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शिमला में क्वारंटाइन सेंटर से IGMC के सुरक्षा कर्मियों को जबरन निकाला जा रहा है बाहर, जानें वजह

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Published : Apr 17, 2021, 8:56 AM IST

शिमला आईजीएमसी के कोरोना वार्ड में सुरक्षा कर्मियों को क्वारंटाइन होने में दिक्कतें हो रही हैं. सुरक्षा कर्मी 10 दिन कोविड वार्ड में डयूटी देते हैं. उसके बाद उन्हें 7 दिन तक क्वारंटाइन में भेजा जाता है. क्वारंटाइन होने के लिए उनको सर्किट हाऊस में व्यवस्था की गई है. वहीं, सुरक्षा कर्मियों का कहना है कि सर्किट हाऊस वालों द्वारा उन्हें वहां पर ठहरने के लिए मना किया जाता है.

shimla igmc
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शिमला: आईजीएमसी के कोरोना वार्ड में दिन रात डयूटी देने वाले सुरक्षा कर्मियों को क्वारंटाइन होने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. सुरक्षा कर्मियों को वैसे सर्किट हाऊस में क्वारंटाइन होने के लिए ठहरने की व्यवस्था का प्रावधान किया गया है, लेकिन वहां पर अब सर्किट वालों द्वारा मना किया जा रहा है. अब सुरक्षा कर्मियों की मुश्किलें बढ़ गई हैं. सुरक्षा कर्मी 10 दिन कोविड वार्ड में डयूटी देते हैं. उसके बाद उन्हें 7 दिन तक क्वारंटाइन में भेजा जाता है.

सुरक्षा कर्मियों को हो रही परेशानी

क्वारंटाइन होने के लिए उनको सर्किट हाऊस में व्यवस्था की गई है. वहीं, सुरक्षा कर्मियों का कहना है कि सर्किट हाऊस वालों द्वारा उन्हें वहां पर ठहरने के लिए मना किया जाता है. सुरक्षा कर्मियों ने कहा कि सर्किट हाऊस वाले उन्हें निर्देश दे रहे हैं कि अगर यहां पर रहना है तो प्रतिदिन के हिसाब से 2800 रुपए देने होंगे. तभी यहां पर रूक सकते हैं.

वीडियो.

सुरक्षा कर्मी सचिन ने कहा कि आईजीएमसी के सुरक्षा कर्मियों ने कोविड काल में अपनी जिंदगी दाव पर लगाई है, लेकिन सुविधा नाम की कोई चीज नहीं दी जा रही है. बीते दिन गुरुवार को जब वे डयूटी के बाद क्वारंटाइन होने सर्किट हाऊस गए तो वहां पर पुलिस व कर्मचारियों ने उन्हें रोक दिया. उन्होंने कहा कि आप यहां पर नहीं ठहर सकते. बाद में बड़े मुश्किल से मामला शांत करवाया गया.

सुरक्षा कर्मियों की सरकार से मांग

सुरक्षा कर्मियों ने कहा कि हर दिन यहां पर दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. अगर वे कोरोना पॉजिटिव आ गए तो इसका जिम्मेदार कौन है. सुरक्षा कर्मियों ने सरकार और प्रशासन ने मांग की है कि उन्हें क्वारंटाइन होने के लिए ऐसी जगह दी जाए, जहां पर उन्हें परेशान न किया जाए. सुरक्षा कर्मी कोरोना काल में ईमानदारी से कार्य कर रहे हैं. इसलिए कर्मियों को सुरक्षा दी जाए.

ये भी पढ़ें: गुड़िया रेप और मर्डर केस: अब 28 अप्रैल को होगी मामले की अंतिम सुनवाई

शिमला: आईजीएमसी के कोरोना वार्ड में दिन रात डयूटी देने वाले सुरक्षा कर्मियों को क्वारंटाइन होने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. सुरक्षा कर्मियों को वैसे सर्किट हाऊस में क्वारंटाइन होने के लिए ठहरने की व्यवस्था का प्रावधान किया गया है, लेकिन वहां पर अब सर्किट वालों द्वारा मना किया जा रहा है. अब सुरक्षा कर्मियों की मुश्किलें बढ़ गई हैं. सुरक्षा कर्मी 10 दिन कोविड वार्ड में डयूटी देते हैं. उसके बाद उन्हें 7 दिन तक क्वारंटाइन में भेजा जाता है.

सुरक्षा कर्मियों को हो रही परेशानी

क्वारंटाइन होने के लिए उनको सर्किट हाऊस में व्यवस्था की गई है. वहीं, सुरक्षा कर्मियों का कहना है कि सर्किट हाऊस वालों द्वारा उन्हें वहां पर ठहरने के लिए मना किया जाता है. सुरक्षा कर्मियों ने कहा कि सर्किट हाऊस वाले उन्हें निर्देश दे रहे हैं कि अगर यहां पर रहना है तो प्रतिदिन के हिसाब से 2800 रुपए देने होंगे. तभी यहां पर रूक सकते हैं.

वीडियो.

सुरक्षा कर्मी सचिन ने कहा कि आईजीएमसी के सुरक्षा कर्मियों ने कोविड काल में अपनी जिंदगी दाव पर लगाई है, लेकिन सुविधा नाम की कोई चीज नहीं दी जा रही है. बीते दिन गुरुवार को जब वे डयूटी के बाद क्वारंटाइन होने सर्किट हाऊस गए तो वहां पर पुलिस व कर्मचारियों ने उन्हें रोक दिया. उन्होंने कहा कि आप यहां पर नहीं ठहर सकते. बाद में बड़े मुश्किल से मामला शांत करवाया गया.

सुरक्षा कर्मियों की सरकार से मांग

सुरक्षा कर्मियों ने कहा कि हर दिन यहां पर दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. अगर वे कोरोना पॉजिटिव आ गए तो इसका जिम्मेदार कौन है. सुरक्षा कर्मियों ने सरकार और प्रशासन ने मांग की है कि उन्हें क्वारंटाइन होने के लिए ऐसी जगह दी जाए, जहां पर उन्हें परेशान न किया जाए. सुरक्षा कर्मी कोरोना काल में ईमानदारी से कार्य कर रहे हैं. इसलिए कर्मियों को सुरक्षा दी जाए.

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