवाद के निपटारे के लिए हर संभव प्रयास कर रही है. हर्षवर्धन चौहान ने प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सुरेश कश्यप के ट्रक ऑपरेटरों की हड़ताल में शामिल होने पर कहा कि विपक्ष को इसे राजनीतिक मुद्दा नहीं बनाया चाहिए. उन्होंने कहा कि विपक्ष के नेताओं से भी इस मसले को लेकर बात की गई है. उन्होंने कहा कि यह कांग्रेस व भाजपा की बात नहीं है. यह हिमाचल के लोगों के हितों से जुड़ा मुद्दा है.

विधि विभाग से सरकार कर रही विचार विर्मश: हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि सीमेटं विवाद को लेकर सरकार विधि विभाग से भी विचार विर्मश कर रही है. सरकार ने विधि विभाग से पूछा है कि अगर कोई कानूनी कार्रवाई सरकार इसमें करती है तो इसका क्या आधार होगा. उन्होंने कहा कि सरकार सरकार स्थानीय लोगों को हितों को देखेगी उन्होंने कहा कि सरकार दाम तय कर सकती है, लेकिन अडानी व अन्य फैक्ट्री वालों को फैक्ट्री चलाने के लिए और न ही ट्रांसपोर्टरों को कम भाड़े के लिए मजबूर कर सकती है. सरकार इस विवाद में केवल मध्यस्थ की भूमिका अदा कर रही है. सरकार का प्रयास है कि बीच का रास्ता अपनाकर फैक्ट्री को चालू करवाएं ताकि स्थानीय लोगों का नुकसान न हो.

सरकार के पास नहीं उद्योगों में भर्तियों का कोई अधिकार: उद्योग मंत्री ने सीपीएस रामकुमार के बयान पर कहा कि सरकार के पास ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है कि वह निजी उद्योगों में भर्तियां करवाएगी. उन्होंने कहा कि पूरे देश व विश्व में कहीं भी निजी क्षेत्र में भर्तियां करने का अधिकार सरकारों को नहीं है. इन उद्योगों में भर्तियों की प्रक्रिया संबंधित कंपनियां करती हैं और इसमें सरकार का कोई हस्तक्षेप नहीं रहता. हालांकि राज्य सरकार का प्रयास रहेगा कि उद्योगों में हिमाचल के लोगों को अधिक से अधिक रोजगार मिले. सरकार का यह भी प्रयास है कि उद्योगपतियों को पूरी सुविधा मिले. इसके लिए सरकार सिंगल विंडो की जगह एक प्राधिकरण गठित कर रही है.

अगले वित्त वर्ष में 20 हजार सरकारी पद भरेगी सरकार: एक सवाल के जवाब में हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि कांग्रेस के वादे के अनुसार अगले 5 साल में सरकारी और निजी क्षेत्र में ही पांच लाख रोजगार देगी. उन्होंने कहा कि अगले वित्त वर्ष में ही करीब 20 हजार पद भरे जाएंगे. सरकार प्रयास करेगी की एक लाख रोजगार सरकारी क्षेत्र में ही दिया जाए इसके लिए विभागों से खाली पदों को लेकर 15 दिन के भीतर ब्यौरा मांगा गया है.

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Last Updated : Jan 28, 2023, 6:07 AM IST
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