शिमला: हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी (Himachal Pradesh University) समरहिल शिमला में सेल्फ फाइनेंस स्कीम के तहत नियुक्त सैंकड़ों कर्मचारियों को नियमित करने के मामले में हाईकोर्ट ने यूनिवर्सिटी (Himachal High Court ) के रजिस्ट्रार को तलब किया है. इन कर्मियों को गैरकानूनी तरीके से नियमित करने के आरोप हैं. विजय कुमार की याचिका पर हाईकोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति संदीप शर्मा ने सुनवाई की. न्यायमूर्ति संदीप शर्मा ने एचपीयू के रजिस्ट्रार को अगली सुनवाई के दौरान अदालत में उपस्थित रहने के आदेश भी जारी किए हैं.
हाईकोर्ट में मामले पर सुनवाई के दौरान अदालत ने पाया कि यूनिवर्सिटी में बड़ी संख्या में सेल्फ फाइनेंस स्कीम के तहत नियुक्तियां की गई थी. इनमें लैब अटेंडेंट, क्लर्क और चपरासी इत्यादि शामिल थे. इन कर्मचारियों में से अधिकतर कर्मचारी नियमित कर दिए गए परंतु प्रार्थियों के मामले में फर्जी आपत्तियां उठाई जाती रही. हाईकोर्ट ने मामले का रिकार्ड देखने पर पाया कि यूनिवर्सिटी में पद खाली न होने के बावजूद सेल्फ फाइनेंस स्कीम के तहत रखे गए अनेक कर्मचारियों को नियमित कर अन्य विभागों में तब तक भेज दिया गया जब तक संबंधित विभाग में पद रिक्त नहीं थे.
हाईकोर्ट ने मामले से जुड़े रिकॉर्ड को खंगालने पर पाया कि यूनिवर्सिटी ने पिक ऐंड चूज वाली पॉलिसी अपनाई और बिना नियमों को फॉलो किए इतनी बड़ी संख्या में चहेतों का नियमितिकरण कर दिया. हाईकोर्ट ने किसी भी निर्णय पर पहुंचने से पहले रजिस्ट्रार को तलब करने आदेश दिए. अब इस मामले पर सुनवाई 29 नवंबर को होगी. अगली सुनवाई पर हिमाचल यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार को हाईकोर्ट के समक्ष निजी तौर पर पेश होना होगा.(HPU registrar summoned in Himachal High Court).
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