शिमला: प्रदेश में कोरोना संक्रमण तेजी से फैलता जा रहा है. जहां पहले इक्का दुक्का मामले ही सामने आ रहे थे वहीं, अब कम्युनिटी स्प्रेडिंग से प्रतिदिन दर्जनों मामले सामने आने लगे हैं. अकेले राजधानी में ही प्रतिदिन 40 से 50 मामले सामने आ रहे हैं.
शिमला शहर की यदि बात की जाए तो यह अब सभी वार्डों में फैल चुका है और 2 से 3 मामले सभी वार्डों से आ रहे हैं. ऐसे में कोरोना ट्रांसमिशन को रोकने के लिए सरकार द्वारा मास्क अप इंडिया कैम्पेन शुरू किया गया है जिससे मास्क को सही तरीके से पहनने बारे जानकारी दी जा रही है.
ईटीवी भारत ने आइजीएमसी में मेडिसिन विभाग के विशेषज्ञ चिकित्सक डॉ. विमल भारती से जब बात की तो उन्होंने बताया कि जब तक दवाई नहीं आती है तब तक मास्क का सही उपयोग ही बीमारी से बचा सकता है. उनका कहना था की मास्क से 65 फीसदी ट्रांसमिशन रुक सकता है. मास्क का सदुपयोग ही कोरोना को फैलने से सक्षम है.
उन्होंने कहा कि मास्क अप इंडिया कैम्पेन का उद्देश्य यही है कि लोगों को मास्क को टेक्निकल तरीके से पहनने को बताया जाए. उनका कहना था कि लोग अभी भी मास्क को बोझ समझते है और जब देखते है कि कोई नहीं देख रहा तो उसे उतार लेते या ठोड़ी पर लटका लेते है.
उन्होंने कहा कि यदि मास्क को सही तरीके से नही पहना जाता मास्क पहनने का कोई फायदा नहीं है. डॉ विमल भारती ने बताया कि मास्क का सही प्रयोग संक्रमण को फैलने से रोक सकता है. उनका कहना था कि मास्क को ना केवल सही तरीके से पहनना बल्कि इसे ठीक से डिसकार्ड करना भी जरूरी है.
उनका कहना था कि लोगो में यह धारणा है कि कोरोना तो कुछ नहीं है इससे लोग ठीक हो रहे हैं, लेकिन सेंटोमेटिक व्यक्ति से अन्य भी संक्रमित हो सकता है और जिन मासूमों ने जान गंवाई है उनके बारे में भी सोचें.
गौरतलब है कि कोरोना संक्रमण से लोगों मे अब डर पैदा हो गया है आलम यह है कि यदि किसी को खांसी आ जाए तो लोग यही कहते इसे कहीं कोरोना तो नहीं है. आइजीएमसी में प्रतिदिन 300 से 400 लोगों के कोरोना टेस्ट हो रहे हैं और 40 से 50 पॉजिटिव आ रहे हैं मतलब लोग खुद सामने आ कर टेस्ट करवा रहे हैं.