शिमला: हिमाचल प्रदेश में अवैध खनन से जुड़े 116 मामले हाईकोर्ट में लंबित हैं. इन सभी मामलों की सुनवाई के लिए अदालत ने विशेष खंडपीठ का गठन किया है. अब हाईकोर्ट के समक्ष अवैध खनन से जुड़े मामलों पर सुनवाई 23 नवंबर को निर्धारित की गई है. अदालत में इन मामलों को सुनवाई के लिए मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति अमजद एहतेशाम सईद व न्यायमूर्ति तरलोक सिंह चौहान की खंडपीठ के समक्ष सूचीबद्ध किया गया है. (Illegal mining pending cases in himachal Highcourt)
राज्य सरकार ने वर्ष 2018 में प्रदेश भर में हो रहे अवैध खनन को रोकने के लिए संवेदनशील स्थानों पर सीसीटीवी लगाने का कार्य शुरू किया था. अवैध खनन से संबंधित एक मामले में राज्य भू वैज्ञानिक ने शपथपत्र के माध्यम से प्रदेश हाई कोर्ट को यह जानकारी दी थी. अदालत को बताया गया था कि जिला सिरमौर में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने का कार्य पूरा कर लिया गया है. जिला सोलन, ऊना कांगड़ा (नूरपुर) में कार्य प्रगति पर है. (Himachal High Court)
अदालत ने राज्य सरकार को आदेश दिए थे कि हिमाचल प्रदेश से बाहरी राज्यों के लिए अवैध रूप से भेजे जा रहे खनिज पदार्थों की घटनाओं पर रोक लगाने के लिए चेक पोस्ट सिस्टम को दुरुस्त किया जाए. हाईकोर्ट की ओर से समय-समय पर पारित आदेशों के बावजूद भी प्रदेश में अवैध खनन नहीं रुक रहा है. अवैध खनन की वजह से पर्यावरण के साथ-साथ प्रदेश के राजस्व को भी भारी नुकसान हो रहा है. अवैध खनन माफिया बिना फीस अदा किये कीमती खनिज पदार्थ बर्बाद कर रहे हैं. (Pending Cases in Himachal High Court)
अवैध खनन से जुड़े 116 मामले हाईकोर्ट के समक्ष लंबित है. खनन के कारण पर्यावरण पर पड़ रहे विपरीत प्रभाव से अदालत चिंतित है. यही कारण है कि सभी लंबित मामलों के लिए हाईकोर्ट ने विशेष खंडपीठ का गठन कर इन मामलों को जल्द निपटाने की व्यवस्था की है. उल्लेखनीय है कि हिमाचल में हर सरकार के समय अवैध खनन और खनन माफिया के सक्रिय होने के आरोप लगते रहे हैं. अवैध खनन पकड़े जाने पर जुर्माना वसूली के अलावा और कोई सख्त सजा नहीं है. (llegal mining in Himachal)
ये भी पढ़ें: सभी सरकारी कर्मियों की बायोमेट्रिक मशीन में सौ फीसदी हाजिरी सुनिश्चित करें मुख्य सचिव: हाईकोर्ट